
बचपन से हम अपने बड़ों से बिस्तर नहीं ठीक करने के लिए कई बार डांट खाते आये हैं। हमारे बड़े हमको यही समझाते आये हैं कि बिस्तर से उठते ही बिस्तर ठीक कर देना चाहिए। पर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिक इस बात से इंकार कर करते है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सुबह सोकर उठने के तुरंत बाद बिस्तर नहीं ठीक करना चाहिए, वर्ना इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है। 
वैज्ञानिकों के अनुसार जब हम सोकर उठते है तो बिस्तर पर हमारे डेड सेल्स रह जाते है। बिस्तर को तुंरत ठीक करने से उसमें मौजूद धूल और पसीने के कण और डेड सेल्स अस्थमा और एलर्जी की समस्या को बढ़ाते है। लेकिन जब आप बिस्तर को वैसे ही छोड़ देते है तो ताजी हवा और रोशनी इन कणों को डीहाइड्रेड करके नष्ट कर देती है। 
गौरतलब है कि ये धूल के कण हमारी बॉडी से मिलने वाली नमी पर ही जिंदा होते है। जब इन्हें ये नमी नहीं मिलती है तो ये कण खुब-ब-खुद नष्ट हो जाते है। 
गुड हाउसकीपिंग इंस्टीट्यूट की क्लीनिंग लैब डायरेक्टर कार्लोन फोर्ट के अनुसार ये सच है कि धूल के कण सभी जगह होते हैं, बिस्तर ठीक नहीं करने या ना करने से ज्यादा कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है। पर बिस्तर से उठते ही तुंरत ठीक करने से बेहतर है कि आप नाश्ता आदि करने के बाद उसे ठीक करें। 
इन कणों के हटाने के लिए अपनी बेडशीट को सप्ताह में एक बार गर्म पानी से जरूर धुलें, अगर आप गर्म पानी से नहीं घुल पा रहीं हों, तो रातभर के लिए उसे फ्रोजन कर लें, सारे कण खत्म हो जाते है। बेडशीट के अलावा अगर आपके बच्चे किसी टैडी बियर के साथ सोने के आदी हो, तो उसको भी इसी तरह से साफ रखें। 
अगर आप थोड़ी देर रुककर बिस्तर बनाते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए अच्छा रहेगा।
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