मूड स्विंग्स, गुस्सा या किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं, तो एक्सरसाइज है आपके लिए बेस्ट इलाज: स्टडी

किसी भी तरह की मानसिक परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति के लिए सबसे बेहतर प्राकृतिक इलाज एक्सरसाइज है, पढ़ें क्या कहता है अध्ययन।
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मूड स्विंग्स, गुस्सा या किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं, तो एक्सरसाइज है आपके लिए बेस्ट इलाज: स्टडी


मूड स्विंग्स, तनाव, चिंता, याददाश्त की कमी जैसी मानसिक परेशानियों से आज लगभग हर इंसान जूझ रहा है। डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक बीमारियों से बचने के लिए लोग दवाएं ले रहे हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि आपकी लगभग हर मानसिक और मनोवैज्ञानिक परेशानी का सबसे आसान प्राकृतिक इलाज 'एक्सरसाइज' है? जी हां, हाल में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, वो अगर दवाओं के साथ-साथ एक्सरसाइज करें, तो बहुत जल्दी ठीक हो सकते हैं!

दवाओं से ज्यादा कारगर है एक्सरसाइज

ये बात आप पहले से सुनते आए हैं कि एक्सरसाइज शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है। मगर हाल में हुई रिसर्च इस अर्थ में अलग है कि एक्सरसाइज सिर्फ आपके मूड को सही नहीं रखती है, बल्कि डिप्रेशन, सीजोफ्रेनिया, अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मददगार है। ये शोध University of Vermont Medical Center द्वारा किया गया है। इसी यूनिवर्सिटी के साइकोथेरेपिस्ट और शोध के प्रमुख लेखक David Tomasi के अनुसार, 'मेडिकल फील्ड में आमतौर पर लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं सबसे पहले दे दी जाती हैं, मगर यह नहीं सोचा जाता है कि इस तरह की मानसिक समस्याओं में एक्सरसाइज कितनी फायदेमंद हो सकती है।'

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उन्होंने आगे कहा, "हमने अपने शोध में मानसिक समस्याओं के लिए एक्सरसाइज को बहुत कारगर पाया है। इसलिए बेहतर होगा कि चिकित्सक ऐसे मानसिक मरीजों का इलाज दवाओं के साथ एक्सरसाइज के द्वारा भी करें। ये एक तरह की Inpatient Therapy होगी, जिसमें मरीज स्वयं भी अपनी समस्या से लड़ने का मन बना पाएगा।

कैसे किया गया अध्ययन?

इस अध्ययन के लिए Tomasi और उनकी टीम ने मानसिक समस्याओं से ग्रस्त 100 लोगों को चुना और उनके लिए एक खास जिम डिजाइन किया। जिम में इन सभी लोगों को रोजाना एक घंटे एक्सरसाइज करवाई गई और उनकी मानसिक बीमारी के आधार पर उन्हें डाइट दी गई। इस दौरान साइकोथेरेपिस्ट्स की एक टीम इन मरीजों के मूड्स, आत्म सम्मान, आत्म छवि पर नजर रखे हुए थी। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि सभी मरीजों के गुस्से, तनाव और डिप्रेशन में कमी हुई है और सभी मरीजों का आत्म सम्मान, खुद के प्रति सोच और छवि बेहतर हुई है।

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95% मरीजों के मूड स्विंग्स की समस्याएं भी काफी हद तक ठीक पाई गईं, 63% मरीजों ने बताया कि वो खुश या बहुत खुश हैं, 91.8% लोगों ने बताया कि वो पहले खुद से नफरत करने लगे थे, मगर अब वो खुद से दोबारा प्यार करने लगे हैं।

टॉक थेरेपी से बेहतर है एक्सरसाइज

Tomasi कहते हैं, 'जो लोग मानसिक बीमारियों से परेशान होते हैं, अक्सर वे किसी से बात करना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में टॉक थेरेपी या साइकोथेरेपी के द्वारा उन्हें इलाज के लिए मनाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मगर एक्सरसाइज करते समय उन्हें किसी से बात करने की जरूरत नहीं है, इस दौरान उन्हें सिर्फ अपने शरीर का इस्तेमाल करना होता है, इसलिए ऐसे मरीजों के लिए बात करने से ज्यादा आसान एक्सरसाइज करना हो सकता है। इसके परिणाम भी बहुत अच्छे हैं।"

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