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प्रोजेस्टेरोन की कमी पेरिमेनोपॉज के दौरान है खतरनाक, ये 5 लक्षण न करें नजरअंदाज

Low Progesterone Symptoms Perimenopause: पेरिमेनोपॉज में प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर महिला का काफी ज्यादा मूड स्विंग होने लगता है। 
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प्रोजेस्टेरोन की कमी पेरिमेनोपॉज के दौरान है खतरनाक, ये 5 लक्षण न करें नजरअंदाज

Low Progesterone Meaning in Hindi: प्रोजेस्टेरोन एक किस्म का हार्मोन है। यह रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हार्मोन होता है। असल में, यह एक किस्म का केमिकल है, जो आपके शरीर को बताता है कि किस तरह से काम करना है। जैसे महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मासिक चक्र को सपोर्ट करता है और बच्चेदानी को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करता है। अगर किसी वजह से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाए, तो पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। नतीजतन, महिला के लिए कंसीव करना बहुत मुश्किल हो जाता है। यही नहीं, इसकी कमी वजह से महिला की ओवर ऑल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। वहीं, अगर महिला पेरिमेनोपॉज से गुजर रही हो, तो उसमें प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Low Progesterone) के स्तर में गिरावट आ सकती है। आपको बता दें कि मेनोपॉज होने से पहले के दौर को पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। इस दौरान प्राकृतिक तरीके से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में कमी देखी जा सकती है। हालांकि, ऐसा होने पर महिला में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी लक्षणों (progesterone ki kami ke lakshan) को जानकर आप अपने हेल्थ में सुधार कर सकते हैं।

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी पेरिमेनोपॉज के दौरान- Low Progesterone Symptoms During Perimenopause In Hindi

symptoms of low progesterone

अनियमित पीरियड्स- Irregular periods

वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, "प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर महिलाओं में अनियमित पीरियड्स होने लगते हैं। हालांकि, पेरिमेनोपॉज होने पर भी यह स्वाभाविक है। लेकिन, अगर ऐसा आपके साथ अक्सर हो रहा है, तो यह प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण भी हो सकता है। यही नहीं, कभी-कभी पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो भी कम हो सकता है। एक्सपर्ट की मानें, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर पीरियड्स के दौरान फ्लो भी प्रभावित होता है। कभी महिला को हैवी ब्लीडिंग हो सकती है, तो कभी ब्लीडिंग काफी कम होती है।"

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लगातार सिरदर्द होना- Constant Headache

Constant Headache

डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर महिला को सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। जरूरी नहीं है कि ऐसा पेरिमोनोपॉज के दौरान ही हो। अगर महिला की उम्र कम है, तो भी उन्हें लगातार सिरदर्द की शिकायत रहती है, तो इसका कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर का कम होना हो सकता है। हालांकि, सिरदर्द अपने आप में एक लक्षण है। इसलिए लगातार सिरदर्द होने पर आपको एक्सपर्ट से मिलना चाहिए और अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। कई बार साइनस और माइग्रेन जैसी समस्या की वजह से भी लगातार सिरदर्द बना रहता है।"

कंसीव न कर पाना- Difficult To Conceive

डॉ. शोभा गुप्ता की मानें, तो प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत होती है। पेरिमेनोपॉज में ऐसा होना नॉर्मल है। असल में, यह फेज ऐसा होता है, जब पीरियड्स सही तरह से नहीं होते हैं। ऐसे में ऑव्यूलेशन भी इफेक्ट होता है, जिससे नेचुरली कंसीव करना एक चैलेंज बन जाता है। वहीं, अगर प्रोजेस्टेरोन की कमी हो जाए, तो यह और भी बड़ा टास्क बन सकता है। अगर आप पेरिमेनोपॉज में कंसीव करना चाहती हैं, तो बेहतर होगा कि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने की कोशिश करें। इसके लिए एक्सपर्ट से मिलें।

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बार-बार मूड चेंज होना- Frequent Mood Changes

डॉ. शोभा गुप्ता आगे बताती हैं, "प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर मूड पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। वास्तव में, पेरिमेनोपॉज अपने आप में एक ऐसा दौर है, जो महिला के लिए काफी चैलेंजिंग होता है। इस दौरान पीरियड्स सही तरह से नहीं होते हैं, जिस वजह से महिला को कई तरह की शारीरिक समस्या का सामना करना पड़ता है। इसका नेगेटिव असर उनके मूड पर पड़ता है। वहीं, अगर पप्रोजेस्टेरोन हार्मोन में कमी हो, तो उन्हें एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।"

वजन बढ़ना- Weigt Gain

डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर वजन का बढ़ना भी नोटिस किया जा सकता है। वैसे, तो पेरिमेनापॉज के दौरान महिला काफी मूड स्विंग से गुजरती है। कई बार महिलाओं को रात को अच्छी नींद नहीं आती है। इन सब कारणों से प्रोजेस्टेरोन की कमी होने के कारण अक्सर महिला ओवर वेट हो जाती है।"

Image Credit: Freepik

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