Fatty Liver Risk In Diabetes And Obesity: डायबिटीज और मोटापे की वजह से आपके शरीर में कई तरह के रोग हो सकते हैं। मोटापा आपकी पाचन क्रिया और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने का एक मुख्य कारण बनता है। पाचन क्रिया बाधित होने की वजह से शरीर में फैट बढ़ने की समस्या हो सकती है, जो आपके लिवर पर भी बुरा असर डाल सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज और मोटापा से लिवर में फैट जमा होने का जोखिम बढ़ जाता है। लिवर में फैट जमा होने को ही फैटी लिवर कहा जाता है। इससे लिवर के कार्यों पर दबाव पड़ता है। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के डायबिटोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन डॉक्टर सचिन नलवाड़े से जानते हैं कि डायबिटीज और मोटापे की वजह से फैटी लिवर का जोखिम अधिक क्यों होता है?
डायबिटीज में फैटी लिवर होने का जोखिम होने के कारण - Diabetes And Obesity May Increase Risk Of Fatty Liver In Hindi
डायबिटीज और मोटापे के कारण फैटी लिवर होने की संभावना हो सकती है। इसे स्टीटोसिस के रूप में भी जाना जाता है। लिवर में करीब दस प्रतिशत तक फैट जमा होने पर ये समस्या हो सकती है। टाइप 1 डायबिटीज में रोगी को नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर रोग होने की संभावना अधिक होती है।
अतिरिक्त फैट जमा होना - Extra Fat Deposit
मोटापे के कारण लिवर सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैट जमा हो जाती है। जब लिवर में अत्यधिक फैट जमा होता है, तो यह नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) का कारण बन सकता है। यह स्थिति नॉन एल्कोहलिक स्टीटो हेपेटाइटिस (hepatic steatosis - एनएएसएच), लिवर फाइब्रोसिस और सिरोसिस भी हो सकता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस - Insulin Resistance
इंसुलिन रेजिस्टेंस डायबिटीज और मोटापा दोनों में होने वाली एक सामान्य स्थिति है। यह स्थिति फैटी लिवर रोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लिवर में इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण फैट का उत्पादन बढ़ जाता है और फैट का ब्रेक डाउन कम हो जाता है, जिससे लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा होने लगता है।
सूजन - Swelling
मोटापे और डायबिटीज की वजह से व्यक्ति को लंबे समय से सूजन हो सकती है। यह सूजन लिवर को डैमेज कर सकती है। फैट टिश्यू से निकलने वाले सूजन संबंधी साइटोकिनस लिवर में सूजन का कारण बन सकते हैं, जिससे नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर की गंभीर रूप धारण कर सकता है।
लिपिड मेटाबॉलिज्म में बदलाव - Changes In Lipid Metabolism
डायबिटीज और मोटापा सामान्य लिपिड मेटाबॉलिज्म को बाधित कर सकते हैं, जिससे असामान्य फैट वितरण और स्टोर हो सकता है। यह विकृति लिवर में फैट के जमाव को बढ़ा सकती है।
डायबिटीज में फैटी लिवर के जोखिम को कैसे कम करें - Prevention Tips For Fatty Liver In Diabetes In Hindi
- पौष्टिक और स्वस्थ्य आहार का सेवन करें। डाइट में फाइबर और साबुत अनाज को शामिल करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- मोटापे को कंट्रोल में रखना जरूरी।
- ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए चीनी का सेवन कम करें।
- शराब व धूम्रपान ज्यादा न करें।
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डायबिटीज व मोटापे की वजह से होने वाले फैटी लिवर के जोखिम को कम करने के लिए आप डाइट और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं। इस दौरान आप नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें।