अस्वस्थ या फिर खराब खान-पान सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनता है। जी कमला वर्धना राव, चीफ एक्जीक्यूटिव, फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने ग्लोबल फूड रेगुलेटर्स 2023 की पहली समिट के दौरान बताया कि अनहेल्दी और खराब खान-पान के कारण हर साल 600 मिलियन लोग इंफेक्शन का शिकार होते हैं। यही नहीं इसके चलते हर साल 4 लाख 20 हजार लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है। इस समिट की मकसद फूड की गुणवत्ता को परखना और लोगों के बीच हेल्दी खान-पान को लेकर जागरुकता फैलाना था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीय ने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर, हेल्दी और एक सेफ डाइट शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है। सुरक्षित आहार और अच्छे स्वास्थ्य का एक दूसरे से सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी और फूड ग्रेन्स में आ रही समस्याओं के मुद्दे को इस कार्यक्रम में उठाना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस कायर्क्रम में भाग लेने वाले देशों से फूड शॉर्टेज का समाधान निकालने का आग्रह किया।
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अनहेल्दी खाने से होने वाली बीमारियां
नेश्नल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक अनहेल्दी खान-पान रखना शरीर में वसा की मात्रा बढ़ाने, इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने के साथ ही साथ इंफेक्शन के खतरे को भी बढ़ाता है। ऐसा करने से न केवल इंफेक्शन बल्कि, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक, सांस लेने में कठिनाई, हाई ब्लड प्रेशर, पेट फूलना, त्वचा पर प्रभाव पड़ना, सिर दर्द और कई बार एक्यूट डिप्रेशन का भी कारण भी बन सकता है।
बढ़ती है हार्ट की बीमारियां
जंक फूड खाना हार्ट से जुड़ी समस्याओं का सामान्य कारण होता है। जंक फूड खाने से हर साल जान गंवाने वाले लोगों में हार्ट के मरीजों की भी अच्छी-खासी संख्या होती है। अनहेल्दी चीजें खाना शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ाते हैं, जिससे मोटापा और कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी कारण बनता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि नियमित तौर पर हेल्दी डाइट लें और जंक फूड्स जैसे पिज्जा, बर्गर, मोमोस या फिर चाउमीन आदि का सेवन करने से बचें।