बारिश के बाद दिल्ली में मलेरिया के 60, डेंगू के 27, और चिकनगुनिया के 41 मामले, जानें कैसे बचें इन बीमारियों से?

दिल्ली में पहली बारिश के बाद ही डेंगू के 27, मलेरिया के 60 और चिकनगुनिया के 41 से ज्यादा मामले सामने आए। बारिश के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली इन जानलेवा बीमारियों से कैसे बचें, जानें हमारे एक्सपर्ट डॉ. राम आशीष से।
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बारिश के बाद दिल्ली में मलेरिया के 60, डेंगू के 27, और चिकनगुनिया के 41 मामले, जानें कैसे बचें इन बीमारियों से?

दिल्ली में पहली बारिश के बाद ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के सैकड़ों मामले सामने आने लगे हैं। म्यूनिसिपल रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली में सोमवार तक मलेरिया के 66 मरीज, डेंगू के 27 मरीज और चिकनगुनिया के 41 नए मामले सामने आए हैं। पिछले साल डेंगू के कारण सिर्फ दिल्ली में ही 2,798 लोगों की मौत हुई थी। आमतौर पर मच्छरजनित बीमारियों का खतरा जुलाई से नवंबर के बीच ज्यादा होता है। दरअसल जुलाई के आसपास ही मॉनसून आता है और बारिश के साथ ही मच्छरों का प्रजनन शुरू हो जाता है। आइए आपको बताते हैं कि मॉनसून के दौरान कौन सी सावधानियां आपको डेंगू-मलेरिया के खतरों से बचा सकती हैं।

डेंगू-मलेरिया के सामान्य लक्षण

सिद्धार्थनगर के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, डॉ. राम आशीष बताते हैं, "हालांकि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मच्छरों के काटने से फैलते हैं, मगर डेंगू और मलेरिया दो अलग बीमारियां हैं। यहां यह ध्यान देने की बात है कि आमतौर पर मलेरिया, डेंगू से ज्यादा खतरनाक होता है। विपरीत परिस्थितियों में दोनों ही बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं। इन दोनों बीमारियों के कुछ लक्षण एक जैसे दिखते हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है।"

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शुरुआत में ये 4 लक्षण महसूस होते हैं-

  • तेज सिरदर्द होना
  • सुस्ती और थकान लगना
  • पूरे शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
  • पीठ और कमर के हिस्से में तेज दर्द होना

2-3 दिन में ये 5 परेशानियां शुरू हो जाती हैं-

  • ठंड लगने के साथ तेज बुखार आ जाता है।
  • उल्टी और मतली होती है (जी मिचलाता है)।
  • खांसी आने लगती है।
  • शरीर कमजोर होने लगता है और डायरिया भी हो सकता है।
  • शरीर पर चकत्तों के निशान दिखने लगते हैं।

डेंगू-मलेरिया के मच्छर कब काटते हैं?

सामान्यः देखें तो, डेंगू के मरीज दिन की रोशनी में काटते हैं, यानी आपको सुबह और दोपहर के समय मच्छरों से सावधान रहने की जरूरत है। वहीं मलेरिया के मच्छर हल्की रोशनी के समय ज्यादा काटते हैं, यानी सुबह दिन निकलने के समय और शाम ढलने के समय काटने वाले मच्छर आपको मलेरिया का शिकार बना सकते हैं। इस तरह से देखें, तो आपको पूरे दिन ही मच्छरों से सावधान रहने की जरूरत है। यहां यह जान लेना जरूरी है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि रात में काटने वाले मच्छर इन बीमारियों को नहीं फैला सकते, इसलिए आपको हर समय मच्छरों से बचे रहना चाहिए। डेंगू मलेरिया का खतरा जंगल, खेत या घास-गार्डेन के आस-पास पनपने वाले मच्छरों में ज्यादा होता है।

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कैसे फैलते हैं डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया?

डेंगू, मलेरिया और चिकगुनिया- तीनों ही रोग मच्छरों के काटने से फैलते हैं, इसलिए इनसे बचने का एकमात्र उपाय यह है कि आप मच्छरों से बचें। मच्छरों से बचाव के लिए आपको 2 तरह से प्रयास करना पड़ेगा। पहला, आपको मच्छरों को पैदा होने से रोकना है और दूसरा, मच्छरों के काटने से बचना है।

अब यह तो आप भी जानते हैं कि मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए आसपास सफाई रखनी जरूरी है। इसके साथ ही घर में जहां कहीं भी पानी जमा हुआ है, उसे निकाल कर हटा दें। अक्सर रुके हुए पानी में ही मच्छर अपने अंडे देते हैं और प्रजनन करते हैं। घर में अगर कूलर का इस्तेमाल करते हैं, तो कूलर के पानी को रोजाना या कम से कम 1 दिन छोड़कर जरूर बदलें और इसमें पेट्रोल की कुछ बूंदें छिड़क दें।

दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि आप खुद को घर में मौजूद छोटे बच्चों को मच्छरों के काटने से बचाएं। इसके लिए आप पूरी बांह के कपड़े पहनें और रात में सोते समय मस्कीटो रिपेलेंट (कॉइल, लिक्विड, अगरबत्ती, स्प्रे, क्रीम) आदि का प्रयोग करें। मगर ध्यान दें कि अगर घर में छोटा बच्चा है, तो इन उपायों के बजाय आप मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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