खुशनुमा शादीशुदा जिंदगी के लिए हार्मोन जिम्‍मेदार

खुशनुमा शादीशुदा जिंदगी की असल वजह आपसी समझदारी ही नहीं, बल्कि आपके मस्तिष्‍क में पैदा होने वाला हार्मोन भी उत्तरदायी होता है। एक ताजा वैज्ञानिक शोध में यह बात सामने आयी है।
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खुशनुमा शादीशुदा जिंदगी के लिए हार्मोन जिम्‍मेदार


happy married lifeकुछ लोगों की शादीशुदा जिंदगी हमेशा खुशहाल रहती है। वे एक दूसरे के साथ दोस्‍त की तरह रहते हैं और उनमें परस्‍पर सम्‍मान की भावना रहती है। लेकिन, असल में एक खुशनुमा शादीशुदा जिंदगी की असल वजह आपसी समझदारी ही नहीं, बल्कि आपके मस्तिष्‍क में पैदा होने वाला हार्मोन भी उत्तरदायी होता है।



एक नये शोध में यह बात सामने आयी है कि ऑक्‍सीटोसिन एक दूजे  के प्रति भावनाओं को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है।



प्रयोग की श्रृंखला के दौरान, मस्तिष्‍क की स्‍कैनिंग के दौरान जाते समय जिन पुरुषों की नाक पर हॉर्मोन स्‍प्रे किया गया, वे उस समय अपनी प्रिय की तस्‍वीर देख रहे थे।  



नतीजों ने दिखाया कि मस्तिष्‍क का रिवार्ड सेंटर नाक पर नकली स्‍प्रे करने वाले पुरुषों के के मुकाबले ऑक्‍सीटिन ग्रुप वाले पुरुषों में अधिक सक्रिय रहा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे पता चलता है कि एक खुशनुमा शादीशुदा जिंदगी के लिए ऑक्‍सीटिन की अहम भूमिका होती है। लेकिन, शोधकर्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि रिश्‍ते टूटने के पीछे इस हार्मोने की कमी ही अकेला कारण नहीं होती।



ऑक्‍सीटिन का निर्माण मस्तिष्‍क में होता है और यह कई काम करता है। यह गर्भवती महिलाओं में लेबर और दुग्‍ध-लवण निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। इसके साथ ही सेक्‍स के दौरान दोनों साथियों में सबसे अधिक ऑर्गेज्‍म का स्राव करता है। कई बार इसे 'कडल' हार्मोन भी कहा जाता है। जब इनसान प्‍यार में होता है, तब भी मस्तिष्‍क इस हार्मोन का स्राव करता है।



बॉन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर, जर्मनी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया हालिया शोध प्‍यार और प्रतिबद्धता को लंबे समय तक कायम रखने में भी इस हार्मोन की भूमिका की ओर इशारा करते हैं। 



इस शोध में 40 हेट्रोसेक्‍चुल पुरुषों को शामिल किया गया, जो एक स्‍थायी रिलेशन में थे। ऐसे पुरुषों को उनकी नाक में एक डोज ऑक्‍सीटिन दी गयी और फिर उन्‍हें तस्‍वीरों के दो समूह दिखाये गए। पहली तस्‍वीरें उनके साथी की थी वहीं दूसरी ऐसी महिला की जिससे वे पहले कभी नहीं मिले थे। प्रमुख शोधकर्ता डॉक्‍टर डिर्क स्‍चीले का कहना है कि जब उन्‍हें ऑक्‍सीटिन दिया गया, तो उन्‍हें अपना साथी अन्‍य महिलाओं के मुकाबले और अधिक आकर्षक लगा।



बाद में किसी दिन, सभी पुरुषों के साथ यह प्रक्रिया दोहरायी गयी, लेकिन इस बार उनकी नाक पर प्‍लेकेबो यानी कूटभेषक स्‍प्रे किया गया। दोनों जांच के दौरान शोधकर्ताओं ने पुरुषों के मस्तिष्‍क में रोमांस की जांच के लिए स्‍कैनिंग की।

शोध में यह बात सामने आयी कि मस्तिष्‍क के पुरस्‍कार वाले क्षेत्र हार्मोन स्‍प्रे के दौरान अधिक सक्रिय रहे। यह शोध नेशनल अकादमी ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ है।

 

Source- Daily Mail

 

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