मेनोपॉज के बाद हर 4 में से 1 महिला को हो सकती है हार्ट से जुड़ी ये समस्या, स्ट्रेस भी है इसका बड़ा कारण

एट्रियल फाइब्रिलेशन होने पर हार्ट के उपर मौजूद चैंबर काफी तेजी से या फिर अनियमित होकर धड़कता है। कुछ लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं।
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मेनोपॉज के बाद हर 4 में से 1 महिला को हो सकती है हार्ट से जुड़ी ये समस्या, स्ट्रेस भी है इसका बड़ा कारण


मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कई कठिनाईयों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में शरीर में कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में स्ट्रेस या फिर नींद की कमी भी शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक स्ट्रेस या फिर नींद की कमी से जूझ रही 4 में से एक महिला को मेनोपॉज के बाद हार्ट से जुड़ी समस्या से गुजरना पड़ सकता है। जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक यह एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial fibrillation) यानि एरिथमिया का एक प्रकार है।इस स्थिति में दिल की धड़कन प्रभावित हो सकती है। ऐसे में कई बार दिल की धड़कन अनियमित होने के साथ-साथ तेज भी हो सकती है। यह स्थिति होने पर कई बार शरीर में ब्लड क्लॉटिंग, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर या फिर हार्ट से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। एट्रियल फाइब्रिलेशन होने पर हार्ट के उपर मौजूद चैंबर काफी तेजी से या फिर अनियमित होकर धड़कता है। कुछ लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन आप दिल की धड़कन बढ़ने या फिर सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में इसका पता लगा सकते हैं। 

स्ट्रेस और इनसोमनिया से हो सकती है हार्ट की समस्याएं 

स्ट्रेस और नींद की कमी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनता है। दरअसल, लगातार नींद की कमी होने से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, जो आगे चलकर स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का भी कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति में ब्लड वेसल्स डैमेज होने के साथ ही हार्ट की मांसपेशियां कमजोर होने की भी आशंका रहती है। वहीं, लगातार स्ट्रेस में रहने से हार्ट की वेसल्स संकुचित हो जाती हैं साथ ही हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिस कारण हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 

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स्ट्रोक से बचने के तरीके 

स्ट्रोक से बचने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल और खान-पान पर विशेषतौर पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में डायबिटीज या फिर ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को मैनेज करें। इससे बचने के लिए धूम्रपान और शराब पीने की आदत से परहेज करें। यही नहीं इसके लिए कोलेस्ट्रॉल और मोटापे पर भी लगाम लगाएं।

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