मोटापा कई पुरानी बीमारियों के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे कि हाई ब्लज प्रेशर, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट से जुड़ी परेशानियां और मानसिक स्वास्थ्य से भी। पर क्या मोटापा आपके शरीर के वजन से जुड़ा हुआ है और क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे व्यक्ति अपने वजन के हिसाब से डायबिटीज का पता लगा ले? पर हाल में आया शोध इसे लेकर कुछ जरूरी चीजें बताता है। ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) के एक नए अध्ययन के अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) किसी भी व्यक्ति में डायबिटीज के जोखिम को आसानी से बता सकता है।
क्या कहता है ये शोध
दरअसल इस अध्ययन में बताया गया है कि जेनीटिक्स की तुलना में बॉडी मास इंडेक्स आसानी से शरीर में डायबिटीज के खतरे की पहचान कर सकता है, जो समय रहते ही डायबिटीज से बचाव करने में मदद करता है। वो कैसे? आइए हम आपको बताते हैं। दरअसल ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) के शोधकर्ताओं का कहना है कि वजन कम करने से डायबिटीज विकसित होने के खतरे को कम किया जा सकता है। दरअसल इस शोध की मानें, तो मोटापा टाइप-2 मधुमेह को बड़ी तेजी से बढ़ा सकता है, जिसकी पहचान बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की मदद से की जा सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, डायबिटीज का पता जीन की मदद से लगाना आसान नहीं है और इसमें इतना लंबा वक्त लग जाता है कि व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित हो जाता है। ऐसे में जो लोग समय से पहले ही अपने डायबिटीज का पता लगा लेते हैं वो इसे पहले से ठीक करने का काम शुरू कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : इस उम्र में घटा लेंगे वजन तो लंबी होगी आपकी उम्र! जानें किस उम्र में वजन घटाने से मरने का जोखिम हो जाता है आधा
डायबिटीज और आपका BMI ?
यूके बायोबैंक के इस शोध को करते वक्त 445,765 प्रतिभागी शामिल थे। इनमें औसत आयु 57.2 वर्ष थी और 54 प्रतिशत महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं के अनुसार, 6.9 मिलियन जीन का उपयोग करके मधुमेह के वंशानुगत जोखिम का आकलन किया गया था। फिर लोगों की बीएमआई नापी गई। प्रतिभागियों को मधुमेह के आनुवंशिक जोखिम के अनुसार पांच समूहों में विभाजित किया गया और उनका अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि 65.2 वर्ष की औसत आयु वाले लोगों में डायबिटीज तेजी से बढ़ा, जिसमें देखा गया कि उनकी बीएमआई इंडेक्स भी तेजी से बढ़ा।
मोटापा और डायबिटीज
शोधकर्ताओं के अनुसार, इससे पता चलता है कि जब लोग एक निश्चित बीएमआई सीमा को पार करते हैं, तो मधुमेह की संभावना बढ़ जाती है और वे उसी उच्च जोखिम वाले स्तर पर रहते हैं, भले ही वे कितने अधिक वजन के क्यों न हो। वहीं वजन बढ़ने का तरीका भी संतुलित होना चाहिए,ये नहीं कि लगातार वजन बढ़ता जाए।
इसे भी पढ़ें : डायबिटिक के लिए हेल्दी कार्बः डाइट में इन 5 हेल्दी कार्ब को शामिल कर रोगी कंट्रोल रख सकते हैं अपना ब्लड शुगर
शोधकर्ताओं का कहना है कि मधुमेह और वजन बढ़ना दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं पर हर स्थिति में नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज के कुछ मरीज बेहद पतले भी हो जाते हैं। पर ध्यान देने वाली बात ये भी है कि मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए आपको अपने वजन को संतुलित रखने की भी बहुच आवश्यकता है। वजन कम करने से आपको अपने ब्लड शुगर के स्तर को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में भी मदद मिलेगी। वहीं वजन कंट्रोल करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप इसे आसानी से पा सकते हैं। इसके लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार का पालन करें जिसमें अधिक ताजे फल और सब्जियां शामिल हों, नियमित रूप से व्यायाम करें, हर रात पूरी नींद लें और तनाव से बचें।
Read more articles on Health-News in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version