पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन न केवल यौन स्वास्थ्य बल्कि समग्र शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए भी बेहद जरूरी होता है। पुरुषों में यह हार्मोन मांसपेशियों की मजबूती, हड्डियों के विकास, बालों की ग्रोथ, यौन इच्छा और मूड को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टेरोन का मुख्य सोर्स पुरुषों के अंडकोष (Testicles) होते हैं, जो शरीर में इस हार्मोन का निर्माण करते हैं। लेकिन जब किसी व्यक्ति के पास केवल एक ही अंडकोष हो, चाहे वह जन्म से हो या किसी दुर्घटना, बीमारी या सर्जरी के कारण तो एक आम सवाल यह उठता है कि क्या इससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रभावित होता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईआईएमएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉ. अवीर सरकार (Dr Avir Sarkar, Assistant Professor, Department of Obstetrics and Gynaecology, NIIMS Medical College & Hospital) से बात की-
क्या केवल एक अंडकोष होने से टेस्टोस्टेरोन कम होता है? - Does One Testicle Reduce Testosterone
कई बार जन्म से ही कुछ पुरुषों के पास केवल एक अंडकोष होता है। वहीं, कुछ मामलों में किसी कारणवश, जैसे कि चोट, कैंसर या टेस्टिकुलर टॉर्शन-दूसरा अंडकोष सर्जरी द्वारा हटा दिया जाता है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि व्यक्ति के मन में यह सवाल उठे कि एक अंडकोष उनके शरीर के टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को कैसे प्रभावित करेगा। डॉ. अवीर सरकार के अनुसार, एक हेल्दी अंडकोष अकेले ही पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कर सकता है। जब एक अंडकोष हटाया जाता है, तो शरीर स्वाभाविक रूप से इसकी भरपाई करने की कोशिश करता है और बचा हुआ अंडकोष ज्यादा एक्टिव हो जाता है। एक अंडकोष वाला पुरुष सामान्य टेस्टोस्टेरोन लेवल बनाए रख सकता है, बशर्ते वह अंडकोष हेल्दी हो। यदि बचा हुआ अंडकोष भी किसी प्रकार से खराब हो, तब टेस्टोस्टेरोन में गिरावट संभव है। ऐसे में सही डॉक्टर की सलाह और उचित इलाज के जरिए टेस्टोस्टेरोन के लेवल में सुधार किया जा सकता है।
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टेस्टोस्टेरोन में गिरावट के लक्षण
- यौन इच्छा में कमी
- थकान और एनर्जी की कमी
- मांसपेशियों में गिरावट
- मूड स्विंग या डिप्रेशन
- बालों का झड़ना
- नींद की समस्या
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से टेस्टोस्टेरोन लेवल की जांच करवाना जरूरी होता है।
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कई पुरुषों में केवल एक अंडकोष होने को लेकर मानसिक असहजता देखी जाती है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि इससे उनकी मर्दानगी, यौन क्षमता या पिता बनने की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ता है, जब तक कि दूसरा अंडकोष पूरी तरह से काम कर रहा हो। समाज में जागरूकता और सही जानकारी फैलाकर इस तरह के मिथकों को दूर किया जा सकता है। कुछ नेचुरल उपायों से भी टेस्टोस्टेरोन को संतुलित रखा जा सकता है। जैसे कि पर्याप्त नींद लेना, नियमित एक्सरसाइज विशेष रूप से वेट ट्रेनिंग, बैलेंस डाइट जिसमें जिंक, विटामिन D और हेल्दी फैट शामिल हों। इसके अलावा तनाव मैनेज करना भी बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष
एक अंडकोष का होना अपने आप में कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है और यह टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम नहीं करता। शरीर अक्सर इस स्थिति की भरपाई करने में सक्षम होता है। लेकिन यदि किसी को हार्मोनल असंतुलन के लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हेल्दी लाइफस्टाइल, समय-समय पर चेकअप और सही जानकारी के साथ एक अंडकोष वाला व्यक्ति भी पूरी तरह हेल्दी, एक्टिव और संतुलित जीवन जी सकता है।
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