आज के समय में हेडफोन का इस्तेमाल काफी किया जाने लगा है। ऑफिस में काम करने वाले बहुत से लोग हेडफोन लगाकर वर्क करते हैं। वहीं ट्रेवल करने वाले लोग सफर में हेडफोन या ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं रात को सोते समय भी बहुत से लोग ईयरफोन लगाकर संगीत सुनना पसंद करते हैं। काम के चलते हेडफोन लगाना कुछ लोगों की मजबूरी है। वहीं बहुत से लोग शौक के चलते इसका इस्तेमाल करते हैं। यहीं कारण है कि मौजूदा समय में हेडफोन या ईयरफोन सबके लिए जरूरी हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हेडफोन का ज्यादा इस्तेमाल कानों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, हेडफोन कानों के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए इसका ज्यादा इस्तेमाल बहरापन ला सकता है। इस लेख में जानेंगे हेडफोन-ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को कैसे दूर कर सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
हेडफोन से हो सकता है बहरापन- Headphones Cause Hear Loss
हेडफोन से बहरेपन की समस्या हो सकती है। कुछ लोग काम के चक्कर में 8 या 9 घंटे भी हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने से जल्द ही बहरेपन की समस्या आ सकती है। ज्यादा देर तक हेडफोन के इस्तेमाल से कान में हवा और ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है।
तेज आवाज कानों के लिए खतरनाक
हेडफोन का इस्तेमाल करने से तेज आवाज सीधे कानों तक जाती है। इससे कानों की कोशिकाएं प्रभावित होती है। दरअसल, कान के अंदर का हिस्सा बहुत नाजुक होता है। इसमें हजारों कोशिकाएं होती है, जिनमें से कुछ बाल से भी पतली होती है। ये कोशिकाएं ही आवाज को कान के द्वारा दिमाग तक भेजने का काम करती है। हेडफोन लगाने से तेज आवाज इन नाजुक कोशिकाओं पर बहुत दबाव डालती है। इससे इनका काम बाधित हो जाता है।
फट सकते हैं कान के पर्दे
हेडफोन द्वारा तेज आवाज में सुनने से कानों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। हेडफोन के इस्तेमाल से पर्दे फट भी सकते हैं। 85 डेसिबल से ज्यादा आवाज दो घंटे से ज्यादा सुनने से कानों में हानि पहुंच सकता है। वहीं, 105 से 110 डेसिबल लेवल तक आवाज सुनने पांच मिनट भी कानों के लिए खतरनाक है।
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कानों की देखभाल के तरीके- How to Protect Your Ears
- हेडफोन का लगातार इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर हेडफोन लगाना आपकी मजबूरी है तो बीच बीच में हेडफोन को हटाते रहे। इससे कान में हवा और ऑक्सीजन की सप्लाई होती रहती है। इस कारण संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता है।
- हेडफोन के रबड़ सेट की समय-समय पर सफाई करते रहना चाहिए। साथ ही इसे बदलते भी रहना चाहिए। ताकि कानों को किसी तरह का नुकसान ना पहुंचे।
- हेडफोन से तेज आवाज में गाने नहीं सुनने चाहिए। हेडफोन की आवाज का स्तर 60 से 70 डेसिबल के बीच में ही होना चाहिए।
- रात के समय हेडफोन या ईयरफोन के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
- अगर बहुत जरूरी ना हो तो हेडफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- हेडफोन लगाने के बाद अगर कानों में दर्द या झनझनाहट हो तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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