बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस काजोल को आज उनकी खूबसूरती और ग्लोइंग स्किन के लिए जाना जाता है, लेकिन अगर आप उनकी शुरुआती फिल्मों को याद करें, तो उनकी स्किन टोन गेहुंआ (wheatish) थी। जैसे-जैसे समय बीता, उनकी स्किन पहले से कहीं ज्यादा गोरी और निखरी हुई नजर आने लगी। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या काजोल ने कोई Fairness Treatment लिया? क्या ये ग्लो सिर्फ स्किन केयर से मुमकिन है या इसके पीछे कोई मेडिकल या कॉस्मेटिक प्रोसेस (gora hone ke liye kya karna chahie) है?
इसी तरह एक्ट्रेस फ्रीडा पिंटो की स्किन टोन में भी समय के साथ फर्क देखा गया है। अब ये बदलाव महज मेकअप का कमाल है या कोई साइंटिफिक प्रोसेस? इस सवाल का जवाब देती हैं स्किन एक्सपर्ट Dr. Prabha Singh, जो बताती हैं कि आजकल बॉलीवुड में ग्लूटाथियोन (Glutathione) जैसे एंटीऑक्सीडेंट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, जो स्किन को 1-2 शेड तक हल्का करने में मदद करता है। इस लेख में हम स्किन एक्सपर्ट डॉक्टर प्रभा सिंह से जानेंगे काजोल और फ्रीडा पिंटो जैसी एक्ट्रेसेस की फेयर स्किन के पीछे के सीक्रेट्स, ग्लूटाथियोन थेरेपी क्या होती है, इसके फायदे-नुकसान और क्या आपको ये ट्राई करना चाहिए या नहीं।
काजोल गोरी कैसे हो गईं? - Did Kajol Get Skin Lightening
डॉ. प्रभा सिंह बताती हैं कि जब काजोल ने अपने करियर की शुरुआत की थी, उनकी त्वचा सांवली जैसी रंगत की थी। लेकिन समय के साथ उनकी स्किन पहले से कहीं ज्यादा फेयर नजर आने लगी। यही बात फ्रीडा पिंटो पर भी लागू होती है। उन्होंने भी अपने स्किन टोन में सुधार किया है। ये कोई चमत्कार नहीं बल्कि ट्रीटमेंट्स का रिजल्ट है। जहां एक ओर पश्चिमी देशों में लोग टैनिंग यानी त्वचा को गहरा करने के लिए प्रयास करते हैं, वहीं भारत में लोग गोरी स्किन की तलाश में रहते हैं। इसी सोच ने ग्लूटाथियोन जैसे ट्रीटमेंट्स को फेमस बना दिया है। ग्लूटाथियोन एक पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर में मेलानिन की मात्रा को कम करता है, जिससे स्किन कुछ शेड्स तक हल्की हो सकती है।
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सेलेब्रिटीज की स्किन ग्लो और फेयरनेस का राज केवल ट्रीटमेंट ही नहीं, बल्कि उनकी डेली स्किन केयर रूटीन, डाइट, हाइड्रेशन और अच्छी नींद में भी छिपा है। काजोल और फ्रीडा पिंटो जैसे सितारे अपने स्किन केयर में प्रोफेशनल्स की मदद लेते हैं और नियमित रूप से स्किन क्लीनअप, एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स और UV प्रोटेक्शन अपनाते हैं।
ग्लूटाथियोन क्या है और यह कैसे काम करता है? - What does glutathione do to the body
ग्लूटाथियोन हमारे शरीर में पहले से पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स (glutathione kya hota hai) से बचाता है। यह लिवर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। स्किन के लिहाज से, यह शरीर में मेलानिन के प्रोडक्शन को धीमा करता है, जिससे स्किन टोन हल्का (how to lighten skin tone) दिखाई देने लगता है। हालांकि, यह आपकी नेचुरल स्किन टोन को पूरी तरह से नहीं बदल सकता, बस 1-2 शेड तक हल्का कर सकता है।
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ग्लूटाथियोन कैसे लिया जाता है? - What is the proper way to take glutathione
ग्लूटाथियोन कई रूपों में उपलब्ध है, जैसे कि टैबलेट्स (500 mg सुबह और शाम), इंजेक्शन और ड्रिप्स (सप्ताह में एक बार, 6 हफ्तों तक), क्रीम्स आदि। डॉक्टर आमतौर पर ग्लूटाथियोन के साथ विटामिन C लेने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह इसके प्रभाव को बढ़ाता है। ग्लूटाथियोन ड्रिप्स लेने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए कि प्रक्रिया साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण में हो।
ग्लूटाथियोन ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स और सावधानियां - Does glutathione have negative effects
- अगर आप ड्रिप्स ले रहे हैं और स्थान साफ-सुथरा नहीं है तो इंफेक्शन का खतरा होता है।
- एलर्जी या स्किन रिएक्शन
- प्रेग्नेंट महिलाओं और स्किन डिजीज से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह जरूरी है
- कोई भी स्किन ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले स्किन स्पेशलिस्ट से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
ग्लूटाथियोन के प्राकृतिक स्रोत क्या हैं? - What foods are high in glutathione
अगर आप नेचुरल तरीके से स्किन हेल्थ सुधारना चाहते हैं, तो ग्लूटाथियोन बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन करें। इसके लिए सल्फर युक्त फूड्स, जैसे ब्रोकली, मूली, फूलगोभी को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट फूड्स, जैसे टमाटर (लाइकोपीन), गाजर (बीटा-कैरोटीन), अंगूर, आंवला (विटामिन C) का सेवन बढ़ाएं। साथ ही भरपूर पानी पीना और नींद पूरी लेना भी स्किन को हेल्दी बनाता है
क्या ग्लूटाथियोन स्किन को परमानेंट गोरा करता है? - Does glutathione give permanent results
डॉ. प्रभा सिंह कहती हैं कि ग्लूटाथियोन का असर लगभग 3-4 महीने तक रहता है। इसके बाद अगर आप स्किन टोन बनाए रखना चाहते हैं तो दोबारा ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है। इसका असर खासतौर पर उन लोगों पर होता है जिनकी स्किन सांवली होती है। बहुत ज्यादा सांवली या पहले से बहुत गोरी स्किन पर इसका असर सीमित होता है।
निष्कर्ष
गोरी और ग्लोइंग स्किन पाना आज के दौर में पूरी तरह से संभव है, लेकिन इसके लिए सावधानी और सही जानकारी जरूरी है। ग्लूटाथियोन जैसे ट्रीटमेंट्स से रंगत को 1-2 शेड हल्का किया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से नेचुरल स्किन कलर को बदल नहीं सकता। साथ ही, इसका असर सीमित समय तक रहता है और बार-बार ट्रीटमेंट (How do actresses get fair skin) की जरूरत होती है। यदि आप अपनी स्किन में सुधार चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह से ही किसी भी ट्रीटमेंट को अपनाएं।
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FAQ
ग्लूटाथियोन स्किन को कैसे गोरा करता है?
ग्लूटाथियोन एक नेचुरल एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर में मेलानिन के प्रोडक्शन को कम करता है। इससे स्किन 1-2 शेड तक हल्की और ग्लोइंग नजर आ सकती है। इसे टैबलेट, इंजेक्शन या ड्रिप्स के रूप में डॉक्टर की सलाह पर लिया जा सकता है।क्या ग्लूटाथियोन थेरेपी पूरी तरह सुरक्षित है?
सामान्यतौर पर ये थेरेपी सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे स्किन एलर्जी। इसलिए इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।ग्लूटाथियोन लेने का सबसे असरदार तरीका कौन-सा है?
डॉक्टरी सलाह के अनुसार ग्लूटाथियोन टैबलेट्स (500 mg सुबह-शाम) और ड्रिप्स (साप्ताहिक 1 बार, 6 हफ्ते) सबसे अधिक असरदार माने जाते हैं। क्रीम्स या साबुन से सतही तौर पर चमक आती है, लेकिन टैबलेट और ड्रिप्स गहराई तक असर करते हैं।