क्या आप जानते हैं कि चाय और सिगरेट का सेवन शरीर को कितना नुकसान पहुंचाते हैं। क्या आप जानते हैं कि जो लोग सिगरेट का सेवन रोज करते हैं उनके हाथ-पैर काटने तक की नौबत आ जाती है। तो वहीं चाय और सिगरेट पीने से दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं जो चाय और सिगरेट साथ लेकर बैठते हैं और खुद को कूल कहते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है। चाय के साथ सिगरेट पीना या चाय और सिगरेट दोनों अलग समय पर पीना दोनों ही सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। दरअसल नियंत्रित तरीके से किया गया किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नुकसानदायक नहीं होता, लेकिन अनियंत्रित तरीके से उपयोग हमेशा घातक होता है। राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा का कहना है कि लोगों को थकान मिटाने या किन्हीं और वजहों से चाय पीने की आदत होती है। अगर ये चाय दिन में दो बार पी जा रही है तो ठीक है पर इससे ज्यादा नुकसानदायक होती है। तो वहीं चाय और सिगरेट का अनियमित सेवन दिल की बीमारियों को बुलावा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि चाय और सिगरेट दिल के लिए खतरनाक क्यों है और इन दोनों का साथ सेवन करने से कौन सी बीमारियां होती हैं। तो वहीं इनसे बचने के उपाय क्या हैं।
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सिगरेट का दिल पर दुष्प्रभाव
कार्डियो डॉक्टर अवधेश शर्मा ने बताया कि अक्सर चाय की टपरी पर युवाओं को एक हाथ में चाय तो दूसरे हाथ से सिगरेट पीते हुए देखा है। इन दोनों ही पदार्थों का सेवन हृदय के लिए बहुत खतरनाक है। डॉक्टर ने बताया कि सिगरेट का सेवन करने वालों में हार्ट अटैक की आशंका सामान्य व्यक्ति से 2-3 गुना ज़्यादा होती है।सिगरेट में मिलने वाला निकोटीन तत्व हृदय को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों में संकुचन पैदा करता है जिस कारण हृदय को शुद्ध रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती है और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।एक सिगरेट में लगभग 6-12 मिलीग्राम निकोटीन होता है।निकोटीन धमनियों में पहले से जमा स्थिर थक्के को तोड़ने का काम भी करता है,टूटे हुए थक्के के कारण हार्ट की रक्त शिराओं में पूरी तरह अवरोध पैदा हो जाता है जो कि मेजर हार्ट अटैक का कारण बनता है।इसके अतिरिक्त निकोटीन की वजह से शरीर की अन्य रक्त शिराओं में भी सिकुड़न आती है जो कि पैरों व हाथों में गैंग्रीन (घाव) का एक प्रमुख कारण है जिसके कारण अंगों को काटने तक की नौबत आ जाती है।जो व्यक्ति सिगरेट का सेवन जितने लम्बे समय तक और ज़्यादा मात्रा में करता है उसमें हृदय रोग की आशंका भी उसी अनुपात में बढ़ जाती है।सिगरेट छोड़ने के 6 माह के भीतर इसका दुष्प्रभाव काफ़ी हद तक ठीक हो जाता है।
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चाय का दिल पर प्रभाव
चाय में मिलने वाले प्राकृतिक तत्त्व जिन्हें कि पालीफेनोल्स कहते हैं सामान्यत: हृदय के लिये लाभदायक होते हैं। इसलिए ब्लैक व ग्रीन टी का सेवन स्वास्थ्य व हार्ट दोनों के लिए ही लाभदायक है।ग्रीन टी में मिलने वाले ऐंटीआक्सिडेंट तत्व हृदय के लिए अनुकूल होते हैं ।लेकिन चाय में दूध को मिलाने से इसके लाभकारी गुणों पर विपरीत असर पड़ता है।दूध में मिलने वाली कैजीन (casein) प्रोटीन चाय के पॉलीफिनाल तत्वों के असर को कम कर देती है।कुछ शोधों के अनुसार चाय में कुछ मात्रा में पाया जाने वाला कैफ़ीन एक उत्प्रेरक की तरह भी कार्य करता है जिस कारण अत्याधिक मात्रा में चाय का सेवन करने से दिल की गति व ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।अचानक धड़कन व बीपी के बढ़ने से हार्ट अटैक की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए चाय का सेवन हमेशा एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए व ग्रीन टी के सेवन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
चाय और सिगरेट साथ पीने के नुकसान
1.हृदय के अलावा ब्रेन अटैक (स्ट्रोक
2.हाथ-पैरों में अल्सर(गैंग्रीन)
3.मैमोरी लॉस (स्मृति ह्रास)
4.फेफड़ों का कैंसर
5.फेफड़ों में सिकुड़न
6.पेट में अल्सर
7.गले का कैंसर,
8.स्वांस नली का कैंसर
9.आहार नली का कैंसर
10.नपुंसकता एवं बांझपन की समस्या
बचने के उपाय
1-संकल्पशक्ति मज़बूत करें
ऐसा नहीं है कि कोई लत छोड़ी नहीं जा सकती है। अगर इच्छाशक्ति और संकल्पशक्ति हो तो सबकुछ किया जा सकता है। सिगरेट का सेवन आपके अपने लिए तो बुरा है ही साथ ही आपके अपनों के लिए भी। तो अगर आप अपने भाई-बहनों से, मां-पिता से, पत्नी-बच्चों से थोड़ा भी प्यार करते हैं तो इस लत को आज ही छोड़ें।
2-परिवार का सहयोग
अगर आप सिगरेट की लत को नहीं छोड़ पा रहे हैं और दिन में कई बार चाय का सेवन करते हैं तो आपको वे नुकसान हो सकते हैं जो ऊपर बताए गए हैं। तो वहीं, ज्यादा चाय पीने से पेशाब बार-बार जाना पड़ता है जिससे किडनी पर भी असर पड़ता है। अगर इन लतों को आप अकेले नहीं छोड़ पा रहे हैं तो परिवार या किसी दोस्त की मदद लें। उन्हें अपनी परेशानी बताएं, उनकी मदद से आप अपनी इस लत पर लगाम लगा सकते हैं।
3-तनाव को दूर करें
अक्सर देखा गया है कि जिन लोगों को चाय और सिगरेट पीने की लत होती है वे थोड़ा सा तनाव या बेचैनी होने पर सिगरेट पिएंगे या चाय पिएंगे। ये दोनों ही पदार्थ तनाव को थोड़ी देर के लिए कम बेशक कर देते हैं लेकिन साथ ही लाइलाज बीमारियां भी दे जाते हैं। इसलिए तनाव होने पर तनाव किस वजह से हो रहा है उस सोचें। फिर उस पेरशानी का हल निकालें। सिर्फ तनाव लेने से परेशानी का हल नहीं निकलता।
4-परिवार के साथ समय बिताएं
बहुत समय तक अकेले न रहें। जो लोग परिवार के साथ रहते हैं वो ज्यादा खुश रहते हैं। क्योंकि उनके पास सुख-दुख बांटने के लिए एक परिवार होता है। जहां आप छोटी-छोटी बातों पर रूठेंगे तो आपको मनाने के लिए आपका परिवार है। इसलिए परिवार की अहमियत समझें। और उनके साथ समय बिताएं। इससे आपकी सिगरेट की लत जरूर छूटेगी।
5-सरकारी स्तर पर जन जागरूकता अभियान
सरकार अपनी तरफ से पूरी तरह से प्रयास् नहीं कर रही है। अगर कर रही होती जो सिगरेट का सेवन अब तक बंद हो गया होता।
6-सिगरेट पर टैक्स बढ़ाएं
प्रशासन को नशीले पदार्थों पर टैक्स बढ़ाना चाहिए। जिससे लोग खरीद न पाएं। लेकिन सरकार ऐसे प्रयास बहुत कम करती है।
7-मनोचिकित्सक से परामर्श
अगर आप अपनी लतों के बारे में किसी को बताना नहीं चाहते और उन्हें छोड़ना भी चाहते हैं तो बेहतर है कि आप मनोचिकित्सक से सलाह लें। वहां से आपको जरूर मदद मिलेगी।
8-सिगरेट छोड़ चुके लोगों को उदाहरण के तौर पर पेश करें
परिवार, प्रशासन आदि को मिलकर ऐसे लोगों के उदाहरण पेश करने चाहिए जिनसे पीड़ित व्यक्ति इन लतों को छोड़ दे।
9-तंबाकू उत्पादों की बिक्री के रोक
प्रशासन स्कूल कॉलेज के पास लगने वाले सिगरेट के खोखों को तुरंत बंद करवाए। ताकि आने वाली पी़ढ़ी धुएं की तरह हवा में उड़कर घुल न जाए।
किसी भी उत्पाद का अनियंत्रित सेवन हमेशा सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। इसिलए जरूरी है कि उनका नियंत्रित सेवन किया जाए। अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए, बुरी आदतों से खुद को और परिवार को दोनों को नुकसान होता है।
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