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Covid in Pregnancy: प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कोविड होने पर क्या करें? डॉक्‍टर से जानें जरूरी सुझाव

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कोविड हो जाए, तो घबराएं नहीं, डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, हाइड्रेट रहें और आराम करें। नियमित मॉनिटरिंग भी जरूरी है।
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Covid in Pregnancy: प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कोविड होने पर क्या करें? डॉक्‍टर से जानें जरूरी सुझाव


भारत में कोरोना के मामलों की संख्या 1 हजार के पार जा चुकी है। देश में कोरोना के सबसे ज्यादा केस केरल और फ‍िर महाराष्ट्र में पाए गए हैं। ये मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। यह वेरिएंट पहले की तुलना में ज्‍यादा तेजी से फैलता है, लेकिन इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। लखनऊ के डफर‍िन हॉस्‍प‍िटल की वर‍िष्‍ठ गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ ल‍िल‍ि स‍िंह ने बताया क‍ि फ‍िलहाल कोव‍िड के जेएन.1 वेरिएंट (COVID JN.1) से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन बुजुर्गों, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और गर्भवती मह‍िलाओं को सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में गर्भवती मह‍िलाएं और गर्भ में पल रहे श‍िशु के लिए कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 कितना खतरनाक हो सकता है और प्रेग्नेंसी में कोव‍िड (Covid in Pregnancy) होने पर मह‍िलाओं को क्‍या करना चाह‍िए।

प्रेग्नेंसी में कोविड JN.1 वेरिएंट: कितना खतरा?- Covid JN.1 Dangers in Pregnancy

  • डॉ ल‍िल‍ि स‍िंह ने बताया क‍ि पहले के वेर‍िएंट्स की तुलना में, जेएन.1 वेर‍िएंट तेजी से फैलता है, ज्‍यादातर मामलों में लक्षण हल्‍के होते हैं जैसे जुकाम, गले में दर्द, बुखार, थकान आद‍ि।
  • लेक‍िन प्रेग्नेंसी की पहली त‍िमाही में ज्‍यादा सावधानी की जरूरत होती है। इस दौरान, कोई भी वायरल बुखार, गर्भस्‍थ श‍िशु के व‍िकास को प्रभाव‍ित कर सकता है। इसलिए जेएन.1 के लक्षणों को हल्के में न लें।
  • प्रेग्नेंसी में महिलाओं की इम्‍यून‍िटी थोड़ी कमजोर हो जाती है, जिससे वायरस शरीर को जल्दी पकड़ सकता है और थकान, डिहाइड्रेशन, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  • अगर जेएन.1 वेरिएंट से संक्रमित गर्भवती महिला को सांस लेने में दिक्कत हो, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऑक्सीजन लेवल कम होने से भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • अगर समय रहते कोविड की पुष्टि हो जाए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं, आराम और पोषण लिया जाए, तो खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है।

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प्रेग्नेंसी में कोविड होने पर सबसे पहले करें ये काम- First Step After Detecting Covid in Pregnancy

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  • पहली त‍िमाही में कोविड की पुष्टि होते ही अपने गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट को बताएं।
  • परिवार के दूसरे सदस्यों से दूरी बनाएं और एक अलग कमरे में रहें।
  • हल्का और पौष्टिक भोजन खाएं। इससे शरीर को आराम मिलेगा और इम्यूनिटी बेहतर रहेगी।
  • दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी या सूप पिएं।
  • थकान और शरीर में दर्द होने पर नींद पूरी करना और आराम जरूरी है।

प्रेग्नेंसी में कोविड होने पर मेडिकल हेल्‍प कब लें?- Medical Help in Covid During Pregnancy

  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • ऑक्सीजन लेवल 94 % से नीचे आना
  • तेज बुखार आना
  • ब्लीडिंग या पेट में तेज दर्द
  • बहुत ज्यादा थकान या चक्कर आना
  • इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे में तुरंत हॉस्‍प‍िटल पहुंचें।

पोषण से इम्‍यून‍िटी मजबूत करें- Boost Immunity with Nutrition

  • विटामिन-सी और जिंक युक्त फल और सब्जि‍यों जैसे आंवला, संतरा, कीवी और लौकी का सेवन करें।
  • फाइबर युक्त भोजन खाएं। इससे कब्ज से राहत म‍िलेगी और पाचन में सुधार होगा।
  • हल्दी वाला दूध या सूप प‍िएं। इससे सूजन और इंफेक्‍शन से लड़ने में मदद म‍िलेगी।
  • ओमेगा-3 युक्त चीजें खाएं जैसे अखरोट और अलसी के बीज।
  • हल्की गर्म चीजें जैसे मूंग की दाल और खिचड़ी का सेवन करें।

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें- Mental Health Tips in Pregnancy

  • प्रेग्नेंसी में स्‍ट्रेस के लक्षणों को नोट‍िस करें और डॉक्‍टर से मदद लें।
  • रोज ध्‍यान और मेड‍िटेशन करें। दिन में 10-15 मिनट मेडिटेशन करने से मन शांत रहता है।
  • भावनाओं को बांटना भी एक थेरेपी है। इसल‍िए अपने पर‍िवार वालों और डॉक्‍टर के संपर्क में रहें।
  • दिनभर कोविड से जुड़ी खबरें देखने से बचें और गर्भवती मह‍िलाओं की मेंटल हेल्‍थ के ल‍िए ड‍िजि‍टल ड‍िटॉक्‍स भी जरूरी है।

प्रेग्नेंसी में कोविड वैक्सीन कब लें?- Covid Vaccine in Pregnancy 

अगर आपने प्रेग्नेंसी से पहले कोविड-19 वैक्सीन की कोई डोज नहीं ली है, तो डॉक्टर से सलाह लें। डब्‍ल्‍यूएचओ और भारत सरकार ने गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन लगवाने की अनुमति दी है, लेकिन पहली तिमाही में स्थिति और लक्षणों को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला ल‍िया जाता है।

प्रेग्नेंसी में फॉलो-अप जरूर करवाएं। कोविड के दौरान या बाद में अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट जरूरी होते हैं ताकि शिशु की ग्रोथ पर नजर रखी जा सके। पहली तिमाही में कोविड JN.1 होने पर घबराएं नहीं, बस जरूरी ट‍िप्‍स को फॉलो करें।

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FAQ

  • COVID-19 JN-1 कितने समय तक रहता है?

    JN.1 इंफेक्‍शन आमतौर पर 7 से 10 दिनों तक रहता है। हल्के लक्षण 3-5 दिनों में ठीक हो सकते हैं, लेकिन पूरी रिकवरी में ज्‍यादा समय लग सकता है।
  • JN1 वेरिएंट omicron है?

    हां, JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही सब-वेरिएंट है। यह पहले के वेरिएंट्स की तुलना में ज्‍यादा तेजी से फैलता है लेकिन आमतौर पर इसके लक्षण हल्के होते हैं। 
  • JN1 कितना खराब है?

    JN.1 वेरिएंट के फैलने की दर ज्‍यादा है लेकिन इसके कारण गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने के मामले बहुत कम देखे गए हैं। बुज़ुर्ग और कमजोर मरीज सतर्क रहें।

 

 

 

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