Dhanurasana Benefits For Diabetes Patients: आज के दौर में लोगों की बिगड़ती लाइफस्टाइल का असर उनकी सेहत पर देखने को मिलता है। खराब लाइफस्टाइल और जंक फूड का सेवन करने से लोगों में तेजी से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगी है। हर साल डायबिटीज के रोगियों में इजाफ हो रहा है। दरअसल, मोटापा और शारीरिक गतिविधियों में कमी को डायबिटीज की मुख्य वजह माना जा सकता है। लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव कर आप डायबिटीज की समस्या को आसानी से कम कर सकते हैं। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप योगासन का नियमित अभ्यास कर सकते हैं। इससे टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण को कम किया जा सकता है। योगा एक्सपर्ट ऋपसी अरोड़ा से जानते हैं कि डायबिटीज को दूर करने के लिए आप धनुरासन के क्या फायदे होते हैं।
डायबिटीज में धनुरासन करने के फायदे - Dhanurasana Benefits For Diabetes Patients In Hindi
पैंक्रियाज को एक्टिवेट करना
धनुरासन में पीछे की ओर झुकाव (डीप बैकबेंड) शामिल होता है, जो पेट को संकुचित करता है। इससे पैंक्रियाज पर दबाव पड़ता है। इससे पैंक्रियाज और आसपास के अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से समय के साथ पैंक्रियाज के कार्य और इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। धनुरासन का नियमित अभ्यास डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
पेट के मांसपेशियों को मजबूत बनाएं
धनुरासन का धनुष जैसा आकार लिवर और किडनी सहित पेट की मांसपेशियों को फैलाता और मजबूत बनता है। यह सभी अंग ग्लूकोज, मेटाबॉलिज्म और डिटॉक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे डायबिटीज रोगी को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। यह आसन पेट के आसपास के मोटापे को कम करता है। इससे डायबिटीज के लक्षण कम होते हैं।
ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करें
जब आप धनुरासन में अपनी छाती और जांघों को जमीन से ऊपर उठाते हैं, तो इससे छाती और फेफड़ों में खिंचाव बनता है। यह क्रिया ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है, शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाती है। इससे डायबिटीज की वजह से अंगों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव कम होते हैं।
धनुरासन (धनुष मुद्रा) के लिए कैसे की जाती है - How To Do Dhanurasana In Hindi
- इसे करने के लिए आप एक चटाई में पेट के बल लेट जाएं।
- इसके बाद घुटनों को मोड़ें और अपने हाथों को पीछे की ओर से ले जाते हुए पैरों को पकड़ें।
- अब आप गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती और जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं, साथ ही अपने पैरों को अपने हाथों से दबाएं।
- किसी भी तनाव या दर्द से बचते हुए, अपनी सिर और गर्दन को ऊपर की ओर रखें।
- इस पोजीशन में 10 से 15 सेकंड रहें। फिर दोबारा सांस छोड़ते हुए नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।
- इस अभ्यास को शुरुआती दौर में जितना हो सकें उतना करें। इसे करने में थोड़ा समय लग सकता है।
- गर्भवती महिलाओं, हृदय रोगियों को इस अभ्यास को करने से बचना चाहिए।
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इस योगासन के लाभ लेने के लिए आप सुबह के समय इस आसन को योग एक्सपर्ट की देखरेख में करें। इसे करते समय सावधानियों का भी ध्यान रखें। इसे करते समय मांसपेशियों को जबदस्ती न खिंचे। समय के साथ मांसपेशियों में फलेक्सिब्लिटी बढ़गी तो आप इसे आसानी से कर पाएंंगे।