फ्रोजन शोल्डर की समस्या पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को ज्यादा होती है? जानें इस समस्या से जुड़े 7 तथ्य

अगर आपको कभी भी फ्रोजन शोल्डर के लक्षण नजर आएं तो डॉक्टर को दिखाने में देरी ना करें। ऐसे में यह लक्षण किसी गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकते हैं।
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फ्रोजन शोल्डर की समस्या पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को ज्यादा होती है? जानें इस समस्या से जुड़े 7 तथ्य

आधुनिक जीवन शैली का नकारात्मक प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ रहा है। ऐसे में फ्रोजन शोल्डर जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। यह समस्या कोई आम समस्या नहीं है। कंधे को किसी भी दर्द को नजरअंदाज करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसको लेकर कुछ तथ्य हैं जिनके बारे में लोगों को पता होना चाहिए। साथ ही अगर आपको फ्रोजन शोल्डर के लक्षण दिख रहे हैं तो किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे। इसके अलावा हम जानेंगे कि इसकी जांच और इलाज का क्या तरीका है। पढ़ते हैं आगे...

 

 इससे जुड़े जरूरी तथ्य

  • जिन लोगों को फ्रोजन शोल्डर की बीमारी होती है उन में तकरीबन 60% लोग 3 साल के अंदर खुद ही ठीक हो जाते हैं।
  • जबकि 7 साल के अंदर 90% लोग खुद ही ठीक हो जाते हैं।
  • सर्जिकल और नॉन सर्जिकल प्रक्रियाओं द्वारा चिकित्सा की जाने वाले लोगों में 10% लोग नहीं ठीक हो पाते हैं।
  • फ्रोजन शुगर की बीमारी पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को ज्यादा होती है।
  • अगर कोई दर्द चोट या शॉक से हो रहा है तो उसे फ्रोजन शोल्डर का दर्द नहीं कहते हैं।
  • जिनकी उम्र 35 से 27 वर्ष के बीच होती है उन्हें फ्रोजन शोल्डर की समस्या ज्यादा होती है।
  • जो लोग डायबिटीज, थायराइड, कार्डियोवैस्कुलर, टीवी आदि समस्याओं से ग्रस्त होते हैं उनमें फ्रोजन शोल्डर की समस्या ज्यादा देखी गई है।

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इसके लक्षण 

ध्यान दें कि फ्रोजन शोल्डर के तीन चरण होते हैं- फ्रीज पीरियड, फ्रोजन पीरियड, सुधार पीरियड।

  • फ्रीज पीरियड- इस पीरियड में कंधा जमने लगता है। ऐसे में तेज दर्द महसूस होता है जो रात में बढ़ जाता है। ऐसे समय में कंधे को घुमाना और भी मुश्किल हो जाता है।
  • फ्रोजन पीरियड- इस पीरियड में कंधा स्टिक हो जाता है। ऐसे में गतिविधियां करने पर दर्द बहुत होता है लेकिन वह असहनीय नहीं होता है।
  • सुधार पीरियड- इसमें ऐसा लगता है कि दर्द कुछ कम हो रहा है। स्थिति में भी सुधरने लगती है। लेकिन कभी-कभी आपको तेज दर्द जैसा महसूस हो सकता है।

फ्रोजन शोल्डर के होने पर बरतने वाली सावधानियां

  • ऐसे दर्द को नजरअंदाज करना हानिकारक है अगर आपको ये समस्या है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • अगर दर्द बढ़ रहा है तो हाथों को सिर के बराबर उसकी ऊंचाई पर रखें और इसी अवस्था में सोएं।
  • कुछ लोग गलती करते हैं कि वह शुरुआत में फिजियोथैरेपी करवा लेते हैं लेकिन शुरुआत में फ्रीजिंग पीरियड चलता है, जिसमें फिजियोथैरेपी नुकसानदेह हो सकती है। अगर दर्द ज्यादा बड़े तो आप पेन किलर या डॉक्टर से इंजेक्शन लगवा सकते हैं। इस पीरियड में भी 10% लोग ऐसे होते हैं, जिनकी हालत बेहद नाजुक हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लें और सर्जिकल प्रक्रिया शुरू करें।
  • कई बार इसके लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी हो सकते हैं ऐसे में खुद से किसी फैसले पर पहुंचने की बजाय डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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 बचाव

  • दर्द को कम करने के लिए पेन किलर इंजेक्शन की मदद लेते हैं।
  • सबसे पहले एमआरआई से जांच होती है। 
  • उसके बाद दर्द कम करने के लिए पेन किलर की मदद ली जाती है।
  • दर्द जब कम हो जाता है तो फिजियोथैरेपी शुरू कराई जाती है
  •  फिजियोथैरेपी में हॉट और कोल्ड कंप्रेशन पैक्स मरीजों को दिए जाते हैं।
  •  पैक्स की मदद से सूजन में दर्द में राहत मिलती है।
  • कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं जिन्हें स्टेरॉइड्स दिया जाता है।
  • कुछ स्थिति में डॉक्टर को लोकल एनएसथीसिया देने पड़ते हैं, जिससे कंधे को मूव कराया जा सके। इसके अलावा सर्जिकल विकल्प मौजूद है।

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