क्या प्यार में दिल टूटने से भी बढ़ता है कैंसर का खतरा? जानें कैंसर और 'ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम' में संबंध

प्यार में दिल टूटने, बहुत गहरा दुख होने पर भी व्यक्ति में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हाल में हुए शोध में ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम और कैंसर के बीच गहरा संबंध पाया गया है।
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क्या प्यार में दिल टूटने से भी बढ़ता है कैंसर का खतरा? जानें कैंसर और 'ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम' में संबंध

क्या आपने कभी सोचा है कि 'प्यार में दिल टूटने' की कहावत कैसे बनी होगी? क्योंकि दिल तो सही सलामत रहता है, बल्कि ऐसी स्थिति में दिमाग ज्यादा प्रभावित होता है? दरअसल जब आप बहुत ज्यादा गहरे दुख में होते हैं, तो इसका असर आपके दिल पर पड़ता है। इसे ही 'ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम' कहते हैं। पहले हुई कई रिसर्च में इस बात का पता चला है कि किसी अपने को खोने का दुख आपके दिल के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है। लेकिन हाल में हुआ एक अध्ययन आपको चौंका सकता है। इस अध्ययन के मुताबिक प्यार में दिल टूटने के बाद अगर व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो उसको कैंसर का खतरा हो सकता है।

ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम और कैंसर में संबंध

नए शोध के मुताबिक ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम के शिकार हर 6 में से 1 व्यक्ति को कैंसर होने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है। स्विटजरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (ज्यूरिक) के एक्यूट कार्डियक केयर के डायरेक्टर डॉ. क्रिस्टियन टेम्पलिन ने बताया, "ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम और कैंसर के बीच बहुत गहरा संबंध मालूम पड़ता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम है, तो उसे रेगुलर कैंसर की जांच करवाते रहना चाहिए।"

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ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण

ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम आमतौर पर तब होता है, जब किसी व्यक्ति को अचानक बहुत गहरा दुख पहुंचता है जैसे- किसी खास के बिछड़ जाने, मर जाने या कोई बड़ा नुकसान हो जाने पर। इस सिंड्रोम से प्रभावित होने पर व्यक्ति के सीने तेज दर्द होता है और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ये दोनों आमतौर पर हार्ट अटैक के लक्षण माने जाते हैं, इसलिए लोग ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम को भी हार्ट अटैक समझ लेते हैं, मगर ये इससे काफी अलग है। ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम के दौरान होने वाली समस्याओं का कारण अचानक बहुत ज्यादा मात्रा में स्ट्रेस हार्मोन का उत्सर्जन है।

गहरा दुख होने पर क्यों प्रभावित होता है दिल?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार जब शरीर में अचानक बहुत ज्यादा स्ट्रेस हार्मोन्स का उत्पादन हो जाता है, तो दिल के पंपिंग चैंबर फूलकर बड़े हो जाते हैं, जिसके कारण व्यक्ति की धड़कनें तेज हो जाती हैं और उसका दिल खून को ठीक से पंप नहीं कर पाता है। कई बार अचानक बहुत बड़ी या अप्रत्याशित खुशी मिल जाने के कारण भी ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम हो सकता है।

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कैसे की गई रिसर्च?

इस रिसर्च के लिए 9 अलग-अलग देशों के 26 मेडिकल सेंटर के 1600 मरीजों को चुना गया, जो ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम से प्रभावित थे। शोध में पाया गया कि कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा ऐसी महिलाओं में था, जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा थी। ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम के कारण सभी उम्र के पुरुषों, महिलाओं और युवाओं में कैंसर की संभावना सामान्य से बहुत ज्यादा पाई गई। जैसे- आमतौर पर 44 साल या इससे कम उम्र के व्यक्तियों में कैंसर की संभावना 0.4% पाई जाती है, मगर इस सिंड्रोम के रोगियों में ये संभावना 8% से भी ज्यादा थी। इसी तरह 45-64 साल के उम्र के व्यक्तियों में कैंसर की संभावना 2% होती है, जबकि इन मरीजों में ये संभावना 22% से ज्यादा थी।

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