60+ उम्र में डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये 8 टिप्स

डायबिटीज में सीनियर सिटीजन को कुछ चीजों का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। नहीं तो आप इंफेक्शन और बहरापन का भी शिकार हो सकते हैं। 
  • SHARE
  • FOLLOW
60+ उम्र में डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये 8 टिप्स


डायबिटीज (diabetes) लाइफस्टाइल से जुड़ी ऐसी बीमारी है, जो कि दूसरी गंभीर बीमारियों का भी कारण बनता है। पर  उम्र बढ़ने के साथ डायबिटीज कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर बात हम  65 वर्ष से अधिक आयु के डायबिटीज पीड़ित लोगों की करें तो इस उम्र में असंतुलित डायबिटीज कई अन्य समस्याओं का कारण बनता है। दरअसल, इस उम्र में डायबिटीज की जटिलताएं गंभीर हो सकती हैं। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यह हृदय, गुर्दे, नसों और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। ये मनोभ्रंश का कारण बन सकता है और इस तरह ये जीवन की गुणवत्ता और आपकी आयु को प्रभावित कर सकता है।  ऐसे में ब्लड शुगर को संतुलित रखने और डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सीनियर सिटीजन को दवाइयों से लेकर लाइफस्टाइल तक अपनी हर चीज का खास ख्याल रखना चाहिए। इसी बारे में डायटिशियन पूजा सक्सेना से बात की जो कि कृष्णा लाइफ लाइन हॉस्पिटल, तेलीबाग, लखनऊ में कार्यरत हैं। 

Insidediabetes

60+ उम्र में डायबिटीज कंट्रोल करने के टिप्स-Diabetes management tips for senior citizen

1. नियमित रूप से ग्लूकोज के स्तर की जांच करें

अगर आपकी उम्र 60 से ज्यादा है और आपको डायबिटीज है तो आपको बार-बार अपने ब्लड शुगर लेवल को चेक करते रहने चाहिए। इसके लिए कम से कम 2 बार शुगर चेक जरूर करें जैसे कि एक बार खाली पेट और एक बार खाने के बाद।  सामान्य तौर पर, इंसुलिन लेने वाले लोग, जिन्हें ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है या जिन्हें हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर) है, उन्हें नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि लो ब्लड शुगर में आपको चक्कर आ सकता है और भूख व पसीना आ सकता है। हाइपोग्लाइसीमिया में तुरंत शुगर कैंडी लें जो कि इसे तुरंत ही बैलेंस कर देगा। वहीं, अगर आपका ब्लड शुगर बढ़ा रहता है तो आपको इसे कम करने की कोशिश करनी चाहिए। 

2. हाई शुगर वाली चीजों से बचें

शुगर सिर्फ मीठी चीजों में ही नहीं होता बल्कि कई अन्य खाद्य पदार्थों में भी होता है। जैसे कि हाई कैलोरी और कार्ब्स वाले फूड्स में भी शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। कोका कोला और अन्य मीठे सोडा, तला हुआ भोजन, और चीनी से भरी मिठाइयां।  यहां तक कि कॉफी भी चीनी से भरपूर हो सकती है, जो कि डायबिटीज रोगियों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। शुगर पर कार्ब्स का सबसे बड़ा प्रभाव हो सकता है। ये सीधे ग्लूकोज में बदल जाते हैं। इसलिए खास तौर पर शुगर से भरपूर चीजों के सेवन से बचें। जैसे कि

3. लस मुक्त और फाइबर युक्त चीजों का सेवन करें

डायबिटीज के मरीज चाहे वे किसी भी उम्र के क्यों ना हो अनहेल्दी फूड्स के सेवन से बचें और उन चीजों को डाइट में शामिल करें जो कि हाई फाइबर से भरपूर है। साथ ही लस मुक्त चीजों (ग्लूटेन फ्री) को डाइट में शामिल करें। इसलिए अपने खाने में साबुत अनाज, दलिया, फल और सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा सीनियर सिटीजन को अपनी डाइट में  कुछ चीजों को जरूर शामिल करें। जैसे कि

  • -फैटी फिश लें। जिसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है जो सूजन, हृदय रोग और स्ट्रोक के अन्य जोखिम कारकों को कम करने में मदद करता है।  
  • -अंडे हृदय रोग के जोखिम कारकों में सुधार करते हैं और शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है। इसके अलावा ये आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। 
  • -पत्तेदार हरी सब्जियां लें जो कि विटामिन सी के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। ये आपके दिल और आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा करती हैं। 
  • -फाइबर से भरपूर सब्जियों और फलों का सेवन करें, जैसे कि ब्रोकली, पपीता, गोभी, बीन्स और ड्राई फ्रूट्स।  
  • -चिया सीड्स में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो वजन कम करने और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है। 
  • -लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल और सब्जियों का सेवन करें। 
Insidefoods

इसे भी पढ़ें : दिवाली पर ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स खराब कर सकते हैं डायबिटीज मरीज की सेहत, जानें ओवरईटिंग से कैसे बचें?

4. एक्सरसाइज करें

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की मानें, तो 5 दिन में कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करना शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। दरअसल, जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपका पसीना निकलता है और शुगर बर्न होता है। इससे मेटाबोलिज्म ठीक रहता है और शुगर मैनेज होता है। आप एक्सरसाइज को दिन में 3 बार 10 मिनट की गतिविधि में विभाजित कर सकते हैं। इसके अलावा, सप्ताह में कम से कम 2 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे एक्सरसाइज करें। ये मांसपेशियों का निर्माण करता है और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा एरोबिक्स, साइकिल चलाएं, डांस करें और टेनिस खेलें। आप धीमी गति से शुरू कर सकते हैं और धीमे-धीमे अपना समय बढ़ाएं। इसके अलावा एक्सरसाइज करने के लिए आरामदायक जूते और कपड़े पहनें। कभी-कभी समूह में एक्सरसाइज करें क्योंकि ये प्रोत्साहित करता है। 

5. हाइड्रेशन बैलेंस रखें

शरीर को हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। खराब हाइड्रेशन हाइपरग्लेसेमिया हाई ब्लड शुगर को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए सीनियर सिटीजन खूब पानी पिएं या फिर उन तरल पदार्थों का चुनाव करें जिनमें शुगर की मात्रा कम हो। इसके लिए अपने पास एक बॉटल रखें और कुछ समय बाद पानी पीते रहें। पानी ना सिर्फ शुगर कंट्रोल करेगा बल्कि पेट को साफ रखेगा और डायबिटीज में कब्ज की समस्या को भी दूर करने में मदद करेगा। 

6. एक्टिव रहें

शुगर को संतुलित रखने के लिए एक्टिव रहना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप एक्टिव रहते हैं तो जो आप खाते हैं, वो शरीर में आसानी से पच जाता है और शरीर इसे खुद ही मैनेज करता है। ऐसे में अगर आपके खाने में शुगर भी हो तो वो बर्न होने लगता है और इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहता है।  इसके अलावा एक्टिव रहना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, दिल को हेल्दी रखता है और मानसिक बीमारियों से बचने में भी मदद करता है।

Insideactive 

इसे भी पढ़ें : पूर्व मधुमेह के लक्षण: डायबिटीज से पहले दिखने लगते हैं प्री-डायबिटीज के लक्षण, नजरअंदाज न करें ये 8 संकेत

7. सही समय पर लें दवाइयां

उम्र बढ़ने के साथ कई बार हम चीजों को भूलने लगते हैं पर दवाइयां भूलना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए अपनी दवाइयों का एक चार्ट बनाएं और उसे अपने सामने लगाएं। साथ ही आप अपने मोबाइल में एक अलार्म लगा सकते हैं। किसी भी तरह अपनी दवाइयों को समय पर लें ताकि आपका ब्लड शुगर संतुलित रहे। 

8.  हर दिन अपने पैरों की जांच करें

कटने या संक्रमण के लक्षणों के लिए हर दिन अपने पैरों को देखना जरूरी है क्योंकि डायबिटीज में इंफेक्शन बहुत तेजी से फैलता है। अगर आपको कोई कट या लाल पैच दिखाई देता है जो संक्रमित दिखता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही अपने पैरों को साफ रखें, रूखेपन से बचने के लिए लोशन का इस्तेमाल करें और आरामदायक जूते पहनें जिससे फफोले न पड़ें।

इसके अलावा डायबिटीज में बहरापन का खतरा ज्यादा रहता है। बहरापन धीरे-धीरे समय के साथ बिगड़ता जाता है। ऐसे में आपको सुनने में परेशानी होती है या आपके परिवार और दोस्तों ने नोटिस किया है कि आप उन्हें बात करते हुए नहीं सुन सकते हैं या टीवी या रेडियो को जोर से नहीं सुन सकते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

All images credit: freepik

Read Next

स्वस्थ और लंबी जिंदगी जीने के लिए फायदेमंद मानी जाती है प्रूडेंट डाइट, जानें इसमें क्या खाया जाता है

Disclaimer