
महिलाओं में प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन बहुत महत्वपूर्ण माना है। प्रेग्नेंसी में भी इस हार्मोन की बड़ी भूमिका होती है। प्रोजेस्ट्रोन एक ओवेरियन हार्मोन है जो यूट्रस को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करता है और प्रेगनेंसी के दौरान सहायक की भूमिका भी निभाता है जिससे स्वस्थ प्रेगनेंसी रहे। इस हार्मोन की कमी भी सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती और न ही अधिकता। कुछ लोग मानते हैं कि प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन वजन बढ़ाता है। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट एंड ऑब्सट्रिशियन डॉक्टर रंजना बेकन के मुताबिक प्रोजेस्टेरोन महिलाओं में वजन बढ़ने का कारण हो भी सकता है और नहीं भी। दरअसल प्रोजेस्ट्रॉन भूख बढ़ाता है। ऐसे में अधिक कैलोरी का सेवन और पर्याप्त कैलोरी नहीं बर्न करने की वजह से वजन बढ़ सकता है और यह सच है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन कम होने का कारण
महिलाओं में मेनोपॉज, गर्भपात और ओवेरियन रोगों के कारण प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जो कि एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकता है। एस्ट्रोजन एक महिला हार्मोन है जो शरीर को गर्भावस्था और स्तनपान के लिए तैयार करने में भी मदद करता है।
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क्या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी मदद कर सकती है?
अक्सर रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) से गुजर रही महिलाओं के लिए हार्मोन्स में बदलाव होते रहते हैं। मेनोपॉज के लक्षणों से राहत पाने के लिए सबसे प्रभावी उपचार रिप्लेसमेंट थेरेपी है। वहीं मेनोपॉज से मोटापा और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान या मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी फायदेमंद है। यह न केवल शरीर के वजन को कम करने में मदद करता है, बल्कि अन्य बीमारियों और स्थितियों के जोखिम को भी कम करता है। लेकिन अगर महिलाओं को मेनोपॉज नहीं हो रहा है, तो उन्हें वजन बढ़ने से रोकने के लिए अपनी जीवनशैली की आदतों को बदलना चाहिए।
हार्मोनल वजन बढ़ने से रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव
इसके अलावा वजन बढ़ने से रोकने के लिए फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिसमें सब्जियां, कम जीआई वाले फल, और साबुत अनाज शामिल हैं। दरअसल फाइबर पचने में अधिक समय लेता है और भूख को कम करने में मदद करता है। डाइटरी फाइबर अच्छे गट बैक्टीरिया को बढ़ाने में भी मदद करता है और बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
वहीं आपको फ्राइज़, पिज्जा, बर्गर, फ्रोजन फूड्स, डिब्बाबंद भोजन, और पैक्ड शुगर ड्रिंक्स, नमक, ट्रांस फैट और अन्य एडिटिव्स से बचना चाहिए। नींद की कमी वजन बढ़ने का एक प्रमुख कारण माना गया है। हर रात कम से कम 6 से 7 घंटे की नींद जरूर लें।
प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन के कारण वजन बढ़ सकता है। गर्भवती महिला, मेनोपॉजल या पोस्ट-मेनोपॉजल की अवस्था वाली महिला या जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग कर रही हैं उनको वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए एक हेल्दी लाइफ़स्टाइल फॉलो करना फायदेमंद हो सकता है।
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