
भारत में कोविड (COVID) के नए वेरिएंट JN.1 के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। 26 मई, 2025 तक भारत में लगभग 1,010 एक्टिव केस दर्ज किए गए, जिनमें नोएडा, लखनऊ, कर्नाटक, मुंबई, अरुणाचल प्रदेश और वाराणसी से नए संक्रमण सामने आए हैं। इससे इंफेक्शन फिर से बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बढ़ते कोविड केस से लोगों के मन में फिर से बूस्टर डोज लेने को लेकर सवाल उठने लगे हैं। JN.1 वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है, लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं। हालांकि, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह वेरिएंट ज्यादा गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। इस लेख में हम जानने की कोशिश करेंगे कि क्या बूस्टर डोज़ (Covid Booster Dose) दोबारा लेना चाहिए है या नहीं। लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि भारत में हाल ही में जो प्रमुख वेरिएंट के मामले देखे गए हैं, वे हैं- LF.7, XFG और JN.1, साथ ही ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट NB.1.8.1 भी सामने आया है। इस समय जेएन.1 केस बढ़ रहे हैं, लेकिन फिलहाल सरकार ने दोबारा कोविड डोज लेने की कोई सिफारिश नहीं की है।
जेएन.1 वेरिएंट: कितना खतरनाक है?- JN.1 Variant: How Dangerous Is It?
जेएन.1 वेरिएंट, ओमिक्रॉन का एक सब-वेरिएंट है, जो ज्यादा तेजी से फैलता है लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं, जैसे बुखार, गले में खराश, खांसी, थकान, और कभी-कभी पेट संबंधी समस्याएं। हालांकि, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में यह वेरिएंट ज्यादा गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।
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क्या बूस्टर डोज जेएन.1 के खिलाफ कारगर है?- Is Booster Dose Effective Against JN.1
सीडीसी की मानें, तो मौजूदा बूस्टर डोज, जेएन.1 वेरिएंट के खिलाफ, गंभीर स्थिति से बचाव करने में मददगार है। हालांकि, इंफेक्शन को पूरी तरह से रोकने में इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है। भारत की जो मौजूदा वैक्सीन हैं, वे इन नए वैरिएंट को ध्यान में रखकर नहीं बनाई गई थीं। फिर भी जिन्हें पहले कोविड हो चुका है या जिन्होंने पिछले एक साल में वैक्सीन ली है, उन्हें इन नए वेरिएंट से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम रहेगा।
दोबारा बूस्टर डोज लेने की जरूरत है?- Do You Need Covid Booster Vaccine Again

डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि जेएन.1 के बढ़ते मामलों के बीच, सामान्य जनसंख्या को अभी बूस्टर डोज लेने की जरूरत नहीं है। जरूरी यह है कि आप मास्क पहनें, हाथ धोएं और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें। नए वेरिएंट के खिलाफ, सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और सावधानी बरतना ही सबसे अच्छा उपाय है।
भारत में बूस्टर डोज की स्थिति- Booster Dose Status in India
भारत सरकार ने अभी तक जेएन.1 वेरिएंट के लिए विशेष बूस्टर डोज की सिफारिश नहीं की है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को सतर्क रहने और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जेएन.1 वेरिएंट से बचने के लिए अपनाएं ये जरूरी सावधानियां- Tips to Prevent JN.1 Varient of Covid
- भीड़भाड़ वाली या बंद जगहों (जैसे मॉल, मेट्रो, बस) में एन95 या 3-लेयर मास्क पहनें। इससे वायरस इनहेल करने का खतरा कम होता है।
- बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, खासकर बाहर से घर लौटने के बाद।
- सोशल डिस्टेंसिंग रखें, खासकर बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
- लक्षण दिखते ही कोविड का टेस्ट कराएं और दूसरों से दूरी बनाएं।
- विटामिन-सी, जिंक युक्त खाद्य पदार्थ, हल्दी-दूध और मौसमी फलों का सेवन करें। नींद पूरी लें और तनाव कम करें।
- अस्थमा, सीओपीडी या अन्य रेस्पिरेटरी बीमारी वाले लोग नियमित दवा लें और बाहर निकलने से बचें।
- जंक फूड से बचें, घर का बना हल्का, ताजा और पौष्टिक खाना खाएं ताकि शरीर वायरस से लड़ सके।
स्वास्थ्य विभाग की मानें, तो फिलहाल आपको जेएन.1 वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर शॉट लेने की जरूरत नहीं है। मास्क लगाना, दूसरों से उचित दूरी बनाने जैसे उपायों की मदद से भी आप सुरक्षित रह सकते हैं। अभी सरकार ने बूस्टर डोज लेने की सिफारिश नहीं की है।
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FAQ
JN.1 कोविड के लक्षण क्या हैं?
JN.1 वेरिएंट के लक्षण सामान्य कोविड जैसे हैं- हल्का बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, बदन दर्द, नाक बहना और थकान। कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्कत भी देखी गई है।अभी कौन सा COVID वेरिएंट चल रहा है?
भारत में फिलहाल LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जैसे ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट एक्टिव हैं। इनमें JN.1 सबसे ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि यह तेजी से फैल रहा है लेकिन ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के रहते हैं।JN.1 से बचाव कैसे करें?
मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, भीड़भाड़ से बचें, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले आहार लें और लक्षण दिखते ही टेस्ट कराएं। बुजुर्ग और बीमार लोग डॉक्टर की सलाह से बूस्टर डोज ले सकते हैं।
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