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पिपली और गिलोय का काढ़ा पीने से सेहत को मिलते हैं खास फायदे, आयुर्वेदाचार्य से जानें

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियो में पिपली और गिलोय का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है। इस लेख में जानते हैं कि गिलोय और पिपली के काढ़े से क्या फायदे मिलते हैं और इसका सेवन कैसे किया जाता है।
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पिपली और गिलोय का काढ़ा पीने से सेहत को मिलते हैं खास फायदे, आयुर्वेदाचार्य से जानें


Benefits Of Drinking Pippali And Giloy Water: जब भी किसी को सर्दी जुकाम या खांसी होती है तो उनको गिलोय का काढ़ा दिया जाता है। इसी तरह कफ, अस्थमा और सांस से जुड़ी समस्या में पिपली का सेवन किया जाता है। यह उपाय आपने ज्यादातर घरों में अपनाते हुए देखा होगा। बीते वर्षों में कोरोना महामारी के बाद से लोगों का आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति रूझान बढ़ा है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि बीते कुछ वर्षों से ही गिलोय, त्रिफला या पिपली आदि का सेवन प्रचलन में आया है। आयुर्वेद में इन औषधिय का जिक्र कई हजार वर्षों पहले से मिलता है। साथ ही, भारतीय घरों में इन औषधियों का इस्तेमाल इम्यूनिटी को बढ़ाने और सर्दी जुकाम जैसी आम समस्याओं में किया जाना बेहद ही आम बात मानी जाती है। इस लेख में आपको रामहंस चेरिटेबल अस्पताल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं कि गिलोय और पिपली के काढ़े से होने वाले फायदे और इसे बनाने का तरीका बताया गया है।

पिप्पली और गिलोय का काढ़ा पीने से क्या फायदे होते हैं? - Benefits Of Drinking Pippali And Giloy Water In Hindi 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

गिलोय को प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर माना जाता है, वहीं पिप्पली शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होती है। दोनों का मिश्रण शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

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सर्दी-खांसी और जुकाम में राहत

पिप्पली में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की खराश, खांसी और जुकाम से राहत दिलाने में मदद करते हैं। वहीं, गिलोय वायरल संक्रमण को कम करने में सहायक होता है।

पाचन तंत्र को मजबूत बनाए

यदि आपको अपच, गैस या एसिडिटी की समस्या है, तो पिप्पली और गिलोय का काढ़ा आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। पिप्पली पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे भोजन आसानी से पचता है।

बुखार में फायदेमंद

गिलोय को "फीवर टॉनिक" भी कहा जाता है। डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर जैसी समस्याओं में यह बुखार को कम करने में मदद करता है। पिप्पली भी शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने का कार्य करती है।

श्वसन तंत्र को मजबूत करे

पिप्पली और गिलोय का काढ़ा अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन रोगों में फायदेमंद होता है। यह फेफड़ों को साफ करता है और सांस लेने की समस्याओं में राहत प्रदान करता है।

पिप्पली और गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि - How To Make Pippali And Giloy Kadha In Hindi 

  • एक पैन में 2 गिलास पानी लें।
  • इसमें करीब एक चम्मच पिप्पली पाउडर और दो चार गिलोय के टुकड़े डालें।
  • इसे 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें।
  • जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें।
  • इसे हल्का गुनगुना करके सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले पिएं।

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Pippali And Giloy Kadha In Hindi: पिप्पली और गिलोय जल एक प्राकृतिक औषधि है, जो इम्युनिटी बढ़ाने, पाचन सुधारने, श्वसन समस्याओं से बचाव करने और शरीर को संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने में सहायक है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आप कई बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं। हालांकि, इसे संतुलित मात्रा में लेना आवश्यक है।

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