किसी भी नई चीज की स्वीकार्यता यूं ही नहीं बन जाती, फिर वह कितनी भी फायदेमंद क्यों न हो। अब प्रो-बायोटिक्स को ही लीजिए। इसके सेवन को बहुत लोग पैसे की बर्बादी मानते हैं। लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक प्रो-बायोटिक्स हमारी पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखता है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता हों।
हाल ही में कई शोधों में प्रो-बायोटिक्स को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है। लेकिन यूरोपियन फूड सेफ्टी एजेंसी (ईएफएसए) के वैज्ञानिकों ने 180 प्रो-बायोटिक उत्पादों में कोई ऐसी चीज नहीं पाई जिसे सेहत के लिए जरूरी करार दिया जा सके। भारत समेत कई देशों में प्रो-बायोटिक दूध समेत कई पेय, सप्लीमेंट व दही का जमकर सेवन किया जाता है।
ब्रिटेन की रीडिंग यूनिवर्सिटी के प्रो. ग्लेन गिब्सन समेत कई वैज्ञानिक ईएफएसए के शोध से सहमत नहीं हैं। गिब्सन का मानना है कि प्रो-बायोटिक उत्पाद सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। खास ढंग से तैयार किए गए प्रो-बायोटिक पेय व सप्लीमेंट यात्रा करने वाले लोगों के लिए खासे फायदेमंद साबित होते हैं। यात्रा कर रहे लोगों को बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है जिसके चलते उन्हें पाचन संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
प्रो. गिब्सन के मुताबिक 'आंतों में पाए जाने वाले जीवाणु पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संक्रमण से ये जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, जिसके चलते पाचन प्रक्रिया बाधित होती है। प्रो-बायोटिक उत्पाद इन जीवाणुओं पर पड़ने वाले असर को काफी कम कर देते हैं।'
क्या हैं प्रो-बायोटिक्स
प्रो-बायोटिक्स ऐसे भोज्य पदार्थ होते हैं जो जीवित सूक्ष्मजीवों (माइक्रोआर्गेनिज्म) से तैयार किए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक प्रो-बायोटिक्स शरीर में मौजूद अच्छे जीवाणुओं को बाह्य दुष्प्रभावों से बचाते हैं। प्रो-बायोटिक उत्पादों में लैक्टो बेसिलस व बिफिडोबैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवाणुओं का प्रचुरता से प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा यीस्ट (खमीर) व बेसिलस जैसे जीवाणु भी प्रो-बायोटिक खाद्य पदार्थो में प्रयुक्त होते हैं।
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