कोरोना के मामले अभी पूरी तरह से थमा नहीं है कि ऐसे में कोविड के नए-नए वेरिएंट देखने को मिल रहा है। हाल ही में कोरोना का एक नया वेरिएंट JN.1 सामने आया है, जिसने वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। यही नहीं यह इम्यून सिस्टम के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है।
कई देशों में पाया गया यह वेरिएंट
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह इंग्लैंड, आइसलैंड और फ्रांस में भी पाया गया है। पहली बार यह वेरिएंट लक्ज़मबर्ग में 25 अगस्त 2023 को पाया गया था। हालांकि, अच्छी बात यह है कि भारत में अभी तक JN.1 वेरिएंट के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक JN.1,XBB.1.5 और HV.1 वेरिएंट से अलग है। यह वेरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा भी दे सकता है। XBB.1.5 और HV.1 में अब तक 10 म्यूटेशन यानी कि बदलाव देखे गए हैं। वहीं, XBB.1.5 की तुलना में JN.1 वेरिएंट में 41 बदलाव हो चुके हैं।
JN.1 वेरिएंट के लक्षण
- इस वेरिएंट के लक्षण भी कोविड के पुराने वेरिएंट्स से मिलते-जुलते हो सकते हैं।
- इस वेरिएंट के संपर्क में आने पर शरीर में थकान और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
- इस स्थिति में मांसपेशियों में दर्द होने के साथ ही सिर में दर्द भी हो सकता है।
- ऐसे में पेट से जुड़ी समस्याओं के साथ ही कफ की समस्या भी हो सकती है।
- इस वेरिएंट के संपर्क में आने से स्वाद या फिर सूंघने में समस्या हो सकती है।
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कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लेना कितना जरूरी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना के इस वेरिएंट से बचने के लिए वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है। वैक्सीन के जरिए आप इम्यून सिस्टम को पहुंचने वाली हानि से बच सकते हैं। कुछ समय पहले कोरोना की अपडेटेड वैक्सीन्स भी भारत में उपलब्ध हो चुकी है। जिसके बाद सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को नई बूस्टर डोज वैक्सीन लगवाने की सलाह दी थी।
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