45 साल के रवि शर्मा, एक आईटी प्रोफेशनल हैं। वह हमेशा अपनी आंखों की सेहत को नजरअंदाज करते रहे। उन्हें सिरदर्द और आंखों में हल्का दबाव महसूस होता था, लेकिन इसे स्क्रीन टाइम का असर समझकर इग्नोर करते रहे। धीरे-धीरे, उन्हें रात में देखने में परेशानी होने लगी और जब उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया, तो पता चला कि उन्हें ओपन-एंगल ग्लूकोमा हो चुका है। चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला था और अब उनकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर हो रही थी। हर साल 12 मार्च को वर्ल्ड ग्लूकोमा डे (World Glaucoma Day 2025) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है रवि जैसे लोगों को ग्लूकोमा के बारे में जागरूक करना और आंखों की समय पर जांच के लिए उन्हें प्रेरित करना। ग्लूकोमा दुनियाभर में अंधेपन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और इसकी पहचान जल्दी न हो, तो आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है।
ग्लूकोमा में आंखों की ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। यह समस्या 40 साल की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि इस उम्र में आंखों का प्रेशर बढ़ सकता है, ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है और नसों की मजबूती कम होने लगती है। चूंकि ग्लूकोमा का असर धीरे-धीरे होता है और शुरुआती चरण में इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए इसे 'साइलेंट थीफ ऑफ विजन' भी कहा जाता है। 40 के बाद नियमित आई चेकअप न करवाने से यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर 40 की उम्र के बाद ग्लूकोमा का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इससे बचने के लिए किन उपायों की मदद ली जा सकती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दुर्गा सहाय नर्सिंग होम, यूपी बिजनौर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ विनीत माथुर से बात की।
40 की उम्र के बाद क्यों बढ़ जाता ग्लूकोमा का खतरा- Why Risk of Glaucoma Increase After 40s
ग्लूकोमा मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है- ओपन-एंगल ग्लूकोमा और एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा। 40 की उम्र के बाद, आंखों के अंदर मौजूद तरल (एक्वस ह्यूमर) का निकास धीमा हो सकता है, जिससे इंट्राओकुलर प्रेशर (IOP) बढ़ने लगता है। यह ऑप्टिक नर्व और आंखों की सेहत को नुकसान पहुंचाने का मुख्य कारण बनता है।
1. उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है ग्लूकोमा का जोखिम
एक अध्ययन (The Ocular Hypertension Treatment Study, 2002) के अनुसार, 40 की उम्र के बाद ग्लूकोमा का जोखिम 2 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जबकि 60 की उम्र के बाद यह 10 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। बढ़ती उम्र के साथ आंखों की संरचना में बदलाव आने लगते हैं, जो तरल पदार्थ के बहाव को प्रभावित करते हैं और प्रेशर बढ़ाते हैं।
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2. अनुवांशिक कारण
अगर परिवार में किसी को ग्लूकोमा हो चुका है, तो 40 के बाद यह जोखिम और बढ़ जाता है। एक स्टडी (The Rotterdam Study, 2001) के अनुसार, जिन लोगों के माता-पिता को ग्लूकोमा था, उनमें इस बीमारी के विकसित होने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में 3-4 गुना ज्यादा पाई गई।
3. हाई बीपी और डायबिटीज
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज भी ग्लूकोमा के खतरे को बढ़ाते हैं। एक स्टडी (Baltimore Eye Study, 1991) के अनुसार, जिन लोगों को डायबिटीज थी, उनमें ग्लूकोमा विकसित होने की संभावना 60 प्रतिशत ज्यादा थी।
40 की उम्र के बाद ग्लूकोमा से बचने के उपाय- Prevention Tips After 40s
- 40 की उम्र के बाद हर 1-2 साल में आई प्रेशर और ऑप्टिक नर्व की जांच करवानी चाहिए।
- हरी सब्जियां, विटामिन-ए और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के असर को कम किया जा सकता है और इस तरह ग्लूकोमा के खतरे से भी बचाव संभव होगा।
- कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों को कमजोर कर सकती है। इसलिए स्क्रीन टाइम सीमित करें।
- 'जर्नल ऑफ ग्लूकोमा' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, हल्का कार्डियो वर्कआउट, जैसे योग, पैदल चलना, साइकिलिंग या तैराकी, आंखों के अंदरूनी दबाव (IOP) को कंट्रोल करने में मदद करता है। नियमित एरोबिक एक्सरसाइज करने से इंट्राओकुलर प्रेशर में 20 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
40 के बाद ग्लूकोमा का खतरा बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे बढ़ती उम्र, आनुवंशिकता, हाई बीपी और डायबिटीज। चूंकि यह बीमारी शुरुआती चरण में बिना लक्षणों के होती है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना जरूरी है।
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