When Does Morning Sickness Begin During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इसमें मूड स्विंग, उल्टी, मितली, पीठ में दर्द और पेल्विक एरिया में दर्द होना आदि शामिल हैं। मॉर्निंग सिकनेस भी इन दिनों होना बहुत आम समस्या बन जाती है। हालांकि, समय के साथ-साथ इस समस्या में अपने आप कमी आने लगती है। कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस ज्यादा दिनों तक रहती है, जबकि कुछ महिलाओं में पूरी प्रेग्नेंसी जर्नी में एक या दो बार ही यह समस्या होती है। असल में, हर महिला के लिए प्रेग्नेंसी की जर्नी अलग होती है। इसलिए, जो महिलाएं कंसीव करने की तैयारी कर रही हैं, उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों के बारे में पहले से पता होना चाहिए। ऐसा करके वे जरूरत पड़ने पर अपनी सही तरह से केयर कर सकती हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस की शुरुआत (Pregnancy Me Morning Sickness Kab Se Start Hota Hai) कब होती है? और इससे राहत पाने के लिए आप क्या कुछ कर सकते हैं?
प्रेग्नेंसी में कब शुरू होती है मॉर्निंग सिकनेस?- When Does Morning Sickness Begin During Pregnancy In Hindi
वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "माना जाता है कि सभी प्रेग्नेंट महिलाओं में से करीब दो तिहाई महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस से गुजरती हैं। कुछ महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण ज्यादा होते हैं और कुछ महिलाओं की कंडीशन बहुत ज्यादा खराब हो जाती है। आमतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं में चौथे सप्ताह से मॉर्निंग सिकनेस की प्रॉब्लम शुरू होती है और 12 से 14 सप्ताह तक खत्म हो जाती है। दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि प्रेग्नेंट महिलओं को पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस की समस्या अधिक होती है। हालांकि, 5 में से 1 महिलाओं को दूसरी तिमाही में भी मॉर्निंग सिकनेस से जुड़ी समस्या हो सकती है। सामान्यत तौर पर मॉर्निंग सिकनेस की वजह से प्रेग्नेंट महिला या उसके गर्भ में पल रहे शिशु को कोई गंभीर समस्या नहीं होती है। हां, बहुत कम मामलों में ऐसा देखा जाता है कि अगर महिला को सीवियर मॉर्निंग सिकनेस है, तो जन्म के समय बच्चा अंडरवेट हो सकता है।"
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मॉर्निंग सिकनेस की वजह- Causes Of Morning Sickness In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस क्यों होती है, इसका सटकी कारण अब तक पता नहीं चला है। हालांकि, कुछ संभावित कारक हो सकते हैं, जैसे-
- हार्मोंस का स्तर बढ़ना, खासकर एस्ट्रोजन हार्मोन में बदलाव होना।
- ब्लड प्रेशर के स्तर में बार-बार फ्लक्चुएशना होना। आमतौ पर प्रेग्नेंट महिलाओं का बीपी का स्तर कम हो जाता है।
- इसके अलावा, महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ये भी मॉर्निंग सिकनेस का कारण हो सकते हैं।
मॉर्निंग सिकनेस को कैसे मैनेज करें- Tips To Manage Morning Sickness In Hindi
डॉ. शोभा गुप्ता मॉर्निंग सिकनेस से निपटने के लिए विशेष सलाह देती हैं, जैसे-
- जब तक डॉक्टर न कहे, किसी भी तरह के दवा का सेवन न करें। वैसे भी प्रेग्नेंसी के दौरान दवा लेना सही नहीं होता है।
- सुबह-सुबह बिस्तर से उठने से पहले कोई नमकनी या मीठी चीज खा लें। मॉर्निंग सिकनेस से राहत में मदद मिलेगी।
- ऐसी कोई चीज न खाएं, जिससे आपको मितली या उल्टी आने की समस्या हो सकती है।
- उल्टी या मितली की समस्या से निपटने के लिए हैवी मील लेने से बचें। हमेशा स्मॉल मील लें। लेकिन, कई बार खाएं।
- जितना ज्यादा संभव हो, पानी पिएं और फ्लूइड इनटेक बढ़ाएं। मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए आप अदरक की चाय, क्लियर सूप और फ्रूट जूस पी सकती हैं। इससे भी आपको काफी मदद मिलेगी।
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