दांत हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न सिर्फ खाना चबाने में हमारी मदद करते हैं, बल्कि बोलने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके 2 बार दांत निकलते हैं, जिसमें एक दूध के दांत कहलाते हैं। शिशु अवस्था में जो दांत निकलने शुरू होते हैं उन्हें दूध के दांत कहा जाता है, जो अक्सर 6 से 7 साल की उम्र में टूट जाते हैं और उनके स्थान पर नए और मजबूत दांत निकलते हैं। कई बार पेरेंट्स शिशुओं के दूध के दांत की ज्यादा केयर नहीं करते हैं, जिस कारण उनके दांतों में सड़न या कीड़ें लगने की समस्या भी बढ़ जाती है। लेकिन क्या आपकों पता है दूध के दांतों में होने वाले इंफेक्शन (Toddler Tooth Infection) को अनदेखा करना आपके आने वाले नए दांतों में भी समस्या पैदा कर सकता है। जी हां, मैटरनल और चाइल्ड कंसल्टेंट एवं डेंटल सर्जन डॉ. आकृति सिंह का मानना है कि बच्चों के दूध के दांत में किसी भी तरह के इंफेक्शन को नजरअंदाज करने पर उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और कई बार ये समस्याएं वयस्क दातों तक भी पहुंच सकती है।
दूध के दांत में इंफेक्शन होने पर इलाज क्यों जरूरी है? - What Happens When A Milk Tooth Gets Infected in Hindi?
1. दांतों में दर्द होना
दूध के दांत में इंफेक्शन होने से ये आपके मसूड़ों में फैल सकता है, जिस कारण बच्चे को दांत में दर्द (Kid Toothache) की समस्या बढ़ सकती है, जो बहुत असहनीय हो सकती है।
2. मुंह में सूजन होना
संक्रमण फैलने से मुंह में मवाद होने, मसूड़ों और यहां तक कि चेहरे पर सूजन (Mouth Swelling) के साथ बुखार की समस्या बढ़ सकती है।
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3. स्थायी दांतों में नुकसान
दूध के दांतों में इंफेक्शन होने से स्थायी दांतों के बड्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे स्थायी दांतों को भी नुकसान हो सकता है, क्यों आपके स्थायी दांतों के बड्स दूध के दांतों की जड़ों के ठीक ऊपर मौजूद होते हैं।
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डॉ. आकृति सिंह के अनुसार बिना इलाज के दूध के दांत का इंफेक्शन आपके स्थायी दांतों के बड तक फैल सकता है, जो आपके स्थायी दांतों को भी खराब कर सकता है। इसलिए पेरेंट्स कभी भी अपने बच्चों के दूध के दांतों में होने वाले इंफेक्शन या किसी भी तरह की समस्या को नजरअंदाज न करें, बल्कि इसका तुरंत इलाज करवाने की कोशिश करें।
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