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शीशम की छाल के फायदे हैं अनेक, इन 10 समस्याओं से दिलाती है राहत

Health Benefits of Sheesham bark : शीशम की छाल में फिनोलिक कम्पाउंड्स, टैनिन्स और फ्लावोनॉइड्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्व स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद होते हैं।
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शीशम की छाल के फायदे हैं अनेक, इन 10 समस्याओं से दिलाती है राहत


Health Benefits of Sheesham Bark : कुछ महीने पहले, एक 55 वर्षीय मरीज मेरे पास आया, उसके घुटनों में काफी दर्द था। ये शुरुआती चरण का ऑस्टियोआर्थराइटिस था। घुटनों के दर्द के साथ मरीज को अकड़न, सूजन और खासकर सुबह के समय चलने में कठिनाई होती थी। मरीज की ये स्थिति तब थी, जब वो लंबे समय से पेन किलर का सेवन कर रहा था। घुटनों की समस्या से जूझ रहा मरीज न सिर्फ अपने भविष्य को लेकर चिंता में था, बल्कि घुटनों के दर्द और अकड़न के लिए कोई प्राकृतिक उपाय की तलाश में था। इस स्थिति में आयुर्वेदिक सेंटर माधवबाग के संस्थापक और आयुर्वेदिक डॉ. रोहित साने (Dr. Rohit Sane, Founder madhavbaug, MBBS in Medicine & Surgery) ने उसे शीशम की छाल (Sheesham Bark) का सेवन करने की सलाह दी। शीशम की छाल का विभिन्न प्रकार से सेवन करने के बाद न सिर्फ 55 वर्षीय मरीज के घुटनों की समस्या कम हुई, बल्कि उम्र के कारण होने वाली कई प्रकार की शारीरिक परेशानियों से भी राहत मिली।

डॉ. रोहित साने कहते हैं कि आयुर्वेद में शीशम की छाल कई बीमारियों से राहत दिलाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में शीशम की छाल को कफ-वात शमन, रक्तशुद्धी कारी, ज्वरनाशक, व्रणशोधक और दाह नाशक गुणों वाला माना गया है। इस लेख में जानेंगे आयुर्वेद के अनुसार शीशम की छाल से सेहत को क्या-क्या फायदे मिलते हैं।

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शीशम की छाल के फायदे- Health Benefits of Sheesham Bark

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1. डायबिटीज में उपयोगी

शीशम की छाल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। शीशम की छाल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इंसुलिन की क्रिया को बेहतर बनाते हैं। डॉ. रोहित साने का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को शीशम की छाल को सुखाकर पाउडर बनाकर रोजाना दिन में एक बार गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए।

2. स्किन प्रॉब्लम करें दूर

Central Institute of Medicinal and Aromatic Plants (CIMAP) द्वारा की गई स्टडी बताती है कि शीशम की छाल में फिनोलिक कंपाउंड, टैनिन और फ्लावोनोइड्स जैसे तत्व पाए गए हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी होते हैं। शीशम की छाल में एंटीसेप्टिक और ब्लड प्यूरिफिकेशन के गुण होते हैं। ये त्वचा पर होने वाले फोड़े-फुंसी, खुजली, एक्जिमा और दाद जैसी परेशानियों को दूर कर सकते हैं। नियमित तौर पर शीशम की छाल का सेवन किया जाए, तो ये रंगत को निखारकर त्वचा का खूबसूरत बनाता है।

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3. ज्वर (बुखार) में फायदेमंद

आयुर्वेद में शीशम को ज्वरनाशक माना गया है। बुखार में शीशम की छाल का सेवन करने से शरीर का तापमान कम होता है। शीशम की छाल वायरल, डेंगू या टाइफाइड जैसे बुखारों में फायदेमंद होती है। इसका काढ़ा पीने से इम्यूनिटी मजबूत बनती है। इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

4. जलन और पित्त दोष करें शांत

शीशम की छाल का स्वाद कसैला और कड़वा होता है। शीशम की छाल का सेवन करने से पित्त संबंधी समस्याओं जैसे जलन, अम्लपित्त और अल्सर में राहत मिलती है। नियमित तौर पर शीशम की छाल खाने और पीने से ये शरीर की जलन और खुजली नहीं होती है।

5. घाव भरने में सहायक

शीशम की छाल में मौजूद टैनिन और फ्लावोनोइड्स शरीर को एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण प्रदान करते हैं। गर्मियों में शीशम की छाल का पानी पीने से घाव, कटने और फटने के दौरान होने वाले घाव तेजी से भरते हैं। ये शरीर को ठंडक पहुंचाकर घाव में होने वाली खुजली को भी शांत करता है।

6. लिवर और किडनी के लिए फायदेमंद

शीशम की छाल में प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से लिवर और किडनी की कार्यक्षमता में सुधार आता है। शीशम की छाल किडनी की क्रिया को भी तेज करती है, जिससे  यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) में भी राहत मिलती है। ये मूत्र मार्ग में होने वाले संक्रमण भी ठीक करता है।

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7. वजन घटाने में सहायक

शीशम की छाल में हाई फाइबर पाया जाता है। ये मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, नियमित तौर पर एक संतुलित मात्रा में शीशम की छाल का सेवन करने से शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होती है। इससे वजन और मोटापा दोनों ही कम होता है।

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8. बालों की समस्या करें दूर

शीशम की छाल स्कैल्प को भी स्वस्थ रखने में मददगार होती है। नियमित तौर शीशम की छाल से बालों को धोने से डैंड्रफ, जूं और खुजली की समस्या दूर होती है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण स्कैल्प को पोषण बालों को घना, लंबा और मजबूत बनाते हैं।

निष्कर्ष

शीशम की छाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक बहुपयोगी औषधि है। शीशम की छाल न केवल बाहरी रोगों को दूर करती है, बल्कि कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत दिलाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शीशम की छाल का नियमित और संतुलित उपयोग अनेक रोगों को जड़ से मिटाने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रहे कि अगर आपको पाचन से जुड़ी कोई समस्या है, प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान शीशम की छाल का सेवन करने से बचना चाहिए।

FAQ

  • शीशम के पत्ते का जूस पीने से क्या फायदा होता है?

    शीशम के पत्ते का जूस डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है। शीशम के पत्तों के जूस में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑसीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ये त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करता है। ये शरीर में सूजन और दर्द को भी कम करता है। शीशम के पत्तों के जूस में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्रिका को स्वस्थ बनाकर गैस, कब्ज और पेट में दर्द की परेशानी को दूर करता है।
  • शीशम की तासीर क्या होती है?

    आयुर्वद के अनुसार, शीशम की तासीर ठंडी होती है। शीशम का सेवन करने से शरीर की गर्मी संतुलित रहती है। ठंडी तासीर होने के कारण गर्मियों में लोग कई प्रकार से शीशम का इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग शीशम के पत्तों का जूस बनाकर पीते हैं। वहीं, कुछ लोगों शीशम की छाल को चाय में मिलाकर सेवन करना पसंद करते हैं।
  • शीशम किसके लिए अच्छा है?

    शीशम त्वचा संबंधी समस्याएं, जोड़ों के दर्द और डायबिटीज के लिए फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के अनुसार, शीशम के पत्ते, छाल और बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। शीशम का सेवन शरीर की गर्मी को संतुलित करता है और सूजन को कम करता है।

 

 

 

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