Cyclist Syndrome Overview symptoms: साइकिल चलाना बहुत लोगों को पसंद होता है। लोग सुबह और शाम को काम से ब्रेक लेकर साइकिल चलाना पसंद करते हैं। साइकिलिंग न सिर्फ एक बेहतरीन एक्सरसाइज है, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी अच्छी मानी जाती है। साकिलिंग करना यूं तो बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ लोग साइकिल चलाने के इतने ज्यादा आदि हो जाते हैं कि उन्हें हर जगह सिर्फ साइकिल से जाना ही पसंद होता है। सिर्फ साइकिलिंग के प्रति जुनून को मेडिकल की भाषा में साइकिलिस्ट सिंड्रोम कहा जाता है। कुछ लोग इसे पुडेंडल न्यूराल्जिया के नाम से भी जानते हैं। यह समस्या खासकर उन लोगों में देखी जाती है जो घंटों साइकिल चलाते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं साइकिलिस्ट सिंड्रोम के बारे में।
साइकिलिस्ट सिंड्रोम क्या है?
साइकिलिस्ट सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें साइकिल चलाने के दौरान या उसके बाद शरीर के निचले हिस्से, विशेष रूप से कमर, कूल्हों और जननांगों में असहजता या दर्द महसूस होता है। यह समस्या अधिकतर गलत पोश्चर, खराब क्वालिटी की सीट (सैडल), और अत्यधिक साइकिल चलाने की वजह से होती है।
इसे भी पढ़ेंः लगातार दवा खाने से मोटी हो गई थीं वनजीत कौर, फिर ऐसे घटाया 25 किलो वजन
साइकिलिस्ट सिंड्रोम के लक्षण
साइकिलिस्ट सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में नीचे बताए गए 5 मुख्य लक्षण नजर आ सकते हैं। अगर आप साइकिलिंग करते हैं, तो इन लक्षणों की पहचान करके तुरंत डॉक्टर से इलाज शुरू करवाएं।
1. जननांग क्षेत्र में सुन्नपन
2. दर्द या जलन
3. झनझनाहट या चुभन
4. कामेच्छा में कमी
5. मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन
इसे भी पढ़ेंः एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है जप ध्यान, जानें इसके अन्य फायदे
साइकिलिस्ट सिंड्रोम से बचने के उपाय
साइकिलिस्ट सिंड्रोम की समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है, जो घंटों तक साइकिल चलाना पसंद करते हैं। इस मानसिक स्थिति से पीड़ित व्यक्ति साइकिल चलाने का सिर्फ बहाना खोजते हैं। कई बार इससे पीड़ित व्यक्ति साइकिल चलाने को पर्यावरण के अनुकूल मानकर अपनी बात को सही साबित करने की कोशिश करता है। साथ ही, ईंधन और अन्य रिसोर्स की बचत की भी बात करता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आप साइकिल चलाने के आदि हो चुके हैं, तो नीचे बताए गए उपायों को अपनाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं।
इसे भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में कौन से योगासन करने चाहिए? एक्सपर्ट से जानें
- लंबे समय तक साइकिल चलाने से बचें। हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लें।
- अगर आप साइकिल से रोजाना ऑफिस जाना पसंद करते हैं, तो इस आदत को कम से कम 1 दिन के लिए छोड़ दें।
- साइकिल की सीट नरम और आरामदायक होनी चाहिए। आजकल कई एर्गोनोमिक सैडल उपलब्ध हैं, जो नर्व्स पर दबाव कम करने में मदद करते हैं।
- साइकिलिंग के बाद मांसपेशियों को आराम देने और लचीलापन बढ़ाने के लिए स्ट्रेचिंग जैसी एक्सरसाइज करें।
इसे भी पढ़ेंः वजन घटाने के लिए बेस्ट है ये ओट्स सूप, डायटीशियन से जानें आसान रेसिपी
निष्कर्ष
साइकिल चलाना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर सही तरीके से न चलाया जाए तो यह साइकिलिस्ट सिंड्रोम जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए लंबे समय तक साइकिल चलाने से बचें और बीच-बीच में इससे ब्रेक लेने की कोशिश करें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version