Glaucoma Ayurvedic Treatment in Hindi: ग्लूकोमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंख का इंट्राओकुलर दबाव (Intraocular pressure) बढ़ जाता है। ग्लूकोमा में रेटिना खासकर ऑप्टिक नर्व में बदलाव होता है। ग्लूकोमा आंखों से जुड़ा एक गंभीर रोग होता है, इस स्थिति में आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इससे बचाव के लिए आपको नियमित रूप से अपने आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए। साथ ही ग्लूकोमा (Glaucoma and Ayurveda) होने पर आप चाहें तो कुछ आयुर्वेदिक उपाय भी आजमा सकते हैं। ये आयुर्वेदिक उपाय (Glaucoma Ayurvedic Treatment in Hindi) ग्लूकोमा रोगियों के लिए आंखों में दबाव को कम करने में मदद करते हैं। चलिए रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से विस्तार से जानते हैं ग्लूकोमा के लिए आयुर्वेदिक इलाज-
ग्लूकोमा का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? (Glaucoma Ayurvedic Treatment in Hindi)
ग्लूकोमा का कोई भी इलाज डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें आंखों की रोशनी तक चली जाती है इसलिए इसमें जोखिम लेने से बचना चाहिए। जानें ग्लूकोमा के लिए आयुर्वेदिक उपाय-
1. आंखों के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे (triphala for eyes in hindi)
आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा बताते हैं कि आंखों के लिए त्रिफला चूर्ण काफी फायदेमंद होता है। त्रिफला चूर्ण (Triphala for Eyes) का सेवन करने से आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। ग्लूकोमा की समस्या को ठीक करने के लिए भी त्रिफला का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में त्रिफला चूर्ण डालें, इसे पी लें। आप चाहें तो रातभर त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें, सुबह इस पानी को छानकर इससे आंखों को धोएं। इससे आपकी आंखों को काफी लाभ मिलेगा। त्रिफला पाउडर आंखों के दबाव को भी कम करने में मदद करता है।
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2. आंखों के लिए पुनर्नवा का पाउडर (Punarnava Powder Benefits for Eyes)
पुनर्नवा का पाउडर आंखों को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है। ग्लूकोमा की स्थिति में भी आप डॉक्टर की सलाह पर पुनर्नवा के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। इससे आंखों पर दबाव कम पड़ेगा, साथ ही आंखों की स्थिति में भी सुधार होगा।
3. रात को लिक्विड लेने से बचें
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि ग्लूकोमा वाले रोगियों को रात के समय लिक्विड लेने से बचना चाहिए। अधिक पानी या लिक्विड डाइट लेने से ग्लूकोमा की स्थिति बिगड़ सकती है। आंखों पर दबाव बढ़ सकता है।
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4. अनुलोम-विलोम का अभ्यास करें (Anulom Vilom for Eyes)
ग्लूकोमा की स्थिति में कठिन योगासन करने से बचना चाहिए। ग्लूकोमा की स्थिति में आप अनुलोम-विलोम का अभ्यास (Yoga for Eyes) कर सकते हैं। इसके अलावा आप अन्य प्राणायामों का भी अभ्यास कर सकते हैं। लेकिन शीर्षासन, सर्वांगासन बिल्कुल न करें। इससे आंखों पर दबाव अधिक बढ़ सकता है। जिन योगासनों को करने से आंखों पर जोर पड़ता है, उन्हें करने से बचें।
आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा बताते हैं कि ग्लूकोमा एक गंभीर स्थिति होती है। इस स्थिति में कोई भी उपाय आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। साथ ही ग्लूकोमा से बचाव के लिए आपको नियमित आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए।
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