कोरोना वायरस से पीड़ित सिएटल की एक महिला ने साझा किया अनुभव, Covid-19 को लेकर किए कई खुलासे

फेसबुक के जरिए कोरोना वायरस से पीड़ित महिला ने ठीक होने के बाद साझा किया अनुभव, पोस्ट में किए कोरोना से जुड़े कई दावे।   
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कोरोना वायरस से पीड़ित सिएटल की एक महिला ने साझा किया अनुभव, Covid-19 को लेकर किए कई खुलासे


कोरोना वायरस ने दुनियाभर में अपने पैर फैला लिए हैं। आए दिन लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे पीड़ित लोगों की संख्या काफी ज्यादा तादात में हो गई है। वहीं, दूसरी ओर लोगों को कोरोना वायरस को लेकर काफी ज्याद डर पैदा हो गया है। लेकिन उस डर को दूर करने के लिए एक महिला जो कोरोना वायरस से पीड़ित थी उसने फेसबुक के जरिए अपनी कहानी साझा की है। 

सिएटल में रहने वाली एलिजाबेथ शेंडर नाम की एक महिला ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों के सामने अपना अनुभव रखा है। इसके साथ ही उन्होंने वायरस को लेकर कई खुलासे किए हैं। एलिजाबेथ शेंडर की यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के सिएटल फ्लू स्टडी सेंटर में एक जांच के दौरान कोरोना की पुष्टि हुई थी। एलिजाबेथ ने बताया कि न तो उन्हें खांसी थी, न ही उन्हें जुकाम था और न ही उन्हें किसी तरह की छींकें आ रही थीं। 

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कोरोना वायरस को लेकर एलिजाबेथ ने उठाए सवाल

एलिजाबेथ ने अपने फेसबुक पोस्ट में अपना और अपने दोस्तों का अनुभव साझा करते हुए कहा कि ''मैं एक पार्टी के दौरान COVID-19 के संपर्क में आई थी। लेकिन मुझे या फिर किसी मेरे दोस्त को किसी भी तरह की खांसी, जुकाम और छींक नहीं थी। जबकि फिर भी मेरे साथ पार्टी में मौजूद कई लोगों को कोरोना वायरस का शिकार होना पड़ा''। 

एलिजाबेथ ने अपने पोस्ट में एक सवाल उठाते हुए कहा कि ''मीडिया में बताया जा रहा है कि अगर आप अपने आपको साफ रखते हैं और अपने हाथों को धोकर उन्हें साफ रखते हैं तो आप इस वायरस की चपेट से दूर रह सकते हैं। लेकिन मैंने और मेरे दोस्तों ने ये सभी चीजें की फिर भी हम कोरोना जैसी घातक बीमारी का शिकार बन गए''। 

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'कोरोना वायरस के अलग-अलग है लक्षण'

एलिजाबेथ ने बताया कि ''इस बीमारी में जरूरी नहीं कि एक ही लक्षण हो, हर उम्र के अलग लक्षण दिखाई दिए हैं। मेरे लिए इसके लक्षण सिर दर्द, बुखार, बदन दर्द और जॉइंट पेन रहा। इसके साथ ही बुखार काफी ज्यादा हो गया था करीब 103 डिग्री तक था। वहीं, दूसरी ओर मेरे कुछ दोस्तों को इस वायरस में डायरिया भी हो गया। एलिजाबेथ ने अपने सभी दोस्तों का अनुभव साझा करते हुए कहा कि कुछ को चेस्ट में भारीपन रहा और सांस लेने में परेशानी हुई। इसके साथ ही इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये थी कि कोरोना वायरस(COVID-19) के दौरान हमे यानी मुझे और मेरे किसी भी दोस्त को किसी तरह का कोई कफ नहीं रहा। जबकि हर कोई इसका प्रमुख लक्षण यही बता रहा है''। 

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'वायरस के जांच की कमी'

एलिजाबेथ आगे अपने पोस्ट में लिखती हैं कि ''जब मैंने सिएटल फ्लू स्टडी सेंटर में अपनी जांच कराई जो कि कोरोना के लिए नहीं बल्कि एक फ्लू की स्टडी के लिए थी। उन्होंने ही ये सैम्पल किंग काउंटी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट भेजा जहां मैं कोरोना वायरस की चपेट में पाई गई। इसके बाद मुझे 7 दिनों तक आइसोलेशन पर रहने की सलाह दी''। इसके बाद इलाज के दौरान की एलिजाबेथ ने कई खुलासे किए। एलिजाबेथ ने बताया कि ''कोरोना वायरस पीड़ित सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जा रहा है। बल्कि मुझे दवाएं भी आम फ्लू वाली ही दी गई थी''। 

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''कोरोना वायरस की जांच में कमी होने के कारण ऐसी बातें फैलाई जा रही है कि भीड़ में जाने और खांसी-जुकाम जैसी चीजों से आपको इस वायरस का खतरा है। जबकि कुछ लोगों में इस तरह के लक्षण नहीं है उन लोगों को भी कोरोना वायरस का शिकार होना पड़ा। एलिजाबेथ ने दावा किया है कि बार-बार हाथ धोना कोरोना से बचाव नहीं करता''।

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