डेंगू बुखार न केवल शरीर को शारीरिक रूप से कमजोर करता है, बल्कि यह अन्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है। मानसून के समय में मच्छर तेजी से पनपते हैं। ऐसे में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की संख्या में भी तेजी से इजाफा होता है। डेंगू का बुखार होने पर अक्सर लोग इसे फ्लू या मौसम बदलने के कारण होने वाला सामान्य बुखार समझ लेते हैं। लेकिन, सही समय पर इलाज से आप इसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं। डेंगू बुखार आपके लिए कई अन्य तरह की समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है। इसकी बढ़ी वजह आपकी कमजोर इम्यूनिटी हो सकती है। प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, साइटोकाइन स्टॉर्म, प्लेटलेट्स की कमी, और दूसरी बार संक्रमण का खतरा डेंगू को एक गंभीर बीमारी बना सकता है। इस लेख में यशोदा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ ए पी सिंह से आगे जानते हैं कि डेंगू का बुखार होने पर आपकी इम्यूनिटी पर क्या असर (how does dengue fever affect immune system) पड़ता है?
डेंगू बुखार इम्यूनिटी को किस तरह प्रभावित करता है - How Does Dengue Fever Affect Immune System In Hindi
प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी
डेंगू वायरस शरीर में प्रवेश करते ही सबसे पहले मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली पर अटैक करता है। जब शरीर किसी वायरस के संपर्क में आता है, तो सफेद रक्त कणिकाएं (WBCs) और टी-कोशिकाएं (T-cells) तुरंत सक्रिय हो जाती हैं ताकि इंफेक्शन को खत्म किया जा सके। लेकिन डेंगू वायरस इन कोशिकाओं पर हमला करता है, जिससे उनकी संख्या और कार्यक्षमता कम हो जाती है।
प्लेटलेट्स की कमी
डेंगू बुखार का एक प्रमुख लक्षण प्लेटलेट्स (platelets) की कमी है। प्लेटलेट्स ब्लड में पाए जाने वाले छोटी कोशिकाएं होती हैं जो ब्लड के क्लॉटिंग में मदद करती हैं। डेंगू वायरस के कारण, शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है, जिससे रक्तस्राव (Bleeding) का खतरा बढ़ जाता है।
साइटोकाइन स्टॉर्म (Cytokine Storm)
डेंगू वायरस के प्रभाव में आने से शरीर में एक असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न हो सकती है, जिसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहा जाता है। साइटोकाइन्स वह प्रोटीन होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जब डेंगू होता है, तो शरीर अत्यधिक मात्रा में साइटोकाइन्स का उत्पादन करने लगता है, जिससे अत्यधिक सूजन और टिश्यू के डैमेज होने का जोखिम बढ़ जाता है।
लिवर और किडनी पर प्रभाव
डेंगू वायरस का इम्यून सिस्टम पर पड़ने वाला असर लिवर और किडनी जैसे अंगों पर भी देखा जा सकता है। लिवर का कार्य विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालना होता है, लेकिन डेंगू वायरस लिवर की कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता घट जाती है। इससे मरीज को जॉन्डिस (पीलिया) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरी बार इंफेक्शन का अधिक खतरा
डेंगू वायरस के चार अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिन्हें सीरोटाइप कहा जाता है। यदि एक व्यक्ति एक प्रकार के डेंगू वायरस से संक्रमित होता है और ठीक हो जाता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली उस विशेष प्रकार के वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेती है। लेकिन यदि वही व्यक्ति किसी अन्य सीरोटाइप से संक्रमित होता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली इसे पहचानने में असमर्थ हो सकती है और दूसरी बार संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है।
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How is the immune system affected through dengue: डेंगू बुखार आपकी प्रतिरक्षण प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, साइटोकाइन स्टॉर्म, प्लेटलेट्स की कमी, और दूसरी बार संक्रमण का खतरा डेंगू को एक गंभीर बीमारी बना सकता है। इसीलिए, डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव और सफाई का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है।