
देश की पहली गर्भनिरोधक गोली बनाने वाले और कंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरई) के पूर्व निदेशक डॉ. नित्या आनंद का शनिवार को निधन हो गया। तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें लखनऊ के पीजीआई के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वैज्ञानिक पद्मश्री अवार्डी डॉ. नित्या आनंद ने देश की पहली गर्भनिरोधक गोली सहेली की खोज की थी। दरअसल, वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
99 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
डॉ. नित्या ने 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। आईसीयू में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों की देख-रेख में उनका इलाज चल रहा था। इस दौरान इंफेक्शन बढ़ने पर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों द्वारा सैप्टिक शौक के कारण उनका निधन होने की बात कही जा रही है। आज यानि सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पहली गर्भनिरोधक गोली की खोज की
डॉ. नित्या ने देश की पहली नॉन हार्मोनल और नॉन स्टीरॉइडल गर्भनिरोधक गोली सहेली का आविश्कार किया था। वे देश के पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने इस तरह की गोली की खोज की थी। इस दवा को राष्ट्रीय परिवार नियोजक कार्यक्रम में छाया के नाम से भी जोड़ा गया है। यही नहीं अपने कार्यकाल में रहते हुए उन्होंने टीबी, कुष्ट रोग और मलेरिया के साथ ही कई अन्य गंभीर बीमारियों के ड्रग्स बनाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। वे साल 1974 से लेकर 1984 तक कंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरई) के निदेशक रहे।
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400 से ज्यादा रिसर्च पेपर किए थे प्रकाशित
डॉ. नित्यानंद एक बड़े रिसर्च वैज्ञानिक रहे हैं, जिनके 400 से भी ज्यादा रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें से उन्हें 130 पर पेटेंट भी मिला था। डॉ. नित्या आनंद द्वारा बनाए गए ड्रग को सीआरडीआई ने साल 1991 में सेंटक्रॉमैन का नाम देकर रिलीज किया था। उनका गर्भनिरोधक गोली सहेली ने देश महिलाओं को गर्भनिरोधक इंजेक्शन लेने से मुक्त किया। यही नहीं इस गोली के महिलाओं में किसी प्रकार के दुषप्रभाव भी नहीं देखे गए थे।
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