मौजूदा युवा पीढ़ी हर चीज पैक्ड खाना पसंद करती है। वे नाश्ता भी पैक्ड यानी डिब्बा बंद करती है। इसी क्रम में आजकल वे पैकेटबंद जूस पीने की शौकीन भी नजर हा रही है। हालांकि वे इसका तर्क देती हैं कि इससे उन्हें कई तरह के शारीरिक लाभ होते हैं। जबकि ऐसा कतई नहीं है। वास्तविकता इससे परे है। दरअसल पैकेट बंद जूस, जितने फायदे होने का दावा करती है, उतने फायदे उससे हमें नहीं मिलते। पैकेट बंद जूस के नुकसान पर एक नजर।
मधुमेह के लिए नुकसान
पैकेटबंद जूस सबसे ज्यादा मधुमेह के मरीजों को ही नुकसान पहुंचाता है। उन्हें यह कतई नहीं पीना चाहिए। दरअसल पैकेटबंद जूस बनाने के लिए रिफाइंड शूगर का इस्तेमाल किया जाता है, डायबिटीज के मरीजों को नुकसान पहुंचाता है। अगर इनमें शूगर फ्री का टैग लगा हो तो भी इसे पीना सही नहीं है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले तत्व मधुमेह के मरीजों के लिए जानलेवा तक साबित हो सकती है।
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कृत्रिम रंग
पैकेटबंद जूस में कृत्रिम रंग का भी इस्तेमाल होता है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि कृत्रिम रंग हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल से तमाम कंपनियां इसे फल विशेष के रंग में ढालने की कोशिश करती है। लेकिन इसके सेवन से शरीर को नुकसान होता है।
पेट की समस्या
पैकेट बंद जूस पीने से सबसे ज्यादा नुकसान हमारे पेट को ही होता है। इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में शूगर पाया जाता है, जिसे हजम करना आसान नहीं होता है। इसके अलावा इन्हें पीने से गैस, डायरिया, पेट में दर्द जैसी समस्या भी हो सकती है। यही नहीं अगर छोटे बच्चे नियमित पैकेट बंद जूस पीते हैं तो इससे उनके स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान होता है। कई मामलों में कब्ज तक की शिकायत देखने को मिलती है। ऐसे में जरूरी है कि छोटे बच्चों को पैकेट बंद जूस न दें।
प्राकृतिक तत्व की कमी
अगर आपको लगता है कि पैकेट बंद जूस में प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं, तो आप सरासर गलत हैं। असल में पैकेट बंद जूस को बनाने के दौरान कई तरह की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाता है कि इसमें किसी तरह के बैक्टीरिया केन बचे। लेकिन इसके साथ ही इससे प्राकृतिक गुण भी खत्म हो जाते हैं। अतः इसे पीने के दौरान यह कभी न सोचें कि आपको फलों में मौजूद फायदे हासिल होंगे।
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ब्लड शूगर के स्तर में उतार चढ़ाव
जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि इसमें फाइबर या प्राकृतिक कोई भी गुण नहीं होता। ऐसे में इसका नियमित सेवन करने से ब्लड शूगर के स्तर में उतार चढ़ाव हो सकता है। अगर आपका ब्लड शूगर स्थाई न रहता हो तो पैकेट बंद जूस के सेवन से दूर रहें।
मोटापा
मौजूदा समय में बाजार में अधिकत पेय पदार्थ ऐसे मौजूद हैं जो मोटापे को बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि पैकेट बंद जूस से आपके शरीर में काफी ज्यादा कैलोरी बढ़ जाती है। अतः यदि आप मोटापे से ग्रस्त हैं या फिर स्लिम ट्रिम फिगर की शौकीन हैं तो पैकेट बंद जूस से दूरी बनाए रखें। अन्यथा यह आपके पूरे शिड्यूल को पूरी तरह गड़बड़ा सकता है।
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