
आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स (Ultra-Processed Foods) हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं। ये फूड्स न केवल आसानी से मिल जाते हैं, बल्कि बनाने में भी बहुत कम समय लेते हैं और स्वाद में लाजवाब होते हैं। हालांकि, इनका ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में चीनी, ट्रांस फैट, नमक और आर्टिफिशियल फ्लेवर जैसे हानिकारक तत्व पाए जाते हैं। इनकी शेल्फ लाइफ लंबी बनाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स और केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि ये फूड्स पोषण के नजरिए से हेल्दी नहीं होते और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं। शोध बताते हैं कि इनका ज्यादा सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है। मोटापा, सूजन और कमजोर इम्यूनिटी जैसे कारक कैंसर की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाते हैं और इन समस्याओं से जूझ रहे लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खा लें, तो समस्या बढ़ सकती है। इस लेख में जानेंगे कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स कैंसर के खतरे को कैसे बढ़ाते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स क्या हैं?- What are Ultra Processed Foods
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो अपने प्राकृतिक रूप से बहुत ज्यादा बदल दिए जाते हैं। इनमें आमतौर पर अतिरिक्त शक्कर, ट्रांस फैट, नमक, प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर शामिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर- इंस्टैंट नूडल्स, पैकेज्ड स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्रोजन फूड्स शामिल हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर की स्टडी में बताया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इनमें मौजूद प्रिजर्वेटिव्स और फ्लेवर्स के कारण कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने से कैंसर का खतरा कैसे बढ़ता है?
- इन फूड्स में ज्यादा मात्रा में शुगर होती है, जो मोटापे के लक्षण बढ़ा देती है। मोटापा खुद ही कैंसर का एक बड़ा जोखिम है, खासकर ब्रेस्ट, कोलन और किडनी कैंसर के लिए।
- इन फूड्स में ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर में सूजन (Inflammation) को बढ़ा सकता है। लगातार सूजन से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- इन फूड्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए प्रिजर्वेटिव्स जैसे नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स का इस्तेमाल होता है। ये केमिकल्स शरीर में कार्सिनोजेन्स कंपाउड्स (carcinogenic compounds) में बदल सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों की कमी और अतिरिक्त कैलोरीज और हानिकारक तत्व होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
- इनमें पाए जाने वाले आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और रंग शरीर की कोशिकाओं पर खराब असर डाल सकते हैं, जिससे कोशिकाओं की डीएनए संरचना में बदलाव आ सकता है।
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वैज्ञानिक प्रमाण क्या कहते हैं?
2018 में फ्रांस में एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का ज्यादा सेवन करते हैं, उनमें कैंसर का जोखिम 10 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसी तरह, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया है।
कैंसर के खतरे को कैसे कम करें?- How to Reduce Cancer Risk
- फल, सब्जियां, अनाज और दालें कैंसर से बचाव में मदद करती हैं।
- पैकेज्ड और रेडी-टू-ईट फूड्स का सेवन कम करें।
- घर में ताजे और पौष्टिक सामग्री से बने भोजन का सेवन करें।
- बाजार से खाद्य पदार्थ खरीदते समय उनके लेबल पर सामग्री और पोषण संबंधी जानकारी जरूर पढ़ें।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इनके ज्यादा सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए ताजे और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
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Study Source: British Journal of Cancer
Study Link: https://www.nature.com/articles/s41416-022-01749-yy
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