ज्यादा मिर्च-मसालों वाले खाने से बढ़ता है डिमेंशिया का खतरा, कमजोर होती है याददाश्त

क्या आपको भी मिर्च-मसालों वाला तीखा खाना पसंद है? रिसर्च बताती है कि ज्यादा मिर्च खाने से व्यक्ति को डिमेंशिया हो सकता है और उसकी याददाश्त कमजोर हो सकती है या पूरी तरह खो सकती है।
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ज्यादा मिर्च-मसालों वाले खाने से बढ़ता है डिमेंशिया का खतरा, कमजोर होती है याददाश्त


अगर आपको तीखे और मिर्च मसाले वाले फूड्स बहुत ज्यादा पसंद हैं, तो सावधान हो जाएं। एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि बहुत ज्यादा मिर्च खाने वाले लोगों की याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है। इस अध्ययन के अनुसार मिर्च खाने वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा होता है। डिमेंशिया एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और उसे रोजमर्रा के तमाम कामों में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

रोजाना 50 ग्राम से ज्यादा मिर्च है खतरनाक

इस अध्ययन के मुताबिक रोजाना 50 ग्राम से ज्यादा मिर्ची खाने वालों में डिमेंशिया का खतरा 2 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। इसके कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है और चीजों को पहचानने की क्षमता घटने लगती है। लगातार 15 सालों के अध्ययन के बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। ये रिसर्च 4582 चीनी लोगों पर की गई है, जिनकी उम्र 55 साल या इससे ज्यााद थी। रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों ने रोजाना 50 ग्राम से ज्यादा मिर्च का सेवन किया, उनकी मेमोरी कमजोर हो गई।

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पतले और सामान्य वजन वालों को ज्यादा खतरा

प्रमुख शोधकर्ता और क़तर यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखने वाले ज्यूमिन शी के अनुसार, इसका खतरा मोटे लोगों की अपेक्षा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिनका वजन कम होता है या जो लोग सामान्य वजन के होते हैं। रिसर्च  के अनुसार मिर्च खाने वाले ज्यादातर लोग लोअर इनकम और बॉडी मास इंडेक्स वाले थे, इसलिए ये सामान्य लोगों से ज्यादा शारीरिक गतिविधि करते थे। ये अध्ययन न्यूट्रिएंट्स नामक पत्रिका में छापा गया है।

सीमित मात्रा में मिर्च खाना होता है फायदेमंद

पहले हुई रिसर्च में ये बताया जा चुका है कि अगर आप रोजाना सीमित मात्रा में मिर्च का सेवन करें, तो ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। मगर इस रिसर्च में पाया गया कि इसका ज्यादा सेवन करने का असर मस्तिष्क पर बुरा पड़ता है, खासकर अधेड़ उम्र के लोगों पर। यहां ध्यान देने की बात ये है कि ये खतरा सिर्फ लाल मिर्च को कच्चा या सूखा खाने पर ही होता है, जबकि शिमला मिर्च या काली मिर्च खाने से कोई नुकसान नहीं है।

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दुनियाभर में होता है मिर्च का प्रयोग

मिर्च का प्रयोग दुनियाभर में किया जाता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल एशियाई देशों में होता है। चीन में स्पाइसी फूड्स (मिर्ची वाले आहारों) का चलन बहुत ज्यादा है, जिसके कारण यहां के युवाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मिर्च में एक खास तत्व होता है जिसे कैप्साइसिन कहते हैं। ये तत्व मेटाबॉलिज्म की प्रकिया को तेज करता है, वजन घटाने में मदद करता है और धमनी रोगों से भी बचाता है। मगर इसका सेवन बहुत अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।

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