टेक्नोलॉजी के विकास के साथ पूरी दुनिया में हेल्थ केयर सुविधाएं बेहतर होती जा रही हैं। वहीं खबर है कि आने वाले भविष्य में 5G तकनीक के साथ, जल्द ही भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक क्रांति आ सकती है। यह सच है कि इसके विकास में अभी वक्त लगेगा, लेकिन हम पहले से ही इस क्षेत्र में बहुत सारी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि और बेहतर हो सकती हैं। 5G का आगमन केवल इसे एक पायदान और ऊपर ले जाएगा। यह नई तकनीक अपने साथ तेजी से कनेक्शन लाएगी, जो सेवा को तेज और अधिक विश्वसनीय बनाएगी। इससे जहां बीमारियों का पता लगानी आसान हो जाएगा, वहीं रिमोट रोबोट सर्जरी जल्द ही एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है। यह तकनीक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए मरीजों को बेहतर और अधिक व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करने के लिए भी संभव बनाएगी।
नहीं जाना होगा डॉक्टर के पास
5G के साथ उम्मीद है कि भविष्य में लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा। यह आपको अपने फोन पर एक टैब से उपलब्ध मिलेगा। आपको बस अपने 5 जी से सक्षम फोन से एक छोटा टेलीकॉल बनाना होगा और आपका डॉक्टर आपके पास होगा। इस तरह आप घर बैठे ही बीमार पड़ने पर डॉक्टर को दि्खा सकते हैं और दवाइयों से जुड़ी सुविधाएं पा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: एक्टर अक्षय कुमार ने वेगन डाइट का लिया सहारा, जानें क्या-क्या किया डाइट में शामिल
वियरब्रल्स के जरिए सतत निगरानी
आज, कई अस्पताल और हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी वियरब्रल्स से डेटा इकट्ठा करने के नए तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उन्हें स्वास्थ्य और उपचार योजनाओं में शामिल करने में मदद मिलेगी। दिल से जुड़ी बीमारियों और यहां तक कि स्लीप एपनिया को ट्रैक करने के लिए वीयरबल्स का उपयोग किया जा सकता है। 5G का आगमन बस इसे और अधिक आसान बना देगा। यह एक ही बार में कई बॉयोमीट्रिक योग्य उपकरणों से स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी को सक्षम कर सकता है। यह निवारक देखभाल को अधिक प्रभावी और कुशल बना देगा।
दूरस्थ निदान और इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल
5G वर्चुअल रियलिटी को सपोर्ट करेगा। यह डॉक्टरों को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में सक्षम करेगा। यह स्ट्रोक जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं के निदान और उपचार में मदद करेगा। वहीं गंभीर बीमारियों का इलाज भी इमेजिंग तकनीक द्वारा ही करने की कोशिश की जाएगी। वहीं इससे कुछ जटिल बीमारियों को आसान बनाने में मदद मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: बुढ़ापें में ज्यादा समय बैठे रहने वाली महिलाओं में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा: शोध
बड़ी इमेजिंग फाइलें जल्दी अपलोड की जाएंगी
एमआरआई, सीटी स्कैन और कई अन्य इमेजिंग डिवाइस बहुत बड़ी फाइलें भेजते हैं। इन फाइलों को उन्हें पढ़ने और निदान देने के लिए एक विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। 5G के साथ, इन फाइलों को आसानी से अपलोड किया जा सकता है और तुरंत समीक्षा के लिए भेजा जा सकता है। इससे मरीज का इंतजार कम हो जाता है। 5G मजबूती से इन फाइलों को ले जाएगा और आपका डॉक्टर एक निदान करेगा और पूरी प्रक्रिया में शायद ही पहले से कम समय लगे। बीमारी का जल्द पता लग जाना और इलाज का सही वक्त पर शुरू हो जाना कई जिंदगियों को बचा सकता है।
Read more articles on Health-News in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version