
प्रेग्नेंसी का दौर हर महिला के लिए खास होता है। इसलिए महिलाएं इस दौरान हर छोटी से छोटी बातों का विशेष ध्यान रखती हैं। खासतौर पर गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर महिलाएं काफी ज्यादा सतर्क रहती हैं। इसलिए वे हर वे चीज करती हैं, जिसे लोगों द्वारा कहा जाता है। ऐसे में कई बार महिलाएं मिथ बातों पर भी भरोसा कर बैठती हैं। जी हां, हमारे सामने कई ऐसे मिथ होते हैं, जिसे हम सच मान लेते हैं। इन्हीं बातों में से एक है प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिलाएं कॉफी या चाय का सेवन करती हैं, तो इससे बच्चे का रंग डार्क हो सकता है। हम में से कई ऐसे लोग हैं, जो इस बात को सच मान लेते हैं। वहीं, कुछ लोगों को यह बात बेकार भी लग सकती है। लेकिन सच्चाई क्या है, अगर आप ये जानना चाहते हैं, तो इसके लिए डॉक्टर की बातों को मानें। आज हम इस बात की सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे। जिसके लिए हमने मदरहुड हॉस्पिटल की गायनाकोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीषा रंजन से बात की है। चलिए जानते हैं इस बात में कितनी है सच्चाई? साथ ही प्रेग्नेंसी से जुड़े कुछ अन्य मिथ-
क्या कॉफी पीने से बच्चे का रंग होता है काला?
इस बारे में डॉक्टर मनीषा बताती हैं कि यह एक प्रेग्नेंसी से जुड़ा मिथ है। इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चे का रंग कैसे होगा, यह खाने पीने की चीजों पर निर्भर नहीं करता है। कॉफी ज्याद या कम पीने से गर्भ में पल रहे बच्चे के रंग पर कोई असर नहीं होता है। हालांकि, अगर आप अधिक मात्रा में कॉफी पीते हैं, तो इससे मां और भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा बच्चों के रंग की बात की जाए, तो यह माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के रंगों पर निर्भर करता है। इससे खाने पीने की चीजों का कोई असर नहीं होता है।
इसे भी पढ़ें- क्या प्रेग्नेंसी में जंपिंग करने (उछलने-कूदने) का बच्चे पर पड़ता है असर? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
क्या केसर और संतरा खाने से बच्चों का रंग होता है साफ?
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि बच्चों का रंग खाने पीने की चीजों पर निर्भर नहीं करता है। ठीक वही बात केसर और संतरा पर भी लागू होता है। केसर और संतरा खाने से बच्चा हष्ट-पुष्ट हो सकता है। संतरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन इससे बच्चे के रंग पर किसी तरह का कोई असर नहीं होता है।
प्रेग्नेंसी से जुड़े कुछ अन्य मिथ-
क्या बच्चे के किक से पता चलता है बच्चों को लिंग?
कुछ लोगों का मानना है कि गर्भ में पल रहे बच्चे के किक मारने के तरीके से पता लगाया जा सकता है कि बच्चा लड़का है या लड़की? लोगों का मानना है कि अगर बच्चा पेट के लेफ्ट की ओर लात मार रहा है तो गर्भ में लड़का और राइट साइड की ओर लात मार रहा है, तो वह लड़की ही होगी। लेकिन इस विषय पर डॉक्टर का कहना है कि यह बात बिल्कुल भी प्रमाणित नहीं है। इससे आप भ्रूण के लिंग का पता नहीं लगा सकते हैं। यह बिल्कुल गलत है। किक मारने से बच्चे के लिंग नहीं जाना जा सकता है। हालांकि, यह बच्चे के स्वस्थ होने का प्रमाण हो सकता है।
क्या बेली के शेप से पता लगाया जा सकता है लिंग?
शायद यब लाइन आपने कई बार लोगों के मुंह से सुना होगा कि प्रेग्नेंट महिला के बेली शेप से पता लगाया जा सकता है कि पेट में लड़का है या लड़की? लेकिन क्या आपने कभी ऐसा होते देखा है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में इस तरह की बातों पर विश्वास करना बिल्कुल गलत होता है। बेली शेप से यह बिल्कुल पता नहीं लगाया जा सकता है कि पेट में लड़का है या लड़की। बल्कि प्रेग्नेंसी में बेली शेप पेट की चर्बी, मांसपेशियों, पेट का वास्तविक आकार और बच्चा यूट्रस के अंदर किस पोजिशन में है, इस बात पर निर्भर करता है। वहीं, इस बात पर भी निर्भर करता है कि महिला कितनी बार प्रेग्नेंट हो चुकी है। यानि अगर महिला का पहला बच्चा है, तो पेट का आकार या बेबी पंप तुलनात्मक रूप से कम होगा। वहीं, दूसरा या तीसरा बच्चा है तो पिछले की तुलना में पेट का आकार ज्यादा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से हो सकता है लेबर पेन?
क्या आपको इस बात में थोड़ी सी सच्चाई लगती है? क्या आपने इस बात को गर्भावस्था के दौरान सच मान लिया है? तो आप पूरी तरह से गलत हो सकते हैं। जी हां, डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में सेक्स करना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। लेकिन ध्यान रखें कि अगर डॉक्टर ने आपको किसी भी तरह की सतर्कता अपनाने के लिए कहा है, तो उन बातों को जरूर फॉलो करें। ताकि कुछ परेशानियों से बचा जा सके। अगर आपको लेबर पेन या फिर किसी भी तरह का दर्द महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इसे भी पढ़ें - बच्चेदानी (यूट्रस) के ऑपरेशन के बाद खान-पान से जुड़ी इन 7 बातों का रखें ध्यान , तेजी से होगी रिकवरी
प्रेग्नेंसी में मां को लेनी चाहिए दो लोगों की डाइट
अक्सर दादी-नानी के मुंह से आपने यह बात जरूर सुनी होगी कि प्रेग्नेसी के दौरान मां को दो लोगों की डाइट लेनी चाहिए। एक डाइट अपने लिए और दूसरी डाइट खुद के लिए। लेकिन क्या ये जरूरी है? इस बात को लेकर डॉक्टर कहती हैं कि गर्भावस्था में महिलाओं को भरपूर पोषण लेना चाहिए। महिलाओं की सही डाइट से ही भ्रूण का उचित विकास होता है।
इस दौरान महिलाओं को वे सभी चीजें खानी चाहिए, जिससे उनके शरीर को भरपूर पोषण मिले। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इससे खाने की क्वांटिटी बढ़ाई जाए। बल्कि यह सिर्फ पोषण पर निर्भर करता है। अगर आप भरपूर पोषण ले रहे हैं, तो आपको ज्यादा खाने की जरूरत नहीं है। प्रेग्नेसी में दो लोगों की डाइट लेने वाली बातें महज के मिथ है। इस बात का ताल्लुक सिर्फ पोषण पर है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे खाने की क्वांटिटी पर ले लिया है।
ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी में कई तरह की अफवाहें या मिथ आपको सुनने के लिए मिल सकती हैं। इसलिए उन बातों पर विश्वास न करें। अगर आप अपने डाइट में किसी भी तरह का बदलाव कर रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें। खुद से या फिर अन्य लोगों की सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें। प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आप गलत बातों पर भरोसा कर लेती हैं, तो इससे आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान सतर्क रहने की कोशिश करें।
Read More Articles on Women Health in Hindi
Read Next
एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) क्यों की जाती है? फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से जानें इसके फायदे और जरूरी बातें
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version