भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 1,94,720 नए मामले सामने आए हैं। कल की तुलना में आज कोरोना मामलों में 15.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो, 24 घंटे में 442 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है और इस अब तक कोरोना से 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं, ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी में वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉक्टर जयप्रकाश मुलियिल का कहना है कि ओमीक्रोन वेरिएंट इतना संक्रामक है कि ये लगभग हर किसी को हो सकता है। डॉक्टर जयप्रकाश का ये भी कहना है कि भारत में लगभग 90% लोगों को ओमीक्रोन होगा लेकिन हम में से बहुत लोग ये भी नहीं जान पाएंगे कि हम संक्रमित हुए भी हैं या नहीं। तो, आइए विस्तार से जानते हैं कोरोना से जुड़े ऐसे ही छोटे-बड़े अपडेट्स।
कुछ राज्यों में बहुत तेज है संक्रमण दर
भारत में इस समय एक्टिव मरीजों की संख्या 9,55,319 है। डेली पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 11.05 प्रतिशत हो गई। इस बीच, देश में ओमाइक्रोन की संख्या 4,868 पर पहुंच गई। महाराष्ट्र में नए संस्करण के सबसे अधिक मामले 1,281 हैं और इसके बाद राजस्थान 645 व दिल्ली 546 मामले के साथ तीसरे नंबर पर है। साथ ही मंगलवार को देश भर के कई राज्यों में कोविड -19 मामलों में बढ़ोचरी देखी गई। पश्चिम बंगाल में, सक्रिय मामलों की संख्या 1 लाख का आंकड़ा पार कर गई जहां 21,098 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। तो, तमिलनाडु में15,379 नए मामले दर्ज किए। इसी तरह, केरल ने अपने दैनिक मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की, जिसमें 9,066 नए संक्रमण दर्ज किए गए।
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इस बीच, महाराष्ट्र में 34,424 नए मामले दर्ज किए गए, जो पिछले दिन की तुलना में 954 अधिक है। हालांकि, मुंबई में कोरोना मामलों में कमी आ रही है। 7 जनवरी के बाद ये यहां रोज मामलों में कमी देखी गई है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को 21,259 नए मामले सामने आए और 23 लोगों की मौत हुई जो 16 जून के बाद सबसे अधिक मौतें हैं। इन तमाम चीजों को देखते हुए दिल्ली में भी कल से कुछ नए प्रतिबंधों की शुरुआत हुई है, जिसमें निजी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया गया है।
मेडिकल विशेषज्ञ का दावा 90% लोगों को होगा ओमीक्रोन
ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी में वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉक्टर जयप्रकाश मुलियिल का कहना है कि 90% लोगों को होगा ओमीक्रोन हो सकता है। ऐसे में 80 प्रतिशत तक वे लोग होंगे जिन्हें ये भी मालूम नहीं होगा कि वे संक्रमित हुए भी हैं या नहीं। डॉ. मुलयन ने एक न्यूज चैनल को दिए बयान में कहा कि हम महामारी की नैसर्गिक प्रगति को नहीं रोक पाएंगे। इसलिए किसी मेडिकल बॉडी ने बूस्टर डोज का सुझाव नहीं दिया। मुलियिन का कहना है कि इंफेक्शन महज दो दिन में दोगुने हो रहे हैं इसलिए क्लोज कांटेक्ट की टेस्टिंग का भी कोई फायदा नहीं है। ऐसे में जब तक टेस्ट के रिपोर्ट आएंगे, इसके पहले ही संक्रमित शख्स, संक्रमण को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचा चुका होगा। इससे महामारी के फैलने में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
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डॉक्टर जयप्रकाश मुलियिल का इसलिए भी मानना है कि कड़े लॉकडाउन भी इसमें लंबे समय तक काम नहीं कर पाएंगे। हमें इस बात को समझने की जरूरत है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट की तुलना में बहुत हल्का है और ज्यादातर भारतीय इससे लड़ सकते हैं क्योंकि उनमें इससे लड़ने की नेचुरल इम्युनिटी पहले से ही है।
वहीं, दक्षिण अफ्रीका जहां से पहली बार ओमीक्रोन की रिपोर्ट की गई थी, वहां के दो क्लीनिकल ट्रायल के प्रारंभिक निष्कर्ष सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि ओमीक्रोन की तरह ही कोरोनावायरस के आने वाले ज्यादातर वेरिएंट बिना लक्षण वाले हो सकते हैं। ऐसे में ये संक्रामक है पर ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण ना के बराबर नजर आ सकते हैं। हालांकि, लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।