शानदार करियर बनाने के जुनून में सुकून कब खो गया पता ही नहीं चला। बड़ा अपार्टमेंट, लग्जरी कार, हैंडसम सैलेरी, दोस्तों का साथ और आजादी, यह सब शुरुआत में अच्छे लगते हैं। पर कुछ समय बाद परिवार और रिश्तों के साथ बिताया वह कीमती समय याद आने लगता है। उनकी अहमियत हमें समझ आने लगती है। युवा पीढ़ी अपने मन में उत्पन्न हई इस भावना की कद्र करती है। साथ ही मन में आए खालीपन को भी समझती है। इसलिए वे अपने सभी रिश्तों को नए सिरे से संभालने की कोशिश में जुट गई है। जानते हैं कैसे...
भाई बहन को बन गए दोस्त
भाई बहन एक अच्छे दोस्त के रूप में रिश्ते निभाते हैं। छोटी-छोटी बातों से लेकर बड़ी-बड़ी सलाह तक वे एक दूसरे से लेते हैं। खुलकर अपनी दिल की बात शेयर करना साथ ही सामने वाले की बात को समझना, ऐसे ही रिश्ता मजबूत बनता है। युवा पीढ़ी इस बात को बखूबी समझ गई है। अब परिवार में आमतौर पर भेदभाव नहीं किया जाता। भाई-बहन का बदलता यह रिश्ता अब एक मिसाल बन गया है।
सास बहू में प्रेम भरपूर
आज की सास बहू ईर्ष्या या भेदभाव से कोसों दूर है। वे एक दूसरे को भरपूर आजादी देने के साथ-साथ रिश्तो की डोर को मजबूती से पकड़े हुए भी है। यह बदलाव अचानक नहीं आया है। दोनों पीढ़ियों ने एक दूसरे की भावनाओं और जरूरतों को समझना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि आजकल एक परिवार में एक या दो बच्चे होते हैं और माता-पिता को पता होता है कि अब उनका जीवन इन्हीं के साथ व्यतीत होना है। ऐसे में वह छोटी-मोटी बातों के लिए रोक--टोक करने के बजाए रिश्ते को मजबूत बनाना ज्यादा बेहतर समझते हैं।
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पति पत्नी के रिश्ते में भी आया बदलाव
पति पत्नी के रिश्ते में कई सकारात्मक बदलाव नजर आ रहे हैं वे न केवल एक दूसरे को समझते हैं बल्कि पर्सनली और प्रोफेशनली दोनों तरीकों से आगे बढ़ने का प्रयास भी कर रहे हैं। वक्त के साथ पुरुषों को इस बात का एहसास होने लगा है कि घर संभालने के लिए दोनों का कमाना बेहद जरूरी है। अगर पत्नी काम के लिए बाहर जा रही है तो पति किचन संभाल लेता है।
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रिश्तो में मिठास लाने के लिए अपनाएं ये तरीके
- चाहे घर हो या बाहर अगर आपको परिवार में किसी की बात बुरी लग रही है तो उसे सबके सामने टोकने की बजाए बाद में उसे प्यार से समझाएं और बताएं कि उन्हें इस बातों से कितना दुख पहुंचा है।
- कुछ भी बोलने से पहले एक बार जरूर सोचें कि इन बातों का दूसरे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। कहीं इससे रिश्तो की डोर कमजोर न हो जाए।
- अगर कभी आपका कोई अपना आपसे नाराज हो जाए तो माफी मांगे में संकोच ना करें।
- चाहे कोई भी रिश्ता हो दूसरे व्यक्ति से बहुत ज्यादा उम्मीद ना रखें।
- जहां तक संभव हो अपने आसपास के लोगों की मदद करें।
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