पेंटिंग और कलरिंग का मस्तिष्क पर होता है खास असर, साइंस ने भी माना जीवन में रंगों का महत्व

पेंटिंग और कलरिंग व्यक्ति की मानसिक सक्रियता के साथ उनकी कल्पनाशीलता को भी बढ़ावा देती है।
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पेंटिंग और कलरिंग का मस्तिष्क पर होता है खास असर, साइंस ने भी माना जीवन में रंगों का महत्व


रंगों का किसी के भी मस्तिष्क पर बहुत गहरा असर होता है। कई शोधों की मानें, तो जो लोग रंगों के आसपास रहते हैं वो बेहद खुश और क्रिएटिव होते हैं। ऐसे लोग कभी भी अकेला महसूस नहीं करते और अवसाद जैसी बीमारियां तो इनसे दूर ही रहती हैं। इसी तरह बचपन से ही जो बच्चे पेंटिंग या कलरिंग करते हैं वो एक तेज और स्वस्थ मस्तिष्क वाले होते हैं। न सिर्फ वो तथ्यात्मक रूप से तेज होते हैं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी वो एक बेहद समझदार व्यक्ति हो सकते हैं। उनकी मानसिक सक्रियता के साथ उनकी कल्पनाशीलता भी गजब की होती है। वहीं विज्ञान कहता है कि यह गतिविधि उन्हें डी-स्ट्रेस करने में भी मदद करती है, साथ ही इसका बच्चे के दिमाग पर भी खास असर पड़ता है।पर आइए जानते हैं पेंटिंग या कलरिंग का मस्तिष्क पर होने वाले प्रभाव के बारे में।

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पेंटिंग या कलरिंग के फायदे 

ऐसे लोग मन से शांत होते हैं 

व्यस्त जीवन और तेज दिमाग वाले व्यक्ति के लिए, पेंटिंग या कलरिंग आदर्श गतिविधि है, क्योंकि ये किसी के भी मन को शांति प्रदान करने में मदद करता है। इसमें दोहरावदार गति शामिल होती है, जो एमिग्डाला (मस्तिष्क का भय केंद्र माना जाता है) को आराम देती है। अगर कोई इस गतिविधि को पूरे मन से करता है तो उसका ध्यान केंद्रित करने का तरीका भी तेज हो जाता है। वहीं ये आपको तनाव और चिंता से भी दूर रखता है। वहीं बचपन से बच्चों में ये आदत का होना उन्हें शांत मन वाला और खुश व्यक्ति बनाता है।

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रचनात्मकता आत्मविश्वास बढ़ाता है

जब आप अपने रचनात्मक पक्ष में कोई काम कर रहे होते हैं, तो आपके कार्यस्थल की सीमा के बाहर, आप अपने काम के स्थान पर अधिक नवीन और टीम-भावना वाले व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि ऐसे व्यक्ति समाज को समझने वाले और लोगों को साथ लेकर चलने वाले होते हैं। इसके अतिरिक्त, आप भी अपने कार्यालय में कुछ रंग भरने वाली किताबें भी ला सकते हैं और अपने सहकर्मियों को भी इस काम में शामिल कर सकते हैं।

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बेहतर नींद

जब आप रंग भरने वाली किताबें उठाते हैं, खासकर रात को सोने से पहले, तो आप अपने स्मार्टफोन और टैबलेट को अलविदा कह देते हैं।विज्ञान कहता है कि पुस्तकों के साथ गैजेट्स की जगह, आप बेहतर नींद ले सकते हैं। इस तरह आप फोन के हानिकारक नींद-अवरोधी नीली रोशनी के संपर्क में नहीं रहते हैं और इससे समय के साथ आपको और पर्याप्त आराम और नींद आने लगती है। वहीं आपकी त्वचा की सेहत में सुधार होता है। आपकी आंखों के नीचे काले घेरे और पफनेस भी गायब होने लगती हैं।

अधिक आशावादी होना 

क्रेयॉन और रंगीन पेंसिल एक निश्चित तरीके से सुगंधिक लगते हैं। वहीं ये गंध आपको अपने बचपन में वापस ले सकती है। यह आपको एक अच्छे मूड में रखता है और आपकी आशावादी बनाता है। इसके अतिरिक्त, यह आपको सार्थक संबंधों को बढ़ावा देता है, और अजनबियों के साथ उदारता दिखाता है। इस तरह कलरिंग से आपके मन का दुख कम हो जाता है और भविष्य को लेकर आप पॉजिटिव होने लगते हैं। इस तरह आप लोगों को  तथ्यात्मक और भावनात्मक रूप में समझने में भी बेहतर होते हैं।

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ग्रेसफुल एजिंग

कलरिंग और पेंटिंग की खास बात ये है कि ऐसा करने से आप ग्रेसफुल तरीके से बूढ़े होते हैं। रंग आपके मन को केंद्रित करता है और आपके हाथों को सक्रिय रखता है। यह आपको अपनी उम्र के लोगों के साथ बातचीत करने, पेंटिंग कार्यक्रम आयोजित करने आदि का भी मौका देता है। वहीं इसके साथ ही आप को अहसास भी नहीं होगा कि आपकी उम्र बढ़ रही है और धीरे-धीरे आप बूढ़े हो रहे हैं। जबकि आपकी आदतों और आपकी मानसिक स्वास्थ्य उसी खूबसूरती के साथ बरकरार रहेगी।

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