
कैंसर किसी भी तरह का हो वो बहुत ही खतरनाक माना जाता है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो कि किसी की जान भी ले सकती है। कैंसर शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है। शरीर के किसी एक हिस्से में होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते है।
वैसे तो कैंसर कई प्रकार के होते हैं और सभी प्रकार के कैंसर गंभीर होते हैं जिसमें इलाज की जरूरत बहुत अहम हो जाती है। इनमें से ही एक प्रकार का कैंसर होता है कोलोरेक्टल कैंसर। ये कैंसर में बड़ी आंत, मलाशय और एपेंडिक्स में होने वाला कैंसर होता है।
कोलन और रेक्टम एक साथ मिलकर बड़ी आंत का भाग बनाते हैं। बड़ी आंत पचे हुए आहार के अवशेष को छोटी आंत से ले आती है और अवशोषित व नुकसानदेह तत्वों को मलद्वार के रास्ते बाहर निकाल देती है। असामान्य रूप से जब कोशिकाओं की वृद्धि कोलन, रेक्टम या दोनों ही भागों में होने लगती है, तो इस फैलाव को कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है। लेकिन एक अध्ययन में पाया गया है कि कैसे फल और हरी सब्जियां कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा कम करती है।
एक साल में दुनियाभर में करीब एक मिलियन लोग कोलोरेक्टल कैंसर के कारण डायग्नोसिस लेते हैं। यूएस(US) में कैंसर से होने वाली मौत के कारण में कोलोरेक्टल कैंसर तीसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया कि सभी डॉक्टर मिलकर एक साल में एक लाख के करीब नए मामले जो कोलन कैंसर के होंगे उसे डायग्नोसिस करेंगे और 44 हजार के करीब रेक्टल कैंसर के मामलों में करेंगे। ये सिर्फ अकेले यूएस का आंकडा है।
कोलोरेक्टल कैंसर का खतरों में से एक डाइट भी है जो इस पर काफी हद तक असर करती है। अब शोधकर्ताओं ने कोलोरेक्टल कैंसर से बचने और उसके खतरे को कम करने के बारे में पता लगाया है। वो तत्व जो इस खतरे को कम करें वो फल और हरी सब्जियों में पाया गया है। जैसे ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, लाल अंगूर, सेब, लाल प्याज, गोभी और चॉकलेट में वो तत्व हैं।
जयारमा गुनैज और उनकी टीम ब्रुकिंग में साउथ डैकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं उन्होंने इस पर जांच की है कि इस कैंसर के खतरे को कैसे रोका जा सके।
पिछले कई अध्ययन में इस बात का पता लगा है कि फ्लावोनोइड और प्राकृतिक तत्व जो फल और हरी सब्जियों में होते हैं वो कैंसर के खतरे को रोकते हैं। लेकिन ये किसी को नहीं पता था कि क्यो वो चीज है जो कैंसर के खतरे को रोकती है।
इसे भी पढ़ें: 45 की उम्र के बाद बढ़ जाता है मुंह के कैंसर का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका
जयारमा ने बताया कि उनकी लैब ने इस पर काम किया की कैंसर के खतरे कैसे कम होता है। जांच के दौरान एस्पिरिन के काम के बारे में और ये पता लगाया गया कि कैसे कैंसर के सेल्स को रोका जाता है।
इस रिसर्च में उनकी टीम ने 2,4,6-टीएचबीए यानी (2,4,6-THBA) की खोज की। ये तत्व तब पैदा होते हैं जब आंत के बैक्टीरिया फ्लावोनोइड को तोड़ती है।
जयाराम के मुताबिक 2,4,6-टीएचबीए (2,4,6-THBA) ये तत्व रेड वाइन में भी कम मात्रा में पाया जाता है। इस रिसर्च में ये पाया गया कि 2,4,6-THBA कैंसर के बढ़ते सेल्स को रोकने का काम करती है। जयाराम बताते हैं कि कैंसर के इलाज के लिए बहुत से ड्रग्स हैं लेकिन कोई इसे रोक नहीं सकता। कैंसर का खतरा आज भी बना हुआ है इसलिए इससे बचने के लिए हमे उपाय तलाशने की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें: पुरुषों में कैंसर की शुरुआत का संकेत हैं ये 10 लक्षण, रहें सावधान
जयाराम ने कहा की हम इस तत्व को मान सकते हैं कि ये कैंसर के खतरे को रोकता है, लेकिन अभी और भी रिसर्च करने की जरूरत है। इसके साथ ही जयाराम ने बताया कि फल और सब्जियां में फ्लावोनोइड तत्व मौजूद होते हैं जो हमारी डाइट का हिस्सा होना बहुत ही जरूरी है।
Read more articles on Cancer in Hindi
Read Next
क्यों बढ़ रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर के मामले? भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर की स्थिति पर डालें एक नजर
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version