किशोरावस्था की दहलीज पर पहुंचते ही लड़कियों कई तरह के शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। इसमें से एक है पोलीसिस्टिक ओविरियन सिन्ड्रोम यानी पीसीओएस की समस्या। आमतौर पर यह समस्या महिलाओं को प्रजनन की उम्र से लेकर मेनोपॉज तक प्रभावित करती है। अनचाहे बाल, लगातार बढ़ता वजन और अनियमित पीरियड्स आदि इसी बीमारी के लक्षण होते हैं, इसलिए इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। हांलाकि चीन में इस बीमारी के उपचार की खोज हुई है।
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस के अंतर्गत इंस्टीट्यट ऑफ जूलॉजी से वांझू जिन और शेनदोंग युनिवर्सिटी से झिजियांग चेन ने संयुक्त रूप से इस खोज को किया है। उनका कहना है कि उन्होंने पॉलीसिस्टक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार की खोज की है। पीसीओएस से महिलाओं में हार्मोन का स्तर, अवधि, और ओव्यूलेशन प्रभावित होता है। यह प्रजनन और गर्भावस्था को भी प्रभावित करता है।
ब्राउन एडिपोस टिश्यू (बैट) उन दो प्रकार के वसा में शामिल है, जो मानवों और अन्य स्तनधारी जानवरों में पाया जाता है। शोधार्थियों ने जब पीसीओएस पीड़ित चूहों में इस वसा को स्थापित किया तो उन चूहों की मासिक अस्थिरता, अंडोत्सर्ग और गर्भावस्था परिणामों में सुधार पाया गया।
इस शोध ने पीसीओएस रोगियों के उपचार में नया और महत्वपूर्ण संकेत दिया है। हालांकि बैट ट्रांस्पलांटेशन अपने आप में बहुत जटिल है। यह मानवों में आसानी से विस्थापित नहीं होता। नतीजन बैट सक्रियता बढ़ाने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल पीसीओएस के उपचार में वैकल्पिक उपाय होगा।
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