Dream Girl 2 में क्रॉस ड्रेसर बने हैं आयुष्मान खुराना, जानें किस मनोविज्ञान के कारण ऐसा करते हैं कुछ लोग

क्रॉस ड्रेसर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को दूसरे जेंडर के कपड़े पहनने में या उनकी तरह दिखने में रूचि होती है।
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Dream Girl 2 में क्रॉस ड्रेसर बने हैं आयुष्मान खुराना, जानें किस मनोविज्ञान के कारण ऐसा करते हैं कुछ लोग


आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे की फिल्म ड्रीम गर्ल 2 इन दिनों चर्चा में है। दरअसल, फिल्म में क्रॉस ड्रेसर का मुद्दा उठाया जा रहा है। फिल्म में आयुष्मान खुराना, कर्मवीर सिंह की भूमिका निभा रहे हैं। इसमें वे लड़की की आवाज में लड़कों से फोन पर बात करते हैं। हालांकि, रियल लाइफ में भी ऐसा करना कई लोगों को पसंद होता है। फिल्म आज यानि 25 अगस्त को रिलीज हो चुकी है। आइये जानते हैं क्रॉस ड्रेसर के बारे में सारी जानकारी- 

क्या है क्रॉस ड्रेसर?

क्रॉस ड्रेसर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को दूसरे जेंडर के कपड़े पहनने में या उनकी तरह दिखने में रूचि होती है। ऐसे में कुछ लड़कों को लड़कियों की तरह कपड़े पहनने का मन कर सकता है, तो कुछ लड़कियों को लड़कों की तरह। हालांकि, इसका इतिहास काफी पुराना रहा है। यह एक प्रकार की मनोस्थिति है, जिसमें लोग न सिर्फ कपड़े पहनना, बल्कि दूसरे जेंडर की तरह रहना और आकर्षित होना भी पसंद करते हैं। ऐसे लोग दूसरे जेंडर की तरह दिखने के लिए उनकी तरह बाल कटवाते हैं, कपड़े पहनते हैं। यहां तक की उनकी तरह बर्ताव भी करते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों को समलैंगिक कहा जाना ठीक नहीं है, क्योंकि समलैंगिक वे लोग होते हैं, जो अपने ही जेंडर के लोगों की ओर आकर्षित होते हैं। 

इसके पीछे हो सकते हैं अलग-अलग डिसऑर्डर 

मनोविज्ञान के मुताबिक अन्य जेंडर की तरह दिखने में रूचि रखने वाले लोगों में ऐसा एक तरह की समस्या के कारण नहीं होता है। बल्कि, इसके पीछे कुछ इमोशनल कारण होने के साथ ही अन्य भी कई डिसऑर्डर हो सकते हैं। व्यक्ति में इस तरह के लक्षण या फिर रूचि दिखने पर साइकैट्रिस्ट या साइकोलॉजिस्ट से बातचीत कराना बेहतर विकल्प माना जाता है। ऐसा करने से कई बार मनोदशा ठीक भी हो सकती है। 

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पुरुषों में इसका अधिक प्रभाव 

क्रॉस ड्रेसर को लेकर हुई कुछ स्टडी के मुताबिक पुरुष क्रॉस ड्रेसर से ज्यादा प्रभावित होते हैं। ऐसे में महिलाओं की तादात काफी कम होती है। ऐसे में पुरुष महिलाओं की अंडरगार्मेंट और ऑर्नागार्मेंट्स पहनते हैं, जिसके बाद उन्हें सेक्शुअल एक्टीविटीज में शामिल होने का भी मन करता है। आमतौर पर बचपन या फिर किशोरअवस्था में ऐसा होता है। कुछ लोगों में ऐसी स्थिति किशोरावस्था के बाद भी देखी जा सकती है। कई बार इसके पीछे बचपन में ही पेरेंट्स से अलग हो जाना या फिर ज्यादा पोर्न देखना आदि को इसका कारण माना जाता है।

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