मेनोपॉज (Menopause) महिलाओं के जीवन में वह खास और सेंसिटिव स्टेज होती है जब उनकी माहवारी (पीरियड्स) पूरी तरह से बंद हो जाती है और वे प्रजनन क्षमता खो देती हैं। यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होती है। इस दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। इनमें से एक आम समस्या है वजन का बढ़ना (Weight Gain)। हार्मोनल असंतुलन, मेटाबोलिज्म में कमी और फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण महिलाओं को इस दौरान वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल में छोटे बदलावों से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं मेनोपॉज के दौरान डाइट में किए जाने वाले 5 जरूरी बदलाव, जिनसे वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
1. प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं- Increase Protein Intake
मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में मांसपेशियों की ताकत में कमी आ सकती है, जिससे मेटाबोलिज्म धीमा हो सकता है। प्रोटीन एक खास पोषक तत्व है जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में दाल, मूंगफली, ताजे फलियां, अंडे और चिकन जैसी प्रोटीन युक्त चीजें शामिल करें। यह न केवल मांसपेशियों को बनाए रखेगा, बल्कि वेट लॉस (Weight Loss) में भी मदद करेगा।
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2. चीनी और रिफाइंड कार्ब्स से बचें- Avoid Sugar and Refined Carbohydrates
मेनोपॉज के दौरान शरीर के ग्लूकोज लेवल में असंतुलन हो सकता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और वजन बढ़ने की संभावना रहती है। इसके लिए रिफाइंड चीनी, पैक किए गए स्नैक्स और फास्ट फूड से दूर रहना चाहिए। इनकी जगह आप प्राकृतिक मिठास के स्रोत जैसे ताजे फल और शहद का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, सफेद चावल और सफेद ब्रेड के बजाय साबुत अनाज और ब्राउन राइस का चयन करें, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
3. हेल्दी फैट्स को डाइट में शामिल करें- Add Healthy Fat in Diet
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण शरीर में फैट की मात्रा बढ़ सकती है, खासकर पेट के आसपास। हालांकि, हेल्दी फैट्स जैसे एवोकाडो, ओमेगा-3 युक्त आहार, बादाम, जैतून का तेल आदि विकल्प शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। ये हेल्दी फैट्स, शरीर को एनर्जी देते हैं और मोटापे से लड़ने में मदद करते हैं। ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये वजन बढ़ाने का काम करते हैं।
4. फाइबर की खपत बढ़ाएं- Increase Fiber in Diet
फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन पेट को देर तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है। मेनोपॉज के दौरान कब्ज की समस्या भी बढ़ सकती है, जिसके लिए फाइबर बहुत फायदेमंद होता है। ओटमील, साबुत अनाज, फल, हरी सब्जियां और दालें फाइबर से भरपूर होती हैं। इनका सेवन नियमित रूप से करने से पाचन तंत्र बेहतर रहेगा और वजन कंट्रोल में रहेगा।
5. विटामिन और मिनरल्स की मात्रा बढ़ाएं- Add Vitamins and Minerals in Diet
मेनोपॉज के दौरान हड्डियों की मजबूती और स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी का सेवन जरूरी है। इनकी कमी से बोन डेन्सिटी कम हो सकती है, जिससे हड्डियों में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और ऑलिव ऑयल में कैल्शियम और विटामिन-डी की ज्यादा मात्रा होती है। इस प्रकार की चीजों का सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है और स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर हो सकता है। हालांकि, हेल्दी डाइट और जीवनशैली में बदलाव के साथ इस दौरान वजन बढ़ने की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
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