डायबिटीज (Diabetes) से ग्रस्त कुछ लोग फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) की समस्या का भी सामना करते हैं, जिसके कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फ्रोजन शोल्डर में शोल्डर के जोड़ सूजने लगते हैं और स्थिति धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। जब कंधों की बॉल और सॉकेट जॉइंट में मोबिलिटी कम होने लगती है तो कंधे के मूवमेंट में दिक्कत महसूस करते हैं तो इसी स्थिति को फ्रोजन शोल्डर कहा जाता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि डायबिटीज में फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder in diabetes) क्यों होता है? साथ ही इसके कारण, लक्षण और बचाव भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
डायबिटीज में फ्रोजन शोल्डर होने का कारण (Causes of Flozer Shoulder in Diabetes)
- हमारे शोल्डर में कॉलेजन मौजूद होता है जो हड्डियों को जोड़ों से जोड़ता है।
- ऐसे में डायबिटीज का प्रभाव इस कॉलेजन पर पड़ सकता है, जिसके कारण ये शुगर मॉलिक्यूल कोलेजन को चिपचिपा बना सकते हैं।
- ऐसी स्थिति में लिगामेंट्स और टेंडन कमजोर होने लगते हैं, जिसके कारण कंधा सख्त हो जाता है और मूवमेंट नहीं कर पाता। इस स्थिति को फ्रोजन शोल्डर कहते हैं।
- इसके अलावा साथ ही हाई ब्लड शुगर फ्रोजन शोल्डर को कॉम्प्लिकेट कर सकता है, ये स्थिति भी फ्रोजन शोल्डर ही कहलाती हैं।
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डायबिटीज में फ्रोजन शोल्डर के लक्षण
इसके मुख्य लक्षण स्टीफनेस और दर्द होते हैं। ऐसे में यह तीन स्टेज के रूप में व्यक्ति को प्रभावित करता है। पहली स्टेज में कंधों में बहुत दर्द होता है और मूवमेंट में दिक्कत होती है यह दिक्कत शुरुआत के 6 हफ्ते से 9 महीने तक व्यक्ति को पेरशान कर सकती है। जबकि दूसरी स्टोरेज में दर्द कम होता है और व्यक्ति का कंधा सख्त ज्यादा होता है। व्यक्ति को यह स्टेज 4 महीने से 12 महीने तक परेशान कर सकती है। तीसरी स्टेज में व्यक्ति का शोल्डर मूव तो करता ही है और वो अच्छे से काम भी करता है। कंधे से काम करने में दिक्कत कम महसूस होती है। ये स्थिति व्यक्ति को 6 महीने से 1 साल तक रह सकती है।
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डायबिटीज में फ्रोजन शोल्डर से बचाव
आमतौर पर डायबिटीज में फ्रोजन शोल्डर से बचाव का कोई तरीका नहीं है। चूंकि ये समस्या रक्त में शुगर की मात्रा के बढ़ जाने के कारण पैदा होती है ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को समय-समय पर चेक करना जरूरी होता है और इसे संतुलित करना भी जरूरी है। ऐसा करने से कोलेजन को स्टीक और चिपचिपा होने से रोका जा सकता है और व्यक्ति का कंधा भी फ्रिज नहीं होगा। यदि रक्त में शुगर का स्तर कम नहीं हो रहा है तो ऐसी स्थिति में डायबिटीज के मरीज को डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। दिनचर्या में कुछ बदलाव करके जैसे- व्यायाम, संतुलित आहार, वियमित वॉक आदि से भी शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रखा जा सकता है। साथी ही डॉक्टर फ्रोजन शोल्डर के इलाज में फिजियो थेरेपी, कंधे की कुछ एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग आदि के लिए सुझाव देते हैं।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदु से पता चलता है कि डायबिटीज में फ्रोजन शोल्डर की समस्या व्यक्ति को काफी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में समय रहते हाई ब्लड शुगर की समस्या से छुटकारा पाएं। इसके अलावा समय-समय पर हाय ब्लड शुगर को चेक करते रहें। इसके बावजूद भी अगर आपको कंधे में किसी भी प्रकार की परेशानी नजर आए तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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