एचआईवी एक गंभीर और जटिल समस्या है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। असम में पिछले कुछ समय से इस इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में चिंता जाहिर की है। दरअसल, असम के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने शुक्रवार को कहा कि एचआईवी के मामलों में तेजी से बढ़त देखी जा रही है, जिसके पीछे का मुख्य कारण नशीली दवाओं का इस्तेमाल करना है। चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
मरीजों के साथ काम कर रही सरकार
महंत के मुताबिक सरकार गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए काम कर रही है। इन मरीजों की पहचान को गोपनीय रखा गया है। प्रश्नकाल के दौरान इन सभी बातों पर चर्चा हुई। रिपोर्ट की मानें तो नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने वाले 50 प्रतिशत लोग एचआईवी-एड्स से संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक साल 2023 में दिसंबर तक 9,90,372 टेस्ट किए गए, जिनमें से 5,791 की रिपोर्ट सकारात्मक पाई गई। .
राज्य में जागरुकता की कमी
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विधायक सिबामोनिया बोरा ने इन मामलों के बढ़ने के पीछे राज्य में जागरुकता की कमी को भी जिम्मेदार ठहराया। इन्होंने इस मामले के तेजी से बढ़ने का दावा किया और सरकार को एचआईवी के प्रति जागरुकता नहीं फैलाने के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविड 19 के बाद से एचआईवी इंफेक्शन पर ध्यान देना बंद कर दिया है। हालांकि, नशीली दवाओं की रोकथाम करने के लिए सरकार द्वारा एक ड्राइव की शुरुआत की जा रही है।
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एचआईवी से बचने के तरीके
- एचआईवी से बचने के लिए आपको नशीली दवाओं और इंजेक्शन से दूरी बनानी चाहिए।
- इससे बचने के लिए ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाने से बचें।
- इसके लिए आपको यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अगर आपको सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) है तो ऐसे में उसका उपचार कराना चाहिए।
- एचआईवी से पीड़ित मरीज के साथ खान-पान शेयर करने से बचें।
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