कोरोना वायरस का JN.1 वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त देश में 3961 एक्टिव मामले हैं। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामलों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है। राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में इंफेक्शन ने दोबारा दस्तक दी है। शनिवार को लखनऊ में कोरोना के 4 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, बीते 24 घंटों में पूरे प्रदेश में 25 नए कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं। इस बढ़ोतरी के साथ राज्य में एक्टिव मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 149 हो गई है। लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना वायरस का JN.1 वेरिएंट (COVID JN.1 Varient) ओमिक्रॉन का एक नया और तेजी से फैलने वाला सब-वेरिएंट है, जो पहली बार 2023 के अंत में सामने आया था। यह वेरिएंट ज्यादातर मरीजों में, सांस की ऊपरी नली को प्रभावित करता है और इसके लक्षण हल्के जुकाम, गले में खराश, बुखार, सिरदर्द और थकान के रूप में सामने आते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन गंभीर बीमारी की संभावना कम रहती है, खासकर उन लोगों में जिन्हें वैक्सीन लगी हो। लोगों के मन में कोविड के नए वेरिएंट को लेकर कई सवाल आते हैं, ऐसे ही 5 सवालों के जवाब हम इस लेख में आगे जानेंगे।
1. कोविड जेएन.1 वेरिएंट शरीर में कितने दिनों तक रहता है?- How Long Does COVID JN.1 Symptoms Lasts
जेएन.1 वेरिएंट शरीर में आमतौर पर 7 से 10 दिनों तक एक्टिव रहता है। इंफेक्शन के शरीर में रहने का समय व्यक्ति की इम्यूनिटी, उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। ज्यादतर मामलों में लक्षण पहले 3 से 5 दिनों के भीतर दिखाई देने लगते हैं और धीरे-धीरे कम हो जाते हैं। हल्के लक्षण जैसे खांसी या थकान कभी-कभी 2 हफ्ते तक रह सकते हैं, लेकिन वायरस का ट्रांसमिशन ज्यादातर मामलों में पहले 7 दिनों में ज्यादा होता है। जो लोग पहले से बीमार हैं या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उनके शरीर में वायरस थोड़ा ज्यादा समय तक रह सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार, इंफेक्शन की पुष्टि होने के बाद कम से कम 5 से 7 दिन तक आइसोलेशन जरूरी है, ताकि दूसरों को इंफेक्शन न फैले। शरीर से वायरस पूरी तरह खत्म होने में एक से दो हफ्ते का समय लग सकता है, लेकिन ज्यादातर लोग इस दौरान पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।
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2. जेएन.1 का इलाज कैसे किया जाता है?- JN.1 Covid Teatment
जेएन.1 वेरिएंट का इलाज (JN.1 Covid Teatment) आमतौर पर लक्षणों के आधार पर किया जाता है। हल्के लक्षण होने पर मरीज को घर पर आराम, भरपूर पानी पीने, पौष्टिक आहार लेने और बुखार या दर्द के लिए दवाएं दी जाती हैं। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सपोर्ट या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। एंटीवायरल दवाएं डॉक्टर की सलाह पर दी जाती हैं। वैक्सीन लगवाना और इम्यूनिटी मजबूत रखना जेएन.1 से बचाव में मदद करता है।
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3. क्या जेएन.1 वेरिएंट गंभीर रूप ले सकता है?- Is Covid JN.1 Serious Health Condition
जेएन.1 वेरिएंट के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप भी ले सकता है, खासकर बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में। सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार और थकान जैसे लक्षण गंभीर संकेत हो सकते हैं। हालांकि, वैक्सीन लेने वाले लोगों में इसकी गंभीरता कम पाई गई है। समय पर जांच और सावधानी बरतना इस वेरिएंट से बचाव में अहम भूमिका निभाते हैं।
4. जेएन.1 वेरिएंट के खिलाफ कोई वैक्सीन मौजूद है?- Vaccine For JN.1 Varient is Available or Not
कोविड-19 से बचाव के लिए भारत में मौजूद वैक्सीन और बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि जेएन.1 वेरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है, जेएन.1 वेरिएंट के लिए कोई विशेष वैक्सीन अभी तैयार नहीं की गई है। जिन लोगों को कोविड का बूस्टर डोज लगा है, उन्हें इंफेक्शन के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा मिलने की उम्मीद रहती है।
5. क्या आरटीपीसीआर टेस्ट से JN.1 की पहचान हो सकती है?- Can RTPCR Identify JN.1
आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) से जेएन.1 वेरिएंट की पहचान की जा सकती है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत होती है। यह टेस्ट यह बता देता है कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं, लेकिन कौन-सा वेरिएंट है, यह केवल जीनोमिक जांच से पता चलता है। जब किसी क्षेत्र में जेएन.1 वेरिएंट के केस बढ़ते हैं, तो आरटीपीसीआर पॉजिटिव मामलों में से कुछ को जांच के लिए भेजा जाता है ताकि वेरिएंट की पुष्टि हो सके।
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FAQ
जेएन1 क्या है?
JN.1, ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक नया सब-वेरिएंट है जो तेजी से फैलता है लेकिन ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण ही नजर आते हैं। इसमें बुखार, गले में खराश, थकान और खांसी जैसे लक्षण आम हैं।अगर मुझे कोरोना जेएन.1 हो जाए तो मैं क्या करूं?
अगर आपको JN.1 वेरिएंट हो जाए, तो तुरंत आइसोलेट हो जाएं, भरपूर पानी पीएं, आराम करें, लक्षणों के अनुसार दवा लें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें। जरूरत पड़ने पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराएं और दूसरों से दूरी बनाए रखें।जेएन.1 कोविड के लक्षण
JN.1 कोविड वेरिएंट के लक्षणों में हल्का बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, बदन दर्द, थकान और कभी-कभी डायरिया या बंद नाक शामिल हैं। ये लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं।