स्तन में होने वाले बदलाव कई बार कैंसर की ओर संकेत करते हैं। महिलाओं को समय-समय पर खुद ही ब्रेस्ट में होने वाले बदलावों को महसूस करना चाहिए।यदि, इन बदलावों के कारण महिलाओं को रोजमर्रा के कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है, तो उन्हें तुरंंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार देरी करने से स्थिति गंभीर हो सकती है। महिलाओं के स्तनों में होने वाले बदलावों पर डॉक्टर मैमोग्राफी और थर्मोग्राफी करने की सलाह देते हैं। यह दोनों ही टेस्ट ब्रेस्ट कैंसर में होने वाले बदलावों की जांच के लिए किए जाते हैं। स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं कि मैमोग्राफी और थर्मोग्राफी (Mammography and Thermography) में क्या अंतर होता है और ब्रेस्ट कैंसर में इसका क्या महत्व है।
मैमोग्राफी क्या है? - What is Mammography Screening in Hindi
मैमोग्राफी एक तरह का एक्स-रे हैं, जिससे महिलाओं के स्तन में होने वाले बदलावों की जांच की जाती है। साथ ही, डॉक्टर के मुताबिक इससे ब्रेस्ट कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पहचान की जा सकती है। यदि, इस टेस्ट में बदलाव कैंसर की ओर इशारा करते हैं तो ऐसे में कैंसर का इलाज समय रहते शुरु किया जा सकता है। आगे जानते हैं मैमोग्राफी टेस्ट किस तरह किया जाता है।
मैमोग्राफी कैसे की जाती है?
- इस दौरान महिला को सबसे पहले कागज से ब्रेस्ट को कवर करने के लिए कहा जाता है।
- इसके बाद दोनों ही स्तनों का बारी-बारी एक्स-रे किया जाता है।
- टेस्ट के दौरान महिला या डॉक्टर के द्वारा ब्रेस्ट को हल्के से दबाया जाता है। इससे दर्द महसूस हो सकता है।
- एक्स रे करते समय डॉक्टर महिलाओं को गहरी सांस लेने की सलाह देते हैं।
थर्मोग्राफी क्या है? - What is Thermography In Hindi
मैमोग्राफी की तरह ही थर्मोग्राफी में भी महिलाओं के स्तनों में बदलाव की जांच की जाती है। यह शरीर के टिश्यू के ब्लड फ्लो और हीट के पैर्टन को जानने के लिए किया जाता है। इससे ब्रेस्ट के ट्यूमर और ब्लड सप्लाई की जानकारी मिलती है। डॉक्टर के अनुसार थर्मोग्राफी में रेडिएशन नहीं होता है। इस जांच के दौरान महिलाओं को किसी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है। यह टेस्ट 50 से कम आयु की महिलाओं के लिए किया जा सकता है।
थर्मोग्राफी (Thermography) कैसे की जाती है?
- इस टेस्ट से पहले महिलाओं को किसी भी तरह के लोशन व क्रीम को स्तनों पर न लगाने की सलाह दी जाती है।
- टेस्ट के समय महिलाओं को थर्मोग्राफी मशीन के आगे खड़ा किया जाता है।
- इस दौरान डॉक्टर आगे और पीछे से इमेज लेते हैं।
- कई बार यह टेस्ट ज्यादा समय ले सकता है।
मैमोग्राफ और थर्मोग्राफ में क्या अंतर होता है? - Difference Between Mammography And Thermography Screening In Hindi
- मैमोग्राफी के दौरान महिलाओं के स्तनों पर हल्का दबाव हो सकता है। जबकि, थर्मोग्राफी के दौरान महिलाओं के स्तनों पर दबाव नहीं पड़ता है।
- मैमोग्राफी के दौरान महिलाओं को स्तनों में हल्का दर्द महसूस हो सकता है। जबकि, थर्मोग्राफी में किसी तरह का कोई दर्द महसूस नहीं होता है।
- मैमोग्राफी में हल्के रेडिएशन का उपयोग किया जाता है। वहीं, थर्मोग्राफी में रेडिएशन का उपयोग नहीं किया जाता है। लेकिन इस मैमोग्राफी के रेडिएशन से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।
- मैमोग्राफी में महिलाओं के रिजल्ट की इमेज ब्लैक एंड व्हाइट होती है। जबकि, थर्मोग्राफी (Thermography) की रिपोर्ट इमेज कलरफुल होती है।
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डॉक्टर के अनुसार हर महिला के स्तनों में होने वाले बदलाव अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर स्थिति की गंभीरता और कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करके महिलाओं को अलग-अलग टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। यह दोनों ही टेस्ट सटीक और कारगर होते हैं, जो आपको समय रहते कैंसर की पहचान करने में मदद करते हैं। इससे महिलाओं के रोग का सही इलाज शुरू किया जा सकता है।