Health Risks of Inhaling Carbon Dioxide Behind the Mask: देश की राजधानी दिल्ली समेत ज्यादातर उत्तर भारत की मेट्रो सिटीज इन दिनों वायु प्रदूषण के प्रकोप से जूझ रही है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स कई जगहों पर 700 का भी आंकड़ा पार कर चुका है। प्रदूषण से दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए लोग अलग-अलग तरीकों को आजमा रहे हैं। नौकरीपेशा लोग घर से बाहर जाते समय प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद वायु प्रदूषण के दौर में अब मास्क दिल्लीवालों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। मास्क पहनने से वातावरण में मौजूद हानिकारक कण, मिट्टी, धूल और हानिकारक गैसों से बचा जा सकता है।
हालांकि, ज्यादा लंबे समय तक मास्क पहनकर रहने की वजह से सांस के जरिए शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO₂) जाता है और यह बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है। मास्क लगाने से सांस से बाहर निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड से होने वाले नुकसान के बारे में , हम चर्चा करने वाले हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए ओनली माय हेल्थ की टीम ने मुंबई की एमबीबीएस कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. रूही पीरजादा से बातचीत की।
इसे भी पढ़ेंः कपड़े वाला, सर्जिकल या कार्बन फिल्टर वाला मास्क, प्रदूषण से बचाने में कौन सा मास्क है सबसे कारगर?
मास्क में सांस लेने से शरीर के अंदर जा रहा है कार्बन डाइऑक्साइड
लंबे समय तक मास्क पहनने से चेहरे और मास्क के बीच की जगह में सांस के जरिए शरीर के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड यानि की CO₂ फंस जाती है। इसके कारण कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता बढ़ जाती है। डॉ. पीरजादा ने बताया कि "N95 मास्क, कपड़े के मास्क और सर्जिकल मास्क पहनने के बाद भी शरीर में कार्बन डाईऑक्साइड जाता है। इसकी वजह से आपको चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द और अन्य लक्षण हो सकते हैं। यह समस्या उन मास्क के साथ और भी बढ़ जाती है जिनमें श्वसन यंत्र लगे होते हैं।
इसे भी पढ़ेंः शिशु के दिमागी विकास को नुकसान पहुंचाती हैं ये 5 चीजें, डॉक्टर से जानें इसके बारे में
शरीर के अंदर ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड जानें के नुकसान- Harmful effects of excess carbon dioxide inside the body
डॉक्टर के अनुसार, शरीर में ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड होने से शरीर को एक नहीं बल्कि कई प्रकार के स्वास्थ्य नुकसान हो सकते हैं।
1. सिरदर्द: शरीर में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड प्रवेश करने से सिरदर्द और थकान महसूस हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः कपड़े वाला, सर्जिकल या कार्बन फिल्टर वाला मास्क, प्रदूषण से बचाने में कौन सा मास्क है सबसे कारगर?
2. सांस लेने में कठिनाई: लंबे समय तक मास्क पहनने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर प्रभावित हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशान महसूस हो सकती है।
3. दिमाग पर प्रभाव: शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होने पर यह दिमाग की कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती है। इसकी वजह से भ्रम की स्थिति, सोचने में परेशानी और एकाग्रता में कमी आ जाती है।
4. हाई ब्लड प्रेशर : कार्बन डाइऑक्साइडन का स्तर ज्यादा होने पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी देखी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उन्हें हार्ट प्रॉब्लम का खतरा भी ज्यादा होता है।
इसे भी पढ़ेंः क्या Air Purifier घर की हवा को पूरी तरह से साफ कर देता है? डॉक्टर से जानें जवाब
कार्बन हाईऑक्साइड प्रभाव से बचने के उपाय- Tips to avoid carbon dioxide effect
- किसी भी मास्क का इस्तेमाल सिर्फ घर के बाहर ही करें। घर के अंदर या ऑफिस के अंदर पहुंचने के बाद मास्क को उतार लें। मास्क को थोड़ी देर के लिए उतारने से ताजी हवा शरीर के अंदर जाती है, जिससे आप अच्छा महसूस कर सकते हैं।
- लंबे समय तक मास्क पहनने से बचने के लिए हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लें।
- शरीर को हाइड्रेट रखने से सांस संबंधी समस्याओं में कमी आ सकती है। इसलिए रोजाना 3 लीटर पानी जरूर पिएं।
इसे भी पढ़ेंः घर के अंदर की हवा में भी है प्रदूषण, डॉक्टर से जानें कैसे रखें नवजात शिशुओं और बच्चों का ध्यान
निष्कर्ष
वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। लेकिन बीच-बीच में इसे उतारना भी जरूरी है। मास्क का इस्तेमाल कभी भी लगातार 4 घंटे से ज्यादा न करें।