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भ्रूण के स्लो ग्रोथ का कारण हो सकती है IUGR, जानें डॉक्टर से इसके कारण और बचाव के उपाय

प्रेग्नेंसी के दौरान हर मां चाहती है कि उसका शिशु हेल्दी हो और उसका अच्छा विकास हो। लेकिन, कभी-कभी भ्रूण का विकास सामान्य से धीमा हो जाता है, जिसे मेडिकल की भाषा में IUGRकहा जाता है। आइए जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय- 
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भ्रूण के स्लो ग्रोथ का कारण हो सकती है IUGR, जानें डॉक्टर से इसके कारण और बचाव के उपाय


प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने खान-पान का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, ताकि गर्भावस्था के दौरान होने वाले समस्याओं और हार्मोनल बदलाव के कारण शरीर में होने वाली परेशानियों को बढ़ने से रोका जा सके। प्रेग्नेंसी के दौरान हर मां चाहती है कि उसका शिशु हेल्दी हो और उसका अच्छा विकास हो। लेकिन, कभी-कभी भ्रूण का विकास सामान्य से धीमा हो जाता है, जिसे मेडिकल की भाषा में IUGR (Intrauterine Growth Restriction) कहा जाता है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जिसमें भ्रूण की ग्रोथ गर्भ में कम हो जाती है और उसका वजन गर्भावस्था के उस समय जितना वजन होना चाहिए, उससे कम होता है। ऐसे में आइए फरीदाबाद के एशियन अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट- ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉ. अमृता राजदान जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण का विकास धीमा होने का क्या कारण है और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं?

भ्रूण में IUGR का कारण - Causes Of IUGR In Pregnancy in Hindi

गायनेकोलॉजी डॉ. अमृता राजदान के अनुसार IUGR के कई कारण हो सकते हैं। यह मां, भ्रूण या प्लेसेंटा से जुड़े कारकों के कारण हो सकता है।

1. मेटरनल स जुड़ी समस्याएं

प्रेग्नेंसी के दौरान IUGR होने का एक बड़ा कारण मेटरनल से जुड़ी समस्याएं हैं, जिसमें हाईपरटेंशन, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली डायबिटीज की समस्या, पोषण की कमी या एनीमिया, प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग, शराब और अधिक या गलत दवाओं का सेवन, मां को पहले से बीमारियां होना जैसे हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, थायरायड समस्या और मां की उम्र बहुत कम या बहुत ज्यादा होना शामिल है।

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2. प्लेसेंटा

प्लेसेंटा प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय में बनने वाला एक अंग है। यह गर्भ में भ्रूण को ऑक्सीजन और पोषक तत्व देता है, और टॉक्सिक चीजों को हटाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान IUGR होने का कारण प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है। इस समस्या में प्लेसेंटा का ठीक से काम न करना, प्लेसेंटा में खून की आपूर्ति में कमी या प्लेसेंटा एब्रप्शन शामिल है।

3. भ्रूण से जुड़े कारण

प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण को IUGR होने का और भ्रूण का सही विकास न होने का कारण भ्रूण से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसमें जुड़वां या मल्टीपल प्रेग्नेंसी, जेनेटिक या क्रोमोसोमल समस्याएं और इंफेक्शन जैसे टॉर्च इंफेक्शन शामिल हैं।

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भ्रूण को IUGR से बचाव के उपाय - Tips To Prevent IUGR In Fetal in Hindi

IUGR की समस्या को हमेशा रोक पाना संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियों का पालन करके इस जोखिम को कम किया जा सकता है, जिसमें-

  • समय पर प्रीनेटल चेकअप कराना शामिल है। हर महीने डॉक्टर से जांच करवाएं ताकि गर्भ में किसी भी तरह की होने वाली असामान्यता का जल्द पता लगाया जा सके।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार शामिल करें। आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर डाइट लें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स भी लें सकते हैं।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह के नशीले पादर्थ के सेवन, स्मोकिंग और अल्कोहल जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखें, क्योंकि ये IUGR का बड़ा कारण बनता हैं।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे अपने ब्लड शुगर और हाई बीपी पर नियमित निगरानी रखें। खासकर अगर उन्हें पहले से डायबिटीज या बीपी की समस्या है तो वे इन्हें कंट्रोल में रखने की कोशिश करें।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान अपने शरीर और दिमाग को ज्यादा तनाव देने से बचें। पर्याप्त मात्रा में आराम करें, तनाव मुक्त रहने के लिए मेडिटेशन, योग और अन्य गतिविधियां करें, जो आपके दिमाग को शांत रखने में मदद कर सके।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी है कि महिलाएं अपने वजन पर निगरानी रखें। कम या ज्यादा वजन बढ़ना दोनों की भ्रूण और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर की दी गई गाइडलाइन को फॉलो करें और नियमित रूप से अपने वजन को मॉनिटर करें।

निष्कर्ष

IUGR एक गंभीर स्थिति है, लेकिन सही समय पर जांच और सावधानी से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। अगर डॉक्टर IUGR की संभावना बताते हैं तो घबराने की जगह नियमित अपने भ्रूण की निगरानी करें और डॉक्टर के द्वारा दी गई सलाह का पालन करें।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • गर्भ में बच्चे की ग्रोथ के लिए क्या खाएं?

    प्रेग्नेंसी के दौरान, बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना बहुत जरूरी होता है।
  • बच्चे का मूवमेंट कैसे चेक करें?

    प्रेग्नेंसी के दौरान, बच्चे की हलचल को महसूस करना मां के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि ये बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर मां को जानकारी देता है। इसलिए आप अपने पेट कुछ खाने या पीने के बाद या आराम करने के दौरान अपने पेट पर फोकस करें और बच्चे की हलचल महसूस करें।
  • प्रेग्नेंसी में सुबह खाली पेट क्या पीना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी के दौरान सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, आप नारियल पानी, नींबू पानी या फलों का ताजा रस या स्मूदी पी सकते हैं।

 

 

 

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